Etah News : भारतीय स्टेट बैंक में अव्यवस्थाएं, डिजिटल इंडिया बनी मखौल, ग्राहक परेशान

Etah News : प्रदेश के एटा जनपद की तहसील जलेसर क्षेत्र के कस्बा स्थित भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है।

Sunil Mishra
Published on: 30 July 2024 2:59 PM GMT
Etah News : भारतीय स्टेट बैंक में अव्यवस्थाएं, डिजिटल इंडिया बनी मखौल, ग्राहक परेशान
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Etah News : प्रदेश के एटा जनपद की तहसील जलेसर क्षेत्र के कस्बा स्थित भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। बैंक डिजिटल होने के बावजूद उपभोक्ताओं को छोटे-मोटे काम के लिए भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मैनेजर से शिकायत करने पर उनका व्यवहार सही न होने पर उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है।

बैंक उपभोक्ताओं को इतनी परेशानी हो रही है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में डिजिटल इंडिया को लेकर बड़े -बड़े दावे कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नगर स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बैंक शाखा के हालात ये हैं कि शाखा में सफेद कागज तक नहीं है। उपभोक्ता आईटीआर भरने के लिए बैंक शाखा में अपने खाते के स्टेटमेंट निकलवाने के लिए कई दिनों से भटक रहे हैं। मगर बैंक शाखा में सफेद कागज न होने की वजह से उपभोक्ताओं को बार-बार चक्कर लगाने के बाबजूद स्टेटमेंट उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं। बैंक शाखा में काउंटरों की स्थिति भी बद से बदतर बनी हुई है। शिकायत करने पर शाखा प्रबंधक द्वारा उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण करने की बजाय असंतोषजनक रवैया अपनाया जाता है।

आयकरदाताओं के लिए आईटीआर भरने की लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई निर्धारित की गई है, जिसके चलते सैंकड़ों उपभोक्ता अपने खाते का स्टेटमेंट निकलवाने के लिए बैंक आते हैं। बैंक कर्मचारी सफेद कागज न होने की बात कहकर स्टेटमेंट का प्रिंट न निकालने से साफ इनकार कर रहे हैं। यही नहीं, बैंक शाखा के बाहर लगी पासबुक प्रिंटर मशीन भी खराब पड़ी हुई है, जिससे पासबुक में भी एंट्री नहीं हो पा रही है। ऐसे में बैंक ग्राहकों को अपना स्टेटमेंट निकालने के लिए भटकना पड़ रहा है। इस संबंध में जब एक उपभोक्ता ने शाखा प्रबंधक राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने ग्राहक की समस्या का निस्तारण करने की बजाय उसे ही हड़का दिया।

पासबुक एंट्री मशीन भी खराब

शाखा प्रबंधक राजीव रंजन का कहना था कि कागज नहीं तो मैं क्या करूं, अपने घर से सफेद कागज लेकर आना था। या फिर नेट बैंकिंग शुरू कराओ, शाखा में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेरे पास फ्री में स्टेटमेंट निकलवाने आते हैं। मैं स्टेटमेंट की एक -दो कॉपी हो या अधिक तुम्हारे खाते से 118 रुपए काटूंगा। अब तक 8-10 स्टेटमेंट निकाल चुका हूं। सभी के खाते से काटूंगा। मजबूरन ग्राहकों को 118 रुपए खाते से कटवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यदि बैंक की पासबुक एंट्री मशीन सही रहे तो ग्राहकों को खाते से रुपए कटवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वहीं, मथुरा जनपद में तैनात क्षेत्र के गांव नगला मीरा के पुलिस कर्मी सहित अन्य कुछ ग्राहकों ने बताया कि कोई लेनदेन हो अथवा अन्य किसी बैंकिंग कार्य को पूरा करने के लिए बैंक में कई घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में बुजुर्ग एवं महिला ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नहीं एक-दो काउंटर तो नित्य पूरी तरह से खाली पड़े रहते हैं। जिन पर खड़े होकर ग्राहक, साहब का आने का इंतजार करते रहते हैं।

ग्राहकों ने शाखा प्रबंधक का लगाया आरोप

अनुराग कुमार बताते हैं कि एसबीआई की ब्रांच में जाकर कोई बैंकिंग कार्य कराना एक बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। एक छोटे से छोटे कार्य के लिए बैंक में कई घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। भारी भीड़ भाड़ के चलते धक्का मुक्की का भी सामना करना पड़ता है। बैंक कर्मी अपने परिचितों का काम बगैर लाइन में लगे ही कर देते है। जबकि लाइन में खड़े ग्राहकों घण्टो खड़े रहकर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं।

दुग्ध व्यवसायी अमित कुमार का कहना है कि जब से बैंकों को डिजिटल किया गया है तब से ग्राहकों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ गयी है। बैंक के डिजिटल होने के चलते कभी नेटवर्क ना होने की समस्या रहती है तो कभी कुछ और तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ता है।

स्कूल प्रबंधक दुष्यंत कुमार बताते है कि जलेसर नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कृषि व्यवसायिक शाखा सबसे पुरानी एवं सबसे बड़ी शाखा है। इस शाखा में अधिकांश सभी सरकारी तथा बड़े व्यापारी वर्गों के खाते संचालित हैं। परिणामस्वरूप इस शाखा में नित्य लाखों करोड़ों का लेनदेन होता है। फिर भी नए शाखा प्रबंधक का ग्राहकों के प्रति बर्ताब संतोषजनक नही है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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