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Etah News: गोपालपुर में पहुंची अल्फाजिओ की टीम, 750 फीट नीचे डीजल होने की चर्चा, पेट्रोलियम अन्वेषण कार्य शुरू

Etah News: उत्तर प्रदेश शासन की अनुमति मिलने के उपरांत अल्फाजिओ इण्डिया लिमिटेड द्वारा भारत में गंगा- पंजाब बेसिन सहित सात प्रमुख तलछटी बेसिनों में 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण और हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज हेतु मिशन अनवेशन योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया गया है।

Sunil Mishra
Published on: 22 Feb 2025 8:27 PM IST
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Etah News (Photo Social Media)

Etah News: जनपद की तहसील जलेसर क्षेत्र में आज भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश शासन की अनुमति मिलने के उपरांत अल्फाजिओ इण्डिया लिमिटेड द्वारा भारत में गंगा- पंजाब बेसिन सहित सात प्रमुख तलछटी बेसिनों में 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण और हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज हेतु मिशन अनवेशन योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया गया है। यह कार्य शुरू करने की जानकारी क्षेत्रिय उप जिलाधिकारी सहित किसी भी अधिकारी को नहीं दी गयी जब ग्रामीणों ने लेखपाल तहसीलदार को दी तो उन्होंने जांच पड़ताल कर बताया। शुक्रवार को तहसील क्षेत्र के गांव गोपालपुर में यह कार्य शुरू किया गया है। मगर तहसील प्रशासन इस कार्यवाही अनभिज्ञ बना हुआ है।जिला प्रशासन की अनुमति के उपरांत शुक्रवार को तहसील क्षेत्र के गांव गोपालपुर में अल्फाजिओ इंडिया लिमिटेड की टीम पहुंची। टीम द्वारा ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओ0एन0जी0सी0) को पेट्रोलियम अन्वेषण कार्य शुरू किया गया। बिना किसी सूचना के यकायक गांव पहुंची टीम द्वारा गांव के निकट ही बोरिंग करना शुरू कर दिया गया। बिना किसी तहसील अधिकारी एवं थाना पुलिस के पहुंची टीम को लेकर समूचे गांव में सनसनी मच गई। गांव गोपालपुर में बोरिंग कर डीजल निकाले जाने की खबर आग की तरह समूचे क्षेत्र में फैल गयी।

ग्रामीणों द्वारा तहसील प्रशासन को घटना की जानकारी दिये जाने पर नायब तहसीलदार वाजिद हुसैन द्वारा क्षेत्रीय लेखपाल प्रभांशु दीक्षित को मौके पर भेजा गया। लेखपाल द्वारा की गई छानबीन के बाद जिला प्रशासन की अनुमति पर अल्फाजिओ इंडिया लिमिटेड द्वारा ऑयल एण्ड नेचुरल गैस

कारपोरेशन (गो०एन०जी०सी०) को पेट्रोलियम अन्वेषण का कार्य शुरू किये जाने का मामला प्रकाश में आया है।

विदित हो कि भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर भारत में गंगा- पंजाब बेसिन सहित सात प्रमुख तलछटी बेसिनों में 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण और हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज हेतु मिशन अनवेशन योजना का कार्यान्वयन शुरू किया गया। जो सर्वे में चयनित किये गये प्रदेश के लगभग 44 जनपदों में शुरू किया गया है।

क्या है भूकम्पीय सर्वेक्षण एवं हाइड्रोकार्बन अन्वेषण

विभागीय वैज्ञानिको के अनुसार भूकम्पीय सर्वेक्षण में कई गतिविधियाँ शामिल होती हैं। भूकंपीय डेटा अधिग्रहण शुरू होने से पहले, रिसीवर/स्रोत स्टेशनों का सर्वेक्षण किया जाता है। और डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) और अन्य सर्वेक्षण उपकरणों का उपयोग करके आवश्यक ज्यामिति के अनुसार लगभग 4 से 5 फीट ऊँचाई के बांस के खूंटे से ज़मीन पर अस्थायी रूप से चिह्नित किया जाता है। एक बार पर्याप्त क्षेत्र का सर्वेक्षण हो जाने के बाद, नियमित ग्रिड में एक बार में लगभग 6-8 किलोमीटर की प्लान 2D लाइन में चिह्नित रिसीवर स्टेशनों पर ज़मीन में जियोफोन (सेंसर) लगाए जाते हैं। ये सेंसर टेलीमेट्री केबल के माध्यम से रिकॉर्डिंग उपकरण से जुड़े होते हैं जो ट्रक पर लगे होते हैं और संचालन के क्षेत्र में स्थित होते हैं। भूकंपीय सर्वेक्षण में, सर्वेक्षण क्षेत्र के भूभाग के आधार पर लोचदार तरंगें उत्पन्न करने के लिए विस्फोटक और/या भूकंपीय वाइब्रेटर का उपयोग किया जाता है। यह ऊर्जा पृथ्वी में जाती है, चट्टानों के बीच की सीमाएँ तरंगों को वापस परावर्तित करती हैं, और परावर्तित संकेत के सतह पर वापस आने का समय जियोफोन द्वारा पता लगाया जाता है और रिकॉर्डिंग उपकरण में रिकॉर्ड किया जाता है। स्रोत के रूप में विस्फोटक के लिए, सर्वेक्षण की गई रेखाओं पर पूर्व-पहचाने गए स्रोत बिंदु स्थान पर 20-25 मीटर गहराई के शॉट होल ड्रिल किए जाते हैं और भूकंपीय डेटा की रिकॉर्डिंग के लिए प्रत्येक शॉट होल में मध्यम आकार (2.5-5 किलोग्राम) के वर्ग-II विस्फोटकों का विस्फोट किया जाता है। स्रोत के रूप में वाइब्रेटर के लिए, इलेक्ट्रोहाइड्रोलिक सर्वो वाल्व द्वारा संचालित ट्रक माउंटेड पिस्टन-रिएक्शन मास डिवाइस द्वारा लोचदार तरंगें उत्पन्न की जाती हैं। स्थलाकृतिक सर्वेक्षण और भूकंपीय डेटा अधिग्रहण का पूरा संचालन किसी भी भूकंपीय सर्वेक्षण संचालन के लिए आवश्यक सभी सुरक्षा और एचएसई मानदंडों का पालन करते हुए दिन के उजाले के दौरान किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि क्षेत्र में मौजूद वनस्पतियों और जीवों को कोई नुकसान न पहुंचे और सर्वेक्षण कार्यों की अवधि के दौरान स्थायी प्रकृति की कोई संरचना नहीं बनाई जाएगी। भूगर्भीय सर्वेक्षण के दौरान प्रस्तावित रेखाओं के लिए वन क्षेत्रों में केवल अंडरग्राउथ को साफ किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतेंगे कि हमारे सर्वेक्षण गतिविधियों के कारण संचालन के क्षेत्र में संपत्तियों या पर्यावरण को बिल्कुल भी नुकसान न पहुंचे। विस्फोटक के मामले में, हम विस्फोट के बाद शॉट होल को ठीक से भरने और मिट्टी के पानी के कम से कम छींटे मारने में अत्यधिक सावधानी बरतेंगे।



Ramkrishna Vajpei

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