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Etah News: प्रधान के अपहरण का मामला, 24 घंटे बाद भी पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल, एसएसपी ने दिये जांच के आदेश
Etah News: थाना रिजोर पुलिस की संदिग्धता के बाद पीड़ित व परेशान हरिओम प्रधान की पत्नी सुबोध देवी और परिवार ने पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह से उनके कार्यालय में मिलकर ग्राम प्रधान की बरामदगी तथा अन्य रिपोर्ट लिखने की मांग की।
Etah News: एटा जिले के थाना रिजोर क्षेत्र के गांव वाहिदपुर बीबी के ग्राम प्रधान हरिओम के 24 घंटे से लापता होने का मामला गहराता जा रहा है। उनके भाई अजय पाल ने गांव के ही मोहित, रामू समेत कुछ अन्य नामजद लोगों पर रंजिश के चलते अपहरण का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी आरोप है थाने जाने पर प्रभारी निरीक्षक जे पी अशोक ने नही लिखी रिपोर्ट। अपहृत के भाई अजय के अनुसार, हरिओम जो ग्राम प्रधान है गौशाला से लौटते समय रास्ते में अपहरण हो गए। उनकी मोटरसाइकिल हजारा नहर किनारे पड़ी मिली, जिसकी सूचना ट्यूशन से पढकर घर वापस लौट रहे बच्चों ने परिजनों को दी। तो परिजन घटनास्थल पहुंचे, लेकिन तब तक पुलिस मोटरसाइकिल को थाने ले जा चुकी थी। अजय पाल का आरोप है कि रविवार की रात उक्त आरोपित उनके घर हथियारों के साथ आए थे और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत थाना पुलिस को तुरंत की गई, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई । अगले दिन दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया, लेकिन वहां भी आरोपित पुलिस की मौजूदगी में भी धमकी देते रहे।पुलिस तमाशवीन बनी रही।
थाना रिजोर पुलिस की संदिग्धता के बाद पीड़ित व परेशान हरिओम प्रधान की पत्नी सुबोध देवी और परिवार ने पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह से उनके कार्यालय में मिलकर ग्राम प्रधान की बरामदगी तथा अन्य रिपोर्ट लिखने की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने जल्दटीम गठित कर शीघ्र बरामदगी तथा कार्यवाही का आश्वासन दिया, लेकिन क्षेत्राधिकारी सकीट सत्यपाल सिंह से जब उक्त घटना के बारे में पूछा गया तो उन्हें घटना की जानकारी तक नहीं थी।वह वोलेर घटना की मुझे कोई जानकारी नहीं है जब होगी तव कार्यवाही की जाएगी जब उनसे कहा गया पीडितों एसएसपी से मिले हैं उन्होंने टीम बनाकर शीघ्र खुलासा तथा कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
यह मामला पुलिस की निष्क्रियता और क्षेत्राधिकारी की संवेदनहीनता को उजागर करता है। 24 घंटे बाद भी ग्राम प्रधान का कोई सुराग नहीं है और प्रभारी निरीक्षक सकीट जेपी अशोक का फोन तक उठाना इस मामले में पुलिस की उदासीनता को दर्शाता है। साथ ही घटना की सीओ जैसे जिम्मेदार अधिकारी को जानकारी न होना? घटना को लेकर ग्रामीणों और परिजनों में पुलिस कार्रवाई को लेकर रोष है और वे त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।