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Electricity Workers Agitation: ऊर्जा मंत्री ने बिजली कर्मियों के आंदोलन पर जताई चिंता, संघर्ष समिति ने किया स्वागत
Electricity Workers Agitation: ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करने और बिजली कर्मियों से अपील किये जाने का स्वागत किया है।
Electricity Workers Agitation: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा द्वारा बिजली कर्मियों के चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करने और बिजली कर्मियों से अपील किये जाने का स्वागत किया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने हेतु प्रयासरत है वही ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने के तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऊर्जा मंत्री भी बेहतर कार्य संस्कृति चाहते हैं और बिजली कर्मी भी मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने के लिए संकल्पबद्ध़ है, किंतु ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन खासकर चेयरमैन ने निगमों में नकारात्मक एवं भय का वातावरण बना रखा है जिससे कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो चुका है। ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने के लिए बिजलीकर्मी पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं एवं कार्य बहिष्कार का आज तीसरा दिन है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जी.वी. पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चन्द्रभूषण उपाध्याय, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो. वसीम, सुनील प्रकाश पाल, राम चरण सिंह, ए.के. श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास और आर.के. सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैय्ये से बिजलीकर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे इस अत्यधिक तनावपूर्ण एवं नकारात्मक माहौल में कार्य कर सकने में हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। इस स्थिति में बिजलीकर्मियों को मजबूरन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। बिजलीकर्मियों ने ऊर्जा मंत्री की अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजलीकर्मियों को अलग रखा है जहाँ आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। साथ ही बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजलीकर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।
सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन पूरे प्रदेश में पूर्ण सफलता के साथ हो रहा है जिसमें भारी संख्या में बिजलीकर्मी उपस्थित हुए एवं प्रबन्धन के प्रति अपना रोष एवं आक्रोश व्यक्त किया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन के आज तीसरे दिन कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है जिनमें लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट प्रमुख हैं। संघर्ष समिति ने पुनः स्पष्ट किया कि बिजलीकर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है किन्तु जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबन्धन जिम्मेदार है, जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
Fatehpur News: विधुत कर्मचारी सयुंक्त संघर्ष समिति व राज्य विधुत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन का तीसरे दिन हड़ताल जारी
यूपी के फतेहपुर में केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर विधुत विभाग के संविदा,अवर अभियंता जूनियर इंजीनियर सहित कर्मचारियों ने काम बन्द कर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। केंद्र व प्रदेश को सख्त चेतावनी दिया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। आज तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रही। उन्होने कहा कि जरूरत पड़ी तो विधुत उपकेंद्र पर तैनात एसएफओ, लाइनमैन को भी हड़ताल में शामिल कर आंदोलन को और तेज करने का काम होगा।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक प्रमोद कुमार सिंह, लवकुश, सुनील कुमार, धीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल चल रही है। जिसमे हमारी प्रमुख मांग सभी श्रेणी के बिजली कर्मचारियों अवर अभियंता के वेतन की समस्या दूर किया जाए। तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली उड़ीसा सरकार के आदेश की तरह ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए। ट्रांसफार्मर वर्कशाप के निजीकरण के आदेश वापस लिया जाए। 220 केवी, 440 केवी व 765 केवी विधुत उपकेंद्रों को आउटसेसिंग के माध्यम से परिचालन व अनुरक्षण के निजी काम के आदेश निरस्त किया जाए।
हड़ताल पर बैठे सभी बिजली कर्मियों ने एक स्वर में कहा कि जिले में अगर हड़ताल के कारण विधुत व्यवस्था बदहाल होती है तो उसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
Jaunpur: निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी, कभी भी कट सकती है विद्युत
निजीकरण के विरोध में सहित अन्य विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत कर्मियों ने कार्य बहिष्कार का तीसरा दिन जारी है। अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर कर्मचारियों ने धरना दिया। पूरे दिन प्रदर्शन के बाद चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आगे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस मुद्दे पर कर्मचारी नेता निखिलेश सिंह से वार्ता करने पर उन्होंने बताया कि लखनऊ में बैठे विभाग के शीर्ष अधिकारी लगातार कर्मचारी विरोधी काम कर रहे है।विभाग का निजीकरण करने के साथ ही तमाम कर्मचारी विरोधी काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारीयों को आन्दोलन की राह पर जाने से कई स्थानो पर विद्युत सप्लाई का संकट चल रहा है सरकार ने जल्द हमारी सभी मांगो को नहीं माना तो दो तीन दिन के बाद आन्दोलन की गति तेज करते हुए बिजली का संकट पैदा करने का काम संभावित है।
यहां बता दे कि संयुक्त संघर्ष समिति लखनऊ के आह्वान जिला संयोजक निखिलेश सिंह के नेतृत्व में बिजली विभाग के कर्मियों ने काम करना बन्द कर दिया है और अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरना सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं करता है तथा किसी भी अधिकारी, कर्मचारी व संविदाकर्मी का उत्पीड़न किया जाता है तो कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
धरना सभा का संचालन निखिलेश सिंह ने किया इस कार्य बहिष्कार में उपस्थिति में मनीष कुमार श्रीवास्तव, अभिषेक केशरवानी, पंकज जायसवाल, निर्भीक भारती, संजय यादव, प्रमोद मौर्य आदि ने संबोधित किया।
इस दौरान एके सिंह, उपखंड अधिकारी धर्मेंद्र कुमार गुप्ता सौरभ मिश्रा, राम नरेश, रविंद्र पासवान, व ईoआतिश कुमार यादव, मनीष कुमार आदि बड़ी संख्या में विभाग के कर्मचारीगण शामिल रहे।