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लखनऊ: नहीं है इएसआईसी युनिट, संविदा कर्मचारी कैसे करवाएं इलाज

 पीजीआई अस्पताल में ईएसआईसी युनिट न होने के कारण संविदा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के लिए भी खुद पैसे देने पड़ते हैं। गुरुवार की सुबह शिव कुमार नाम का सफाई कर्मचारी एसिड से टॉयलेट साफ कर रहा था। अचानक ऐसिड का धुआं उसकी नाक और आंख में चला गया।

Rishi
Published on: 23 Nov 2018 10:04 AM GMT
लखनऊ: नहीं है इएसआईसी युनिट, संविदा कर्मचारी कैसे करवाएं इलाज
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लखनऊ : पीजीआई अस्पताल में ईएसआईसी युनिट न होने के कारण संविदा कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के लिए भी खुद पैसे देने पड़ते हैं। गुरुवार की सुबह शिव कुमार नाम का सफाई कर्मचारी एसिड से टॉयलेट साफ कर रहा था। अचानक ऐसिड का धुआं उसकी नाक और आंख में चला गया। बेहोशी की हालत में उसे एमरजेंसी में ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे ऑक्सीजन दी गई। 250 रुपये की फ़ाइल बनवाने के बाद उसे कुछ दवाइयां दी गईं जिसका बिल संविदा कर्मचारियों ने मिलकर चुकाया।

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शिव कुमार ने बताया कि पीजीआई में एक भी ईएसआईसी युनिट नहीं है, जिस कारण उन्हें और उनके सभी साथियों को उपचार के लिए अपनी तरफ से पैसे देने पड़ते हैं। सरोजनीनगर में स्थित ईएसआईसी युनिट तक पहुंचने में काफी वक्त लगता है, इसलिए उन्हें मजबूरन पीजीआई में ही पैसे देकर इलाज करवाना पड़ता है। अगर अस्पताल परिसर में ही ईएसआई खुल जाए तो उन्हें इलाज के लिए कहीं और भागने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कई बार कर्मचारियों ने यह मांग उठाई पर अभी तक पीजीआई प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। हालात यह हैं कि अस्पताल परिसर में काम करने वाले इन कर्मचारियों के खुद के इलाज के लिए व्यवस्था दुरुस्त नहीं है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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