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Etah News: बहुत गड़बड़ है एटा रोडवेज में, सरकारी रंग में रंगी डग्गेमार बसों को खुली छूट, अधिकारियों की मिलीभगत की मिल रही रिपोर्ट
Etah News: यात्री रोडवेज की बस समझ कर यात्रा कर रहे हैं, लेकिन असल में ये अवैध रूप से संचालित डग्गेमार बसें हैं। शासन को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं।
Etah Buses News (Image From Social Media)
Etah News: जनपद मुख्यालय पर रोडवेज के रंग में रंगी तथा डबल ट्रैकर प्राइवेट बसों का रोडवेज बस स्टैंड से सवारियों का भरना जारी है जिम्मेदार आंखें बंद किए मूक समर्थन दे लाखों की अवैध कमाई में जुटे हैं। यह अधिकारी मुख्य मंत्री के डग्गेमारी रोकने के आदेश को भी दरकिनार कर आंख मिचौली का खेल खेल कर रोडवेज बस स्टैंड से निजी तथा रोडवेज रंग में रंग रंगी बसें एआरटीओ व ट्रेफिक पुलिस व रोडवेज चौकी पुलिस के संरक्षण में बस स्टैंड से यात्रियों को धोखा देकर बैठा रही हैं। रोडवेज रंग में रंगी बसों में यात्री रोडवेज की बस समझ कर यात्रा कर रहे हैं, लेकिन असल में ये अवैध रूप से संचालित डग्गेमार बसें हैं। शासन को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रैकेट में कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।
ऐसा ही एक मामला एटा अलीगंज मार्ग पर दोपहर उस समय सामने आया जब यात्रा कर रहे सौरभ सक्सैना एडवोकेट व गौरव कुमार ने बताया कि मैं बस संख्या Up82 AT 8926 जो रोडवेज रंग में रंगी थी को रोडवेज की बस समझकर उसमें सवार हो गए। रोडवेज की तरह दिखने के कारण इसे सरकारी बस समझा, लेकिन बस चालक ने अलीगंज से एटा की सवारियों को लाने के साथ ही अलीगंज से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी झूठ बोलकर बस में बैठा लिया गया बाद में इन्हें अलीगंज रोड बाईपास ओवरब्रिज के नीचे उतारकर अन्य बसों में भेज दिया गया इस बात पर यात्रियों की बस के चालक व परिचालक से वहस भी हुई जब यात्रियों ने बीच में उतरने इसका विरोध किया और टिकट की मांग की, तो कंडक्टर ने उन्हें फर्जी टिकट थमा दिया, जिसमें न तो कोई सीरियल नंबर था और न ही बस संख्या।
यही नहीं, बस चालक के पास रोडवेज कंडक्टरों के उपयोग वाली टिकट मशीन भी मौजूद थी , जिससे यात्रियों को यह विश्वास हो गया कि यह रोडवेज की बस है। सूत्रों के अनुसार,शासन प्रशासन के लाख आदेशों के बावजूद एटा में डग्गेमार बसों का धंधा धड़ल्ले से जारी है। इन बसों को पुलिस, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिसतथा रोडवेज चौकी पुलिस का खुला संरक्षण प्राप्त है।
एआरएम एटा नरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि डग्गेमार बसों को रोकने की जिम्मेदारी एआरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की है। उन्होंने बताया कि डग्गेमारी रोकने के लिए उनके द्वारा जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी गई है, लेकिन संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि रोडवेज रंग की इन बसों के लिए परिचालकों पर टिकट मशीनें भी हैं, जिससे यात्री भ्रमित होकर इनमें बैठ जाते हैं।यह टिकट मशीन बाजार में आराम से काम मिल जाती है। जब डग्गेमार बसों को रोकने की कोशिश की जाती है तो इनके संचालक झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि वे जिलाधिकारी एटा प्रेमरंजन सिंह से मिलकर इन बसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
वहीं, एआरटीओ सत्येंद्र कुमार ने फोन पर बातचीत में कहा कि समय-समय पर डग्गेमार बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाती रही है। एआरएम के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उन्हें कभी इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली। हालांकि, जमीनी सच्चाई यह है कि एटा मुख्यालय से लेकर अन्य इलाकों में डग्गेमारी और ओवरलोडिंग का धंधा जोरों पर चल रहा है। प्रशासन सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रहा है, जबकि इन बसों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।अगर होती भी है तो उनके खिलाफ जो उनकी सेवा सत्कार नहीं करते जिसे लेकर इमानदारी से कार्य करने वाले संचालकों को इनके कोप का भाजन बनना पड़ता है। एक संचालक सरेश ने बताया कि हमारे वाहनों के चालन बिना गलती के भी काटे जाते हैं में अधिकारी बता देते हैं कि ऊपर से चालान करने का टार्गेट मिलता है मजबूरी में स्थान हमें चालान काटने पडते है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ईमानदारी से कार्य करने वालों को परेशान करने के लिए यह चालान करने का टारगेट होती है या गलत कार्य करने वालों को इस गलती से रोकने के लिए यह सवाल सभी के लिए एक समस्या है चाहे वह दो पहिया वाहन हो चार पहिया, छह पहिया, 12 पहिया, 18 पहिया, 22 पहिया या कोई भी वाहन हो सभी इस टारगेट का शिकार होकर परेशान हैं।
रोडवेज के रंग में रंगी बसों से खुलेआम डग्गेमारी की वीडियो बना कर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना यह दर्शाता है कि एटा में परिवहन विभाग और पुलिस की मिली भगत से डग्गेमार बसें बेखौफ संचालित हो रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है या फिर यात्रियों को ऐसे ही ठगा जाता रहेगा और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बच कर एक दूसरे पर टालकर इस लूट के खेल को खेल कर मौज मारेंगे या?