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Etah: पिता को आया हार्ट अटैक, बेटा करता रहा एंबुलेंस को फोन, ठेले से पहुंचाया अस्पताल...मगर नहीं बची जान

Eta News: उक्त घटना ने सरकारी एंबुलेंस समय से पहुंचने के सरकारी दावे की पोल खोलकर रख दी। इस मामले में परिजन बताते हैं, उन्होंने 1 घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार किया। मगर, ये लापरवाही हार्ट अटैक पीड़ित को भारी पड़ी।

Sunil Mishra
Published on: 1 Jan 2024 7:43 PM IST (Updated on: 1 Jan 2024 7:47 PM IST)
Eta News
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ठेले से अस्पताल ले जाते परिजन (Social Media) 

Etah News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लाख दावे करती रही है। कई बार खुद सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी अधिकारियों को कई निर्देश दिए। बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। प्रदेश के एटा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां समय से एंबुलेंस न मिलने के कारण मरीज की जान चली गई।

शर्मनाक बात ये रही कि, परिजन ने मरीज को हाथ ठेला पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। समय पर इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया।

एम्बुलेंस न मिला तो ठेले से ले गए अस्पताल

यूपी के एटा जिले में सोमवार (01 जनवरी) को सरकारी एंबुलेंस के इंतजार में एक वृद्ध की मौत हो गई। हालांकि, परिजन एंबुलेंस न मिलने पर मरीज को ठेले पर लादकर अवंती बाई मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। इलाज के लिए आपातकालीन वार्ड तक ले गए। मगर, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वृद्ध को आया था हार्ट अटैक

उक्त घटना ने सरकारी एंबुलेंस समय से पहुंचने के सरकारी दावे की पोल खोलकर रख दी। इस मामले में परिजन बताते हैं, उन्होंने 1 घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार किया। मगर, ये लापरवाही हार्ट अटैक पीड़ित को भारी पड़ी। वृद्ध ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया उन्होंने तीन बार एंबुलेंस भेजने के लिए फोन किया था। आख़िरकार जब एंबुलेस उपलब्ध नहीं हुआ तो बीमार पिता को बेटे ने हथठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। इसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर नदारद

आपको बता दें, यह पूरी घटना एटा के रानी वीरांगना अवंती बाई मेडिकल कॉलेज मेडिकल की बताई जा रही है। एंबुलेंस न पहुंचने की शिकायत मिलने पर डॉक्टर द्वारा जिम्मेदार लापरवाह के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही गई है। उक्त घटना के संबंध में मृतक 60 वर्षीय पप्पू के नाती अमन ने बताया कि, हम मोहल्ला पटियाली गेट पर रहते हैं। हमारे बाबा बैठे थे। अचानक गिर पड़े। हम लोगों ने तीन बार एंबुलेंस के लिए फोन किया। किंतु एम्बुलेंस नहीं आई। उनकी हालत बिगड़ती देख हम लोग उन्हें हाथ ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टर नहीं मिला। तब अन्य मौजूद स्टाफ ने देखा और उन्हें मृत घोषित कर दिया।

समय से लाते तो बच सकती थी जान

परिजनों ने बताया कि, मृतक की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी। आज अचानक बिगड़ गई। परिजनों ने एंबुलेंस के लिए हेल्पलाइन नंबर 108 पर फोन किया। एंबुलेंस नहीं आई तो लगातार 3 बार फोन किया। एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद परिजन बीमार पप्पू को हाथ ठेले पर ही लिटाकर दौड़ते-भागते अस्पताल पहुंचे। मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहले तो डॉक्टर नहीं मिले। फिर वहाँ पहुंचे स्टाफ और डॉक्टर शिवप्रताप ने जांच के बाद पप्पू का मृत घोषित कर दिया। उनका कहना है कि मरीज पप्पू को समय पर अस्पताल लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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