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Etah News: पुस्तक मेले के अन्तिम दिन उमड़ी भीड़, पत्रकारिता की चुनौतियों और आ रहे बदलाव पर हुई चर्चा

Etah News: कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पत्रकारिता के रूप में परिवर्तन हो रहा है पहले सिर्फ प्रिंट मीडिया की ही पत्रकारिता हुआ करती थी किन्तु अब इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया की पत्रकारिता भी इसमें शामिल हो गयी है।

Sunil Mishra
Published on: 8 Dec 2024 10:41 PM IST
Etah News ( Photo - Newstrack )
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Etah News ( Photo - Newstrack )

Etah News: जनपद के मुख्यालय स्थित जीआईसी मैदान में पिछले 9 वर्षो से लग रहे एटा पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक एआरएम संजीव यादव है जिनके द्वारा अपने पिता बृजपाल सिंह यादव की स्मृति में एटा पुस्तक मेले का आयोजन प्रारंभ किया गया। तब से लगातार लग रहा पुस्तक मेला नई ऊंचाइयों को छूता चला आ रहा है। मेले में अनेकों प्रमुख प्रकाशनों द्वारा अपने अपने स्टाल लगाये जा रहे हैं।

जिसमें आज कार्यक्रम के अन्तिम दिन मेले के मंच पर एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख रूप से एमएलसी मानवेंद्र सिंह, एडीजी अंशुमान यादव वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अवधेश बाजपेयी संयुक्त प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष सुनील मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार राहुल गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार /प्रधानाचार्य विजय मिश्रा प्रेस क्लब एटा के अध्यक्ष देवेश पाल हिन्दुस्तान के प्रतिनिधि शैलेन्द्र उपाध्याय अतिथि के रूप में शामिल हुए और सभी ने अपने विचार व्यक्त किये। आज के कार्यक्रम के संयोजक व संचालन एवीपी के वरिष्ठ पत्रकार राकेश भदौरिया ने किया। कार्यक्रम को सर्वप्रथम वृंदावन राहुल गुप्ता ने संबोधित करते हुए आज के कार्यक्रम के विषय मीडिया की वर्तमान में प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

कार्य क्रम को वरिष्ठ पत्रकार सुनील मिश्रा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पत्रकारिता के रूप में परिवर्तन हो रहा है पहले सिर्फ प्रिंट मीडिया की ही पत्रकारिता हुआ करती थी किन्तु अब इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया की पत्रकारिता भी इसमें शामिल हो गयी है। जिसमें से इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया की विश्वसनीयता कम है क्योंकि कि यह टीआरपी बढ़ाने के लिए जनता को कुछ भी दिखा सकते हैं। अब मीडिया घराने व पत्रकारों की भी पार्टी हैं तथा अपनी आस्था के हिसाब से वह पत्रकारिता करने लगे हैं, जो गलत है। हमें निष्पक्ष और विश्वसनीयता के साथ पत्रकारिता करने की आवश्यकता है। हमें सच का आइना ही दिखाना चाहिए। इसके लिए चाहे माफिया, कार्यपालिका, न्यायपालिका कोई भी कुछ भी सोचे कोई नाराज हो जाए पत्रकारिता एक कांटों का ताज है न की आय का साधन है प्रिंट मीडिया का कोई भी अस्तित्व नहीं है मिटा सकता वह ही सबसे विश्वसनीय है थी और रहेगी।

वही आगरा स्नातक खंड क्षेत्र के एमएलसी मानवेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा आज की पत्रकारिता सिर्फ व्यावसायिक पत्रकारिता रह गई है, बड़े-बड़े घरानों ने अखबार निकाल रखे हैं। आज की पत्रकारिता में खबर चलाना नहीं है, खबर बचाना है, खबर को छुपाना है, आज के समय में अगर हमें पत्रकारिता की साख बचानी है तो हमें खबर छुपाने वाले नहीं खबर दिखाने वाले पत्रकार बनना चाहिए। पहले पत्रकार हुआ करते थे जो पूरे दिन दौड़कर खबरें लाते थे फिर उसे छापा खाने में छाप कर बांटते थे, उन खबरों की इतनी विश्वसनीयता थी कि जो कोई उसे पढ़ता था वह उस पर विश्वास करता था, उसी के चलते कई पत्रकारों को हत्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने साबरमती प्रकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि जब ट्रेन में कारसेवकों की हत्या की खबर खुलासा होता है जिसे कुछ मीडिया हाउसों ने गलत दिखाया था जांच में उसकी बिल्कुल विपरीत सच्चाई निकलती है। कार सेवकों को जलाने की घटनाओं को कुछ मीडिया हाउस द्वारा सिर्फ एक दुर्घटना बता कर छापा गया था। उन्होंने कहा आज तो सब चीज गूगल पर ही मिलती है यूट्यूब पर मिलती है। आप जो कुछ भी चाहें, सब कुछ मिल जाएगा। इसलिए उस पर भरोसा नहीं कर सकते। यूट्यूब व्यक्तिगत लोगों की भावनाओं को उजागर करने वाला प्लेटफार्म है। प्रिंट मीडिया आज भी विश्वसनीय के साथ खबर को छापने वाला प्लेटफार्म है, क्योंकि वह उसके लिए छपी हुई खबर के लिए जिम्मेदार है।

आईपीएस, एडीजीपी, जीआरपी, अंशुमान यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मैं आईपीएस नहीं होता तो मैं पत्रकार होता मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई की है तथा नौकरी से पूर्व मुझे नवभारत टाइम्स, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, इकोनामिक टाइम्स अखबार से ऑफर भी आया था किंतु मेरे पिता चाहते थे कि मैं आईएएस या आईपीएस बनूं। मैंने मेहनत की और मैं आईपीएस बन गया। अभी भी पिछले वर्ष मेरी बेटी पूछ रही थी आप आईपीएस नहीं होते तो क्या करते। मैंने कहा मैं पत्रकार बनता। पत्रकार का काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है वर्तमान प्रवेश में अब चुनौतियां और भी बहुत बढ़ गई हैं क्योंकि पहले तो सिर्फ अखबार आता था टीवी चैनल होते थे लेकिन अब एक सोशल मीडिया स्टंट न्यूज़ है। इसका कोई वेरिफिकेशन नहीं होता। वह सच है या गलत है। अखबार में सही खबर जाए सभी चुनौतियों में हमारे लिए आवश्यक हो जाता है कि हम खबर की खोज में इधर-उधर न भटकें और जो सच हो वही सब तक पहुंच सके। अंत में उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक संजीव यादव व उनकी टीम को धन्यवाद दिया।

मुख्य विकास अधिकारी अवधेश कुमार बाजपेई ने कहा एटा जैसी जनपद में पुस्तक मेला का आयोजन होना एक बहुत बड़ी बात है पुस्तकों को पढने से ही बच्चों असली शिक्षा मिलती है हमे आज भी प्रातः उठकर अखबार पढने के लिए चाहिए हमें उसकी आदत सी पड़ गयी है। आज भी चाहे प्रिंट मीडिया हो चाहे इलैक्ट्रानिक मीडिया हो चाहे शोसल मीडिया हो विश्वसनीयता सिर्फ प्रिंट मीडिया की ही है।वहीं कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह ने कहा कि इस पुस्तक मेले का जो आयोजन किया जा रहा है आज के परिपेक्ष में आज की दिशा और काल की परिस्थितियों के अनुरूप बहुत ही गंभीर है पुस्तकें जो है बच्चों के चरित्र निर्माण व संस्कार का निर्माण करती हैं कारण यह है की व्यक्तित्व का निर्माण आपकी अभिव्यक्ति से आता है और अभिव्यक्ति तभी आएगी जब आप किताबों को पढ़ेंगे। किताबों से गुजरेंगे तो आपका शब्द भंडार भी विस्तृत होगा लेकिन आज के दौर में मोबाइल के दौर में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसका किताबों से प्रेम करता हो। अब गूगल में देख करके आगे चल रहा है।

कार्यक्रम को पत्रकार देवेश पाल सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का युग सोशल मीडिया का युग है, सोशल मीडिया ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। इलेक्ट्रानिक मीडिया व सोशल मीडिया खबर तुरंत दिखा देता है, वह खबर प्रिन्ट मीडिया 24 घंटे बाद दिखा पाता है।पत्रकार शैलेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि आजकल जिसके हाथ में है मोबाइल है, वह पत्रकार है, आजकल भ्रामक खबरें भेजी जा रही हैं, पत्रकारिता करना काफी कठिन है।कार्यक्रम में प्रमुख रुप से चल आयोजक संजीव यादव, आर वी गुप्ता, अर्पित यादव अकरम खान संजय शर्मा आदि ने भारी संख्या में प्रिंट इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों ने भाग लिया साथ ही गोष्ठी में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं अध्यापक सामाजिक कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहे।



Shalini singh

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