×

Etah News: एटा में नकल माफियाओं का राज! गणित पेपर लीक कांड को दफनाने की साजिश

Etah News:पेपर लीक कांड के बाद जिले के बड़े से छोटे सभी अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए। किसी ने फोन उठाना तो दूर, मुलाकात तक करना बंद कर दिया।

Sunil Mishra
Published on: 5 March 2025 11:22 AM IST
Etah News: एटा में नकल माफियाओं का राज! गणित पेपर लीक कांड को दफनाने की साजिश
X

Etah News

Etah News: यूपी सरकार जहां शिक्षा में पारदर्शिता और नकलविहीन परीक्षा का दावा करती है, वहीं एटा जिले में नकल माफियाओं और प्रशासन की सांठगांठ खुलकर सामने आ रही है। जैथरा के बीएल इंटर कॉलेज में हाईस्कूल गणित का पेपर लीक हुआ, लेकिन जिला प्रशासन पूरे दो दिन तक चुप्पी साधे बैठा रहा और मीडिया से छिपाकर गुपचुप तरीके से जेल भेज दिया।

पेपर लीक कांड पर प्रशासन की चुप्पी, मीडिया से दूरी

पेपर लीक कांड के बाद जिले के बड़े से छोटे सभी अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए। किसी ने फोन उठाना तो दूर, मुलाकात तक करना बंद कर दिया। शासन-प्रशासन के पारदर्शिता के दावों की पोल तब खुल गई जब असली आरोपियों को बचाने का खेल शुरू हुआ।

सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल से पकड़ी गई अंजू यादव को पूरी कहानी से बाहर कर दिया गया, और प्रबंधक संजय कुमार और ऑपरेटर हिमांशु राठौर को जेल भेजकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या पर्दे के पीछे कोई बड़ा खेल हुआ है?

फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया, फिर भी नकल माफिया बेखौफ!अधिकारी मौन

इसी बीच, थाना कोतवाली सकीट क्षेत्र के डीएवी इंटर कॉलेज में हाई स्कूल परीक्षा के दौरान एक मुन्ना भाई (फर्जी परीक्षार्थी) पकड़ा गया। प्रभारी निरीक्षक सकीट चमन गोस्वामी ने बताया कि डीएवी इंटर कॉलेज में असली परीक्षार्थी आर्यन चौहान के स्थान पर रार पट्टी गांव निवासी निकेतन कुमार परीक्षा देते पकड़ा गया ।असली परीक्षार्थी मां गायत्री इंटर कालेज चपरई क्रमांक (1250148704) का छात्र था जिसका सेंटर डीएवी कालेज के सकीट में था केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।

नकल का पूरा खेल, हर कॉपी की होती है बोली

पूर्व शिक्षक आर वी गुप्ता ने कहा कि एटा में नकल माफिया का खेल सिर्फ फर्जी परीक्षार्थी भेजने तक सीमित नहीं है। परीक्षा खत्म होने के बाद छात्रों की लिखी हुई कॉपियां बदल दी जाती हैं। जिन छात्रों ने माफियाओं को पैसे दिए होते हैं, उनकी कॉपी बदलकर नंबर बढ़ाने की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए 10,000 से 50,000 रुपये तक वसूले जाते हैं।निवर्तमान में प्रशासन ने ही की बार कापियां लिखते माफियाओं को पकडा भी जा चुका है।

जो छात्र पैसे नहीं देते, उन्हें अलग कमरों में बैठाकर या सख्त चेकिंग कर फेल कराने की साजिश होती है। यह पूरा नेटवर्क प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम चल रहा है।

अधिकारियों का दिखावा, नकल माफियाओं के हौसले बुलंद

मंगलवार को राज्य पर्यवेक्षक व अलीगढ़ मंडल के पर्यवेक्षक ने एटा में परीक्षा केंद्रों की जांच की। अपर शिक्षा निदेशक अजय कुमार द्विवेदी ने राष्ट्रीय इंटर कॉलेज जिन्हैरा और किसान इंटर कॉलेज धिरामई आदि का निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान सीटिंग प्लान, परीक्षा की निगरानी और नकल रोकने के निर्देश दिए गए, लेकिन यह सब दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं लगा। हकीकत यह है कि नकल माफिया प्रशासन से भी दो कदम आगे हैं।

क्या सरकार की सख्ती सिर्फ दिखावा?

उत्तर प्रदेश सरकार ने नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन एटा में नकल माफियाओं पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा।

अगर जल्द ही प्रशासन और शासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो एटा एक बार फिर नकल उद्योग के गढ़ के रूप में कुख्यात हो जाएगा। आखिर नकल माफियाओं के आगे प्रशासन असहाय क्यों नजर आ रहा है?

Admin 2

Admin 2

Next Story