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शर्मनाक : मोबाइल गिरवीं रखने पर मिला स्ट्रेचर, नहीं मिली एम्बुलेंस, मरीज लेकर 2 k.m पैदल चले तीमारदार
शाहजहांपुर में एक गंभीर मरीज को पैसे के अभाव में पहले तो एम्बुलेंस देने से मना कर दिया गया। अस्पताल से घर ले जाने के लिए एक स्ट्रेचर मुहैया कराया गया लेकिन उसके बदले में भी तीमारदारों से 200 रुपये और मोबाइल जमा करा लिए गये।
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर से मानवता को शर्मशार कर देने वाली खबर सामने आई है। मामला स्वास्थ विभाग से जुड़ा हुआ है। यहां एक गंभीर मरीज को पैसे के अभाव में पहले तो एम्बुलेंस देने से मना कर दिया गया।
बाद में तीमारदारों की तरफ से कई बार मिन्नतें करने पर किसी तरह मरीज को अस्पताल से घर ले जाने के लिए एक स्ट्रेचर मुहैया कराया गया। लेकिन उसके बदले में भी तीमारदारों से 200 रुपये और मोबाइल जमा करा लिए गये। इस घटना के सामने आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के अफसर मौन साधे हुए है।
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ये है पूरा मामला
दरअसल थाना चौक कोतवाली निवासी राकेश पुत्र रामसेवक की 6 दिन पहले तबियत खराब हो गई। तब राकेश के परिजन गरीबी के चलते राकेश को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसका चार दिन तक इलाज चलता रहा। आरोप है कि इलाज के दौरान मरीज के परिजनों के पास पैसे खत्म हो गए तो अस्पताल के स्टाफ ने उसे देखना भी बंद कर दिया। हालत बिगड़ती देख और पैसा से मजबूर राकेश के परिजनों ने अस्पताल से बीते मंगलवार को छुट्टी करवा ली।
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उसकी हालत बिगड़ रही थी और उसके पास पैसे भी नहीं थे। परिजनों ने एंबुलेंस से लेकर प्राइवेट गाड़ी वालों से मरीज को घर पहुंचाने के लिए कहा। लेकिन पर्याप्त पैसे न होने के कारण कोई राजी नहीं था। आरोप है कि मरीज के परिजनों ने गाड़ी न मिलने पर अस्पताल स्टाफ से घर तक मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर मांगा।
लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने स्ट्रेचर के बदले दो सौ रुपए राकेश के परिजन का मोबाइल गिरवीं रखने की बात की। जिस पर परिवार के लोग राजी हो गये। और स्ट्रेचर पर लादकर मरीज को करीब दो किलोमीटर दूर अपने घर तक ले गए। किसी ने इसका विडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इस वीडियो के सामने आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के अफसर चुप्पी साधे हुए है।
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गौर करने वाली बात ये है कि मरीज जिस स्थान का रहने वाला है, वहां से दो किलोमीटर दूर कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना का घर है। और इसी शहर विधानसभा से कैबिनेट मिनिस्टर विधायक भी है। उसके बावजूद इस जिले के ऐसा हाल है।
वहीं इस मामले में सीएमओ आरपी रावत का कहना है कि वीडियो वायरल होने के बाद जिला अस्पताल के डाक्टर यूके सिंहा और डाक्टर सुरेश कुमार को जांच के आदेश दिए है। हालांकि ये तो साफ हो गया है कि स्ट्रेचर से मरीज को घर तक ले गया था। लेकिन इस मामले मे पैसे की बात सामने आ रही है। इसलिए जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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