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शासन की प्राथमिकताओं वाले अधूरे कार्यों को पूरा कर पीड़ितों को न्याय दूंगा: अंकित अग्रवाल

एटा के नये जिलाधिकारी बने अंकित अग्रवाल ने गत शाम जिलाधिकारी के रूप में चार्ज संभाल लिया है।

Sunil Mishra
Published on: 6 Jun 2021 2:10 PM GMT
Ankit Agrawal
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पदभार ग्रहण करते जिलाधिकारी एटा अंकित अग्रवाल (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Etah News: एटा के नये जिलाधिकारी बने अंकित अग्रवाल ने गत शाम जिलाधिकारी के रूप में चार्ज संभाल लिया है। चार्ज ग्रहण करने के प्रथम दिन रविवार को कलक्ट्रेट स्थित सभागार में नवागंतुक जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने प्रेस से मुलाकात की और सभी पत्रकारों से उनका परिचय लिया और अपना परिचय देते हुए बताया कि

मेरी पहली प्राथमिकता कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करना होगा। हमें आने वाली तीसरी लहर तथा जनपद के सभी बच्चों को बचाने की तैयारी प्रमुखता से करनी है। कोविड से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही वैक्सीनेशन को गति प्रदान कर प्रत्येक व्यक्ति का वैक्सीनेशन कराना है।

शासन की सभी प्राथमिकताओं का क्रियान्वयन किया जायेगा तथा सभी प्राथमिकता वाले पड़े अधूरे कार्यों को भी पूरा किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के शीघ्र ही होने वाले चुनावों को आचार संहिता लागू होने के बाद प्रमुखता से बिना किसी दबाव के शांतिपूर्ण तरीके से निष्पक्ष सम्पन्न कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तथा उनकी पहली पोस्टिंग अन्डर ट्रेनिंग पड़ोसी जनपद फर्रूखाबाद में हुई थी। इससे पूर्व वह बनारस ,लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र के जिलाधिकारी तथा वर्तमान में उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण प्रयागराज से एटा के जिलाधिकारी के पद पर स्थानांतरित होकर आये हैं।


आईएएस अंकित कुमार अग्रवाल अपने कार्यकाल में दूसरी बार जिलाधिकारी बनाये गये हैं। उनकी कार्य प्रणाली से संतुष्ट होकर शासन ने जिलाधिकारी के पद पर नियुक्त कर उन पर विश्वास व्यक्त किया है कि वह शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करके जनता की सेवा करेंगे।

सरकारी सीयूजी नंबर न उठाये जाने व किसी कर्मचारी द्वारा फोन उठाने तथा डीएम से बात न कराने के सवाल पर जिलाधिकारी ने फोन उठाने तथा न उठने पर कालबैक करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि फोन न उठने तथा बात न होने पर आप मैसेज भेज सकते हैं। आपको मैसेज का भी जबाव मिलेगा।

चार माह की ही जिलाधिकारी रहीं डॉ. विभा चहल

एटा जनपद पिछले काफी समय से विवादित होता रहा है। इसमें कोई अधिकारी नेताओं की ही सुनता है, कोई नेताओं की कम सुनता है और कोई विल्कुल नहीं सुनता है। जो सिर्फ जनता व पीड़ितों की ज्यादा सुनता है। नेताओं की कम सुनने वाली ऐसी ही चार दिन पूर्व एटा से स्थानांतरित होकर गयी और यहां की 123 दिन की जिलाधिकारी रहीं विभा चहल जाने के बाद भी काफी चर्चा में हैं। उन्होंने आम जनता के बीच अपनी छवि ईमानदार अधिकारी के रूप में बनाई और जनपद के अधिकारियों में उनका खौफ भी नजर आता था। लोग शिकायत होने से डरते थे।

बताते चलें कि डॉ. विभा चहल की उनके एटा के चार माह के कार्यकाल के दौरान मीडिया से काफी दूरियां रहीं वह मीडिया से मिलती भी कम थी और उनका सरकारी फोन हमेशा कर्मचारियों पर ही रहता था। उन पर जिला पंचायत के चुनावों में भाजपा प्रत्याशियों को हराने व सपा को लाभ पहुंचाने का आरोप भी था। एक सीट पर पुनः जांच किये जाने पर भाजपा का हराया गया प्रत्याशी जीता भी था। जिलाधिकारी के विरुद्ध एटा में एक मंत्री समेत एटा के सतापक्ष के तीन विधायक, जिलाध्यक्ष समेत पूरी भाजपा कार्यकारिणी भी धरने पर बैठी थी।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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