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UP News: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी 16 मार्च से करेंगे 72 घण्टे की हड़ताल

UP News: 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे।

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Newstrack Network
Published on: 17 Feb 2023 1:21 PM GMT
Electricity Workers to Go on 72 hours Strike From March 16
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Electricity Workers to Go on 72 hours Strike From March 16

UP News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदा/संविदा कर्मचारी आगामी 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। संघर्ष समिति की लखनऊ में हुई बैठक में समझौते का क्रियान्वयन न होने तथा उत्पादन निगम और पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण का निर्णय लिये जाने के विरोध में हड़ताल का निर्णय लिया गया।

14 मार्च को मशाल जुलूस निकाले जायेंगे

72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे। 20 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे जन-जागरण अभियान के अन्तर्गत संघर्ष समिति की ओर से सभी परियोजना एवं डिस्कॉम मुख्यालयों पर रैली के कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। इस दौरान ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये जायेंगे।

संघर्ष समिति की मुख्य मांग यह है कि 03 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये, ओबरा व अनपरा में स्थापित की जा रही नई बिजली परियोजनायें उत्पादन निगम को दी जायें, पारेषण के नये बनने वाले सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य यूपी पावर ट्रांस्को को दिया जाये, वर्ष 2000 के बाद में सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाये और बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये।

संघर्ष समिति द्वारा ऊर्जा निगमों के चेयरमैन को प्रषित नोटिस में कहा गया है कि विगत 03 दिसम्बर को मा. ऊर्जा मंत्री, उप्र सरकार एवं मा. मुख्यमंत्री, उप्र सरकार के सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी के साथ हुए लिखित समझौते के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये और उत्पादन निगम तथा पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण किये जाने के फैसले से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है।

यह विदित हुआ है कि ओबरा एवं अनपरा में 800-800 मेगावाट क्षमता की दो-दो इकाईयों को स्थापित करने का एमओयू एनटीपीसी लि के साथ किया गया है। इस हेतु ओबरा में 500 एकड़ क्षेत्र में कालोनी गिरायी जायेगी। यह दोनों परियोजनायें उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम की परियोजनायें हैं। इस प्रकार एन.टी.पी.सी. लि. को ओबरा व अनपरा परिसर में नई परियोजनायें देना सीधे-सीधे उत्पादन निगम का निजीकरण है जो विगत कई समझौतों का खुला उल्लंघन है। इसी प्रकार पारेषण में 200 केवी एवं उच्च विभव के सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य निजी क्षेत्र को देने की प्रक्रिया चल रही है।

संघर्ष समिति की नोटिस में कहा गया है कि शक्तिभवन मुख्यालय में कार्यरत बिजली कर्मचारियों एवं निविदा/संविदा कर्मचारियों को परेशान करने हेतु करोड़ों रूपये का अपव्यय कर फेस रिकगनिशन प्रणाली लगायी जा रही है। संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि इस अनावश्यक अपव्यय को न किया जाये और कार्य में व्यवधान पैदा करने वाली इस प्रणाली को वापस लिया जाये तथा नियमित पदों पर नियमित भर्ती करते हुए निविदा/संविदा कर्मचारियों को तेलंगाना, राजस्थान आदि प्रान्तों की तरह नियमित किया जाये। नियमित होने तक 03 दिसम्बर के समझौते के अनुसार विभिन्न ऊर्जा निगमों में कार्यरत निविदा/संविदा कर्मचारियों को समान पद पर समान मानदेय दिया जाये।

संघर्ष समिति की बैठक में राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जी.वी. पटेल, गिरीश पाण्डेय,मनीष कुमार मिश्र, महेन्द्र राय, सुहेल आबिद, पी.के. दीक्षित, शशिकान्त श्रीवास्तव, पी एन तिवारी, मो. वसीम, छोटेलाल दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, आर.वाई. शुक्ला, देवेन्द्र पाण्डेय, योगेन्द्र कुमार, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भूरत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, आर.के. सिंह मुख्यतया उपस्थित थे।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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