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सरकारी विभागों में चालीस प्रतिशत पद रिक्‍त, सरकार नहीं कर रही भर्ती

उत्‍तर प्रदेश सरकार बेरोजगारी दूर करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही है। प्रदेश के सरकारी विभागों में चालीस फीसदी तक पद कई सालों से रिक्‍त पडे हैं लेकिन सरकार उन पदों पर भर्ती करने की कोशिश ही नहीं कर रही है।

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Published on: 21 Sept 2020 8:06 PM IST
सरकारी विभागों में चालीस प्रतिशत पद रिक्‍त, सरकार नहीं कर रही भर्ती
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सरकारी विभागों में चालीस प्रतिशत पद रिक्‍त, सरकार नहीं कर रही भर्ती

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश सरकार बेरोजगारी दूर करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही है। प्रदेश के सरकारी विभागों में चालीस फीसदी तक पद कई सालों से रिक्‍त पडे हैं लेकिन सरकार उन पदों पर भर्ती करने की कोशिश ही नहीं कर रही है। कर्मचारी, शिक्षक एवं अधिकारी, पेंशनर्स अधिकारी मंच ने सोमवार को सरकारी विभागों में रिक्‍त पदों के आंकडे जारी किए। मंच ने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे नौकरशाह अपनी मनमानी कर रहे हैं आईएएस एवं पीसीएस पदों को तो भरा जा रहा है लेकिन निचले स्‍तर की भर्तियां रोक दी गई हैं।

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योगी सरकार के आकड़ें गलत

योगी सरकार अपने साढ़े तीन साल में सरकारी नौकरी भर्ती के जो आकड़ें बता रही है वह गलत है। जन सूचना अधिकार के तह्त मिली जानकारी का उल्‍लेख करते हुए कर्मचारी शिक्षक एवं अधिकारी पेंशनर्स अधिकारी मंच ने दावा किया है कि प्रदेश सरकार सरकारी नौकरी में भर्ती संबंधी आंकडों को गलत संदर्भ और तरीके से पेश कर रही है।

हकीकत यह है कि प्रदेश के सहकारिता, दिव्यांग सशक्तीकरण, कर्मचारी बीमा जन चिकित्सा, वाणिज्य कर, वाणिज्यकर मुख्यालय, सर्तकता जैसे दर्जनों विभागों में 30 से 40 प्रतिशत पद लम्बे अरसे से खाली पड़े है। यह हाल तब है कि जबकि सरकारों ने पिछले लगभग एक दशक के दौरान नए पद सृजित नहीं किए हैं। पुराने स्‍वीकृत पदों पर भी सरकार भर्ती नहीं कर रही है।

मीडिया से वार्ता के दौरान मंच के संरक्षक बाबा हरदेव सिंह, अध्‍यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा, प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी और हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में भर्ती मामले में खुला झूठ बोल रही है। इसका प्रमाण केवल कुछ विभाग की रिक्तियां ही हैं जो सालों साल से बनी हुई हैं लेकिन इन पदों पर भर्ती की कोई कोशिश नहीं की गई।

ऐसे विभाग जिनका जनता से सीधा सरोकार है और बेहद संवेदनशील हैं। कलेक्ट्रेट के 243 सीजनल सहायक वासील वाकी नबीस के विनियमतीकरण का प्रकरण शासन में काफी समय से लम्बित है। भर्ती के पहले इस पर आदेश होना आवष्यक है। मुख्य सचिव की बैठक में नियमावली पूर्ववत लागू करने का आदेश हुआ जो अभी भी शासन में लम्बित है। बिना नियमावली संशोधन के भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। इसी तरह अन्‍य विभागों में भी छोटी – छोटी वजहों से रिक्‍त पदों पर भर्ती रोक रखी गई है।

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अन्‍य विभाग जिनमें रिक्‍त पदों पर नहीं हो रही भर्ती

सहकारिता विभाग - सहायक सांख्यिकी अधिकारी के कुल स्वीकृत 35 पद में 33 रिक्‍त ।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग- निदेषक, मुख्य वित्त लेखाधिकारी, संयुक्त निदेषक, सहायक लेखाधिकारी के सभी पद रिक्त। उप निदेशक के 13 में से 12 पद रिक्त। अधीक्षक के 18 में से 12 पद रिक्त। जिला विकंलाग जन विकास अधिकारी के 75 पदों में से 36 पद रिकत, प्रवक्ताओं के 48 में से 19 पद रिक्त । विभाग में कुल 757 स्वीकृत पद में 343 पद रिक्त है।

संस्थागत वित्त, बीमा एवं बाह्य सहाययित परियोजना विभाग- 148 पदों के सापेक्ष 72 पद रिक्त।

वाणिज्य कर विभाग- वाणिज्‍य कर निरीक्षक 278 में 45 पद रिक्त ।

नागरिक सुरक्षा निदेषालय - उप निदेशक के 80 में 76 पद रिक्त ।

सर्तकता विभाग- अधिकारी संवर्ग के 97 में से 66 पद, तृतीय श्रेणी के 603 में से 362 पद रिक्‍त। चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत 59 पद में 43 रिक्त है।

अखिलेश तिवारी



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