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मानव किडनी तस्करी गैंग का पर्दाफाश: झांसा देकर लोगों को किडनी बेचकर करते थे ठगई, दो गिरफ्तार

Etah News: 24 लाख रुपये का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है।

Sunil Mishra
Report Sunil MishraPublished By Ragini Sinha
Published on: 23 April 2022 12:12 PM IST
Etah crime news
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एटा में मानव किडनी तस्करी 

Etah News: एटा के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र निवासी किशन कश्यप को 24 लाख रुपये में किडनी बेचने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने गैंग के दो आरोपियों गिरफ्तार कर लिया है। अभी भी गैंग के तीन आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।

गैंग के तीन तस्कर फरार

जानकारी के अनुसार, शिवम कश्यप एटा के गांधी मार्केट में टिक्की बेचने का कार्य करता था। शिवम कुमार का अश्वनी उर्फ रौकी से परिचय था। राजेश उर्फ प्रतीक नामक व्यक्ति जो विशाखापट्टनम में रहता है, उसने फेसबुक के माध्यम से अश्वनी उर्फ रॉकी को बताया कि यदि कोई किडनी बेचकर पैसा कमाना चाहे तो वह उससे सम्पर्क कर सकता है। जिस पर अश्वनी के द्वारा पीड़ित किशन सिंह से बात की गई, किशन सिंह को एक किडनी देने के बदले 24 लाख रुपये देने की बात तय की गई।

इसमें अश्वनी को एक लाख बीस हजार रुपये अलग से कमीशन के तौर पर देना भी तय हुआ। बात तय होने के बाद राजेश द्वारा विशाखापट्टनम आने के लिए टिकट भेज दिया गया। किशन कश्यप व अश्वनी के विशाखापट्टनम पहुंचने पर राजेश उर्फ प्रतीक द्वारा लेखा नामक लॉज में रुकवाया गया। अस्पताल में ऑपरेशन कर उसकी किडनी निकाली गई, जिसके एवज में उसे 24 लाख रुपये का चैक दे दिया गया। साथ ही 70 हजार रुपये नकद खर्च हेतु अश्वनी उर्फ रॉकी को राजेश के द्वारा दिए गए और विशाखापट्टनम से आगरा तक की टिकट करा दी, जिससे अश्वनी व किशन वापस आगरा आ गये।

पैसों का दिया लालच

आगरा से अश्वनी ने अपने एक साथी दीपक उपाध्याय के साथ एटा आ गए। किशन कश्यप अपने परिजनों को बिना बताए दीपक उपाध्याय के घर पर चार पांच दिन रुका। एक अप्रैल को किशन कश्यप,अश्वनी व दीपक उपाध्याय लखनऊ गये, जहां पर अश्वनी एक अन्य साथी शिवाजी शुक्ला द्वारा उन तीनों को होटल में रुकवाया गया।

शिवाजी शुक्ला द्वारा बताया गया की बड़ी रकम का चैक है यदि आप एटा में लगायेंगे तो आपकी जांच हो सकती है, जिस पार्टी को किडनी दी गई है, वह लखनऊ के ही रहने वाले हैं। उन्ही के माध्यम से आपको बैंक से कैश दिला देगें। शिवाजी शुक्ला ने यह भी बताया कि इस कार्य में कई दिन का वक्त लग सकता है। इसी कारण अश्वनी उर्फ रॉकी व दीपक उपाध्याय वापस एटा आ गये और किशन कश्यप को हाॅटल में रुकवा दिया गया।

पीड़ित ने बताई पूरी सच्चाई

कई दिन बीत जाने पर किशन कश्यप को चैक का पेमेन्ट नहीं मिला, तो किशन के घर वाले 19 अप्रैल को किशन को वापस ले आये। किशन की हालत बिगड़ने पर उसने अपने घर वालों को उसके साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी। जिसमें किशन के भाई द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली नगर पर एक षड्यंत्र के तहत मानव अंग पंजीकृत किया गया।

लोगों को ऐसे फसांते थे आरोपी

क्षेत्राधिकारी नगर कालू सिंह ने बताया कि पीड़ित किशन कश्यप की हालत खराब होने पर उसके परिजनों द्वारा इलाज हेतु ले जाने के दौरान घटना में सम्मिलित आरोपी अश्वनी उर्फ रॉकी को रास्ते में पहचान लिए जाने पर थाना कोतवाली नगर पुलिस को सूचना दी गई, प्राप्त सूचना के आधार पर दो आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर अभियुक्त अश्वनी ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ऐसे लोगों को जो स्वेच्छा से रुपए पैसे की तंगी के कारण किडनी बेचना चाहते हैं, उन्हें अपने जाल में फंसाकर उनकी किडनी निकलवाकर बेचने का कार्य बाहर के शहरों में जाकर करते हैं।लाखों रूपये मिलने के लालच में लोग तैयार हो जाते हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तगण को जेल भेज दिया गया है। शेष गेंग के सरगना विशाखापट्टनम निवासी राजेश उर्फ प्रतीक तथा डाक्टर माधव व लखनऊ निवासी शिवाजी शुक्ला की गिरफ्तारी हेतु टीम गठित कर कार्यवाही की जा रही है ।



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Ragini Sinha

Ragini Sinha

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