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Etah News: मैडिकल काॅलेज में अग्निशमन विभाग की चैकिंग के दौरान फायर सिस्टम वेंटिलेटर पर मिली अनियमितता
Etah News : सीएफओ प्रशांत सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर आज संयुक्त टीम ने डाक बगलिया स्थित मेडिकल कॉलेज के भवन में लगे फायर सिस्टम का निरीक्षण किया।
Etah News: उत्तर प्रदेश के एटा जिला मुख्यालय पर शहर के मध्य घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित रानी वीरांगना अवंती बाई स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय एटा में आज अग्निशमन विभाग ने एसडीएम, एसीएमओ, सीएमएस की संयुक्त टीम के साथ फायर सिस्टम का संयुक्त निरीक्षण किया। भारी अनियमितताएं पाए जाने पर तत्काल कमियों में सुधार के निर्देश दिए गए। कुछ दिन पहले झांसी मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से 11 नवजात बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के सभी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में फायर सुविधाओं को अपडेट करने के आदेश दिए थे।
इसी क्रम में आज उप जिलाधिकारी भावना विमल, सीएएस एस चंद्रा के नेतृत्व में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की टीम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर हकीकत परखी, हकीकत कुछ और ही निकली, जिसमें पूरा सिस्टम वेंटीलेटर पर मिला, मेडिकल कॉलेज का अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहा था, यहां लगे फायर प्लांट फेल मिले, दो में पानी खोलने के लिए हैंडल नहीं थे, जबकि वार्डों में लगे अधिकांश सिलेंडर खाली थे, एक-दो में गैस थी लेकिन वह चलने की हालत में नहीं थे। वाटर सिस्टम यूनिट में सप्लाई के लिए लगाए गए पाइपों के बॉक्स की चाबी नहीं मिली।
सीएफओ प्रशांत सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर आज संयुक्त टीम ने डाक बगलिया स्थित मेडिकल कॉलेज के भवन में लगे फायर सिस्टम का निरीक्षण किया, जिसमें वहां लगे 50 फीसदी सिलेंडर खाली मिले, पानी के लिए लगाए गए प्वाइंट से पानी आ रहा था, दो स्थानों पर उन्हें खोलने के लिए हैंडल नहीं लगे थे, उसमें लगे पाइपों के बॉक्स की चाबी नहीं मिली, अलार्म बज रहा था, पंप हाउस का प्रेशर ठीक था। गैस सिलेंडर (अग्निशमन यंत्र) को क्या कर्मचारी इमरजेंसी में चलाते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हां, सभी कर्मचारी चलाते हैं, इसलिए पहले तो उन्होंने कहा कि हां चलाते हैं, जब टेस्ट करने को कहा तो उन्होंने कहा कि वहां हमेशा होमगार्ड तैनात रहते हैं, वे चलाते हैं। इसके बाद उन्होंने बताया कि आज हमने मारहरा रोड स्थित मेडिकल कॉलेज की शिक्षा शाखा में मॉक ड्रिल की और वहां के छात्र-छात्राओं और रसोई कर्मचारियों को इमरजेंसी में खुद को बचाने के तरीके सिखाए। उन्होंने यह भी कहा कि हम जल्द ही यहां कैंप लगाकर कर्मचारियों को आग से बचाव का प्रशिक्षण देंगे।
आपको बता दें कि एटा के वीरांगना अवंती बाई मेडिकल कॉलेज में सर्दी-जुकाम और बुखार के कारण ओपीडी में 2000 से 3000 मरीज आते हैं। वहीं महिला, बाल और मेडिकल वार्ड में हर समय 100 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं। और इन सिलेंडरों का खाली होना, वाटर प्वाइंट का हैंडल न मिलना, पाइप बॉक्स की चाबी न मिलना और धुआं निकलने पर अलार्म का अपने आप न बजना जैसी लापरवाही एटा में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए काफी नहीं है। क्या इसमें सुधार की जरूरत है और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए? ताकि अगर कुछ अनहोनी हो जाए तो जिम्मेदारी तय की जा सके और सजा दी जा सके?