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UP Encounter: योगी के राज में फिर एनकाउंटर, अभी तक मारे गए कितने अपराधी, किन जातियों से जुड़े हुए हैं सबसे ज्यादा बदमाश
UP Encounter: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में एनकाउंटर को लेकर समाजवादी पार्टी समेत कुछ अन्य दलों के नेता हमेशा सवाल खड़े करते रहे हैं।
UP Encounter: यूपी एसटीएफ ने सुल्तानपुर के भरत जी ज्वेलर्स के यहां पड़ी डकैती के एक और आरोपी अनुज प्रताप सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया है। इससे पहले इस डकैती को लेकर मंगेश यादव को भी एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है जिसे लेकर यूपी की सियासत भी गरमा गई थी। अनुज प्रताप सिंह का एनकाउंटर आज तड़के उन्नाव में हुआ। अनुज प्रताप सिंह पर एक लाख का इनाम घोषित था और पुलिस सुल्तानपुर डकैती कांड के बाद ही उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में एनकाउंटर को लेकर समाजवादी पार्टी समेत कुछ अन्य दलों के नेता हमेशा सवाल खड़े करते रहे हैं। अपराधियों की जाति और धर्म को लेकर भी सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि योगी के राज में अभी तक कितने अपराधी मारे गए हैं और आखिरकार ये अपराधी किन जातियों से जुड़े हुए हैं। योगी ने 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी और 2017 से अगस्त 2024 तक 207 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं। योगी के राज में मारे गए अपराधियों में सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिम अपराधियों की है।
मंगेश यादव के बाद अनुज प्रताप सिंह का एनकाउंटर
सुल्तानपुर मैं हुई डकैती की मीडिया और सोशल मीडिया में खूब चर्चा हुई थी क्योंकि बेखौफ बदमाशों ने दिनदहाड़े करोड़ों की लूट की थी। इस घटना को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए थे। घटना के बाद से ही यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई की है।
इस चर्चित डकैती के मामले में अभी तक दो आरोपी मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह मारे जा चुके हैं जबकि नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। चार फरार आरोपियों की तलाश में यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस की ओर से लगातार छापेमारी की जा रही है।
मंगेश के एनकाउंटर के बाद से सपा हमलावर
सुल्तानपुर में 28 अगस्त को ज्वेलरी शोरूम में डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था और इसके बाद सितंबर महीने की शुरुआत में यूपी एसटीएफ ने घटना के मुख्य आरोपी और एक लाख के इनामी मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में जाति देखकर अपराधियों का एनकाउंटर किया जाता है। सपा के कई अन्य नेताओं ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल करते हुए इसे हत्या बताया था।
सपा नेता सुनील सिंह साजन का कहना था कि जब अपराधी सीएम की जाति का होगा तो पुलिस की गोली कमर के नीचे चलती है मगर जब अपराधी मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण या गुर्जर होगा तो पुलिस की गोली कमर के ऊपर चलती है।
योगी के राज में मारे गए बदमाशों का जातीय आंकड़ा
उल्लेखनीय बात यह है कि सपा की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद आज जिस अपराधी को मुठभेड़ में मारा गया है,उसका नाम अनुज प्रताप सिंह है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में मारे गए अपराधियों का जातीय आंकड़ा जानना भी जरूरी है। यदि उत्तर प्रदेश में मारे गए अपराधियों के जातीय आंकड़ों पर गौर किया जाए तो रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2017 से अप्रैल 2023 तक मारे गए 183 अपराधियों में विभिन्न जातियों और समुदायों से जुड़े हुए वनवास शामिल थे।
मार्च 2017 से अप्रैल 2023 तक मारे गए 183 अपराधियों में 61 मुस्लिम, 18 ब्राह्मण, 16 ठाकुर, 15 जाट एवं गुर्जर, 14 यादव, 13 दलित, तीन ट्राइबल, दो सिख, सात ओबीसी और 34 अन्य शामिल हैं। वैसे राज्य सरकार और यूपी पुलिस की ओर से दावा किया जाता रहा है कि अपराधियों की जाति देखकर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि अपराध के आधार पर बदमाशों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया गया।
जाति के मुद्दे पर भाजपा का तीखा जवाब
समाजवादी पार्टी की ओर से अपराधियों की जाति पर सवाल उठाए जाने के बाद भाजपा भी तीखा जवाब देती रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि समाजवादी पार्टी में जो जितना बड़ा अपराधी होता है,वह उतना बड़ा समाजवादी होता है। प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि सपा के राज में अपराधियों ने जिले बांट लिए थे और पुलिस भी अपराधों को लेकर मूकदर्शक बनी रहती थी मगर अब अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में योगी के राज में अभी तक जो एनकाउंटर किए गए हैं,उनमें बिकरू कांड के विकास दुबे से लेकर माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और मोहम्मद गुलाम तक का एनकाउंटर शामिल है।
अतीक के बेटे के एनकाउंटर की लड़ाई तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। हालांकि अभी तक किसी भी एजेंसी की ओर से यूपी में किए गए एनकाउंटर को लेकर कोई सवाल नहीं खड़े किए गए हैं। सियासी दलों ने जरूर एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है।