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Etah News: एटा पुलिस की लापरवाही, दंगा नियंत्रण यंत्रों की जलेगी होली, गलत हाथों में जाने का खतरा
Etah News: प्रेम नगर चौराहे पर होली के दिन एक अजीब नजारा देखने को मिला। यहां दंगा नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा उपकरणों को ही होलिका दहन में डाल दिया गया।
Etah Police Negligence Holi of Riot Control Equipment Will Be Burnt
Etah News: जिला मुख्यालय स्थित थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के प्रेम नगर चौराहे पर होली के दिन एक अजीब नजारा देखने को मिला। यहां दंगा नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा उपकरणों को ही होलिका दहन में डाल दिया गया। दर्जनों की संख्या में बॉडी प्रोटेक्टर और अन्य पुलिस सुरक्षा यंत्र जलने के लिए पडे देखे गए।
गलत हाथों में पड़ सकते थे सुरक्षा यंत्र
इन होली पर जलने के लिए पडे हुए उपकरणों में स्पष्ट रूप से "पुलिस" लिखा हुआ था, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि अगर ये किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाते, तो इनका दुरुपयोग हो सकता था। यह एक गंभीर लापरवाही का मामला बनता है, क्योंकि दंगा नियंत्रण यंत्रों को नष्ट करने का एक विशिष्ट सरकारी प्रोटोकॉल होता है।
पुलिस का क्या कहना है?
इस संबंध में जब अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि यह पुराने जमाने के बॉडी प्रोटेक्टर है और नियमानुसार इन्हें नीलामी के जरिए बेचा जाना चाहिए था। उन्होंने संदेह जताया कि शायद किसी व्यक्ति ने इन्हें नीलामी में खरीदने के बाद यहां फेंक दिया हो।
जवाब देने से बच रहे पुलिस अधिकारी
जब इस मामले पर थाना कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो पहले फोन उनके हमराही ने उठाया और थोडी देर में बखत कराने का आश्वासन दिया,लेकिन बात न कराने पर आधा घंटा से अधिक समय बाद में जब पुनः फोन किया तो फोन उठाना बंद कर दिया। वहीं, क्षेत्राधिकारी नगर अमित कुमार राय से भी संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। अगर होली जैसे त्यौहार की मौके पर दो-दो जिम्मेदारों के फोन ना उठे तो यह सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक प्रश्न चिन्ह है अगर किसी को आवश्यकता पड़े तो भी यह फोन नहीं उठाएंगे तो कोई बड़ी हानि की संभावनाएं भी प्रबल होती हैं
सवालों के घेरे में एटा पुलिस
यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर ये यंत्र आधिकारिक रूप से खराब थे, तो उन्हें नियमानुसार नीलामी या नष्ट करने की प्रक्रिया के तहत ही खत्म किया जाना चाहिए था। ऐसे में पुलिस का जवाब न देना इस घटना को और संदेहास्पद बना देता है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले पर कोई कार्रवाई करता है या इसे यूं ही नजरअंदाज कर दिया जाएगा।वहीं मोहल्ले के ही सुनील कुमार ने कहा कि यह पुलिस की गैरजिम्मेदाराना हरकत है अगर किसी व्यक्ति ने इसे नीलामी में खरीदा भी है तो वह होली बढ़ाने में क्यों फेंकेगा यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है यह तो होली बढ़ाने में एटा पुलिस का बड़ा योगदान है।