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गर्मी से राहत पाने के लिए स्विमिंग पूल में डुबकी लगा रहे 'गजराज'
उत्तर प्रदेश में पारा लगातार बढ़ने से लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। भीषण गर्मी से वन्यजीव भी परेशान हैं। ऐसे में वाइल्डलाइफ एसओएस (Wildlife Sos) के मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में मौजूद हाथी अपने-अपने निजी स्विमिंग पूल में डुबकी लगा कर गर्मी को मात दे रहे हैं।
आगरा: प्रदेश में बढ़ते तापमान को मात देने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस (Wildlife Sos) ने उनके बचाए गए सभी हाथियों के लिए आजीवन देखभाल के तहत अद्भुत व्यवस्थाएं की हैं। मथुरा में एनजीओ के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र (Elephant Conservation and Care Centre) में सभी 29 हाथियों के पास अपने स्वयं के जंबो स्विमिंग पूल के साथ-साथ पानी की छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर भी हैं, जो उनके बड़े-बड़े बाड़ों को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
हाथी अपने स्विमिंग पूल में समय बिताते हुए भरपूर आनंद लेते हैं। जहां बूढ़े हाथी, ठंडे ताजा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद करते हैं, वहीं कुछ हाथी जैसे की चंचल, पीनट, कोकोनट और लक्ष्मी ऐसे भी हैं जो पानी में गोते लगाते हैं और पूल के अंदर रबर के टायरों के साथ खेलते हुए दिखाई देते हैं। यह पूल 400 वर्ग फुट और 6 फुट गहरा हैं। हाथियों को इनके अंदर आसानी से जाने के लिए प्रत्येक पूल में एक झुका हुआ रैंप है। गर्मी से राहत देने के अलावा, पानी हाथियों के पैरों से अपने भारी वजन को कम करने में भी मदद करता है।
हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल
वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी अस्पताल में हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी है। हाइड्रोथेरेपी हाथियों के दर्द भरे जोड़ों और पैरों के लिए एक प्रभावी उपचार है, जो की पानी के चिकित्सीय लाभों का उपयोग करते हुए ट्रीटमेंट का ही एक रूप है, जिससे उन्हें शारीरिक रूप से आराम मिल सके। हाइड्रोथेरेपी मांसपेशियों के दर्द से राहत देने के साथ-साथ मांसपेशियों को प्राकृतिक तरीके से पुनर्निर्माण में मदद करता है।
पूल में लगे हैं 21 हाईप्रेशर वाले जेट स्प्रे
हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फुट गहरा है और इसमें 21 हाईप्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं. ये पानी को प्रेशर से फेकते हैं, ताकि हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद मिल सके।
तमाम कठिनाईयों से गुजर चुके ये हाथी
वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी सेंटर में लाये गए हाथियों को सर्कस में प्रदर्शनी, पर्यटकों की सवारी, सड़कों पर भीख मांगने और शादी एवं बारात आदि में इस्तेमाल होने जैसी अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाया गया है। अतीत में उन्हें अक्सर ऐसे वातावरण में रखा गया जो कि उनके शरीर के लिए नहीं बना है या फिर उन्हें कंक्रीट पर घंटों तक जंजीर में बांधकर रखा गया जिसकी वजह से कम उम्र में ही इन्हें आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों ने जकड़ लिया। इसके चलते वह ज्यादा देर तक खड़े होने या चलने में अत्यधिक दर्द महसूस करते हैं।
गर्मी से बचाने के लिए हाथियों को मिल रहा उपयुक्त आहार
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु-चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि 'जंबो पूल के अलावा हाथियों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है। जिसमें तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी जैसे फल और सब्जी शामिल हैं. ये उन्हें हाइड्रेटीड रखने में मदद करते हैं।' उन्होंने बताया कि 'हम हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए ग्लूकोज का पानी, इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन और हर्बल दवाएं भी हाथियों को दे रहे हैं।'
हाथियों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि 'कैद में रहे इन हाथियों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर दिया जाता है। आज यह देखकर हमें सुकून मिलता है कि हमारे प्रयासों से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया हैl हम किसी भी तरह के संकट में फंसे ऐसे और हाथियों की मदद करना जारी रखेंगे।'
पूल में घंटों बिताते हैं हाथी
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी ने कहा कि 'हाथी पूल में घंटों बिताते हैं और उन्हें पानी में आराम करते देखना हमारे दिल को खुशी से भर देता है। हम उन्हें यमुना नदी में भी ले जाते हैं, जिसका वे भरपूर आनंद उठाते हैं और कुछ हाथी तो पानी में अठखेलियां भी करते हैं.'
सह-संस्थापक ने बताया वाइल्डलाइफ SOS का उद्देश्य
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा कि 'हालांकि अतीत को बदला नहीं जा सकता, लेकिन हमारे पशु-चिकित्सक और प्रशिक्षित देखभाल कर्मचारियों की समर्पित टीम इन पुनर्वासित हाथियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 24घंटे काम करती है। वाइल्डलाइफ एसओएस का उद्देश्य इन जानवरों को उच्च स्तर की पशु चिकित्सा देखभाल और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करना है।'