×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Etah News: दस हजार की वेतन में इलाज कराये या पेट भर, आर्थिक तंगी की भेंट चढ़ा एक और शिक्षामित्र

Etah News: समायोजन निरस्त होने के उपरांत आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र राकेश कुशवाह की आर्थिक तंगी के चलते पैसे के अभाव में इलाज न मिल पाने की वजह से मौत हो गयी।

Sunil Mishra
Published on: 9 Feb 2024 8:20 PM IST
Etah News
X

Etah News (Pic:Newstrack)

Etah News: उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के थाना जलेसर क्षेत्र में एक शिक्षामित्र की आर्थिक अभाव में उपचार न हो पाने के कारण मौत हो गई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रो के साथ बरते जा रहे सौतेले व्यवहार तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री के सियासी क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाओ की भेंट एक और शिक्षा मित्र चढ़ गया। समायोजन निरस्त होने के उपरांत आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र राकेश कुशवाह की आर्थिक तंगी के चलते पैसे के अभाव में इलाज न मिल पाने की वजह से मौत हो गयी। आपको बताते चलें लगभग 25 दिन पूर्व पिता की मृत्यु के बाद उनके बड़े पुत्र राकेश की भी मृत्यु हो जाने से परिवार में कोहराम मच गया। इस दर्दनाक घटना को लेकर समूचे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी है।

काफी समय से पीलिया से पीड़ित था शिक्षामित्र राकेश

जनपद की जलेसर विधानसभा क्षेत्र के अवागढ़ ब्लॉक की गादुरी ग्राम पंचायत के गांव सलेमपुर निवासी 49 वर्षीय राकेश कुशवाह पुत्र नेत्रपाल सिंह ग्राम पंचायत के ही कंपोजिट विद्यालय सलेमपुर में शिक्षामित्र पद पर तैनात था। लगभग पन्द्रह दिन पूर्व से शिक्षामित्र राकेश पीलिया रोग से पीड़ित था। मृतक द्वारा स्थानीय प्राइवेट चिकित्सक से दवा ली जा रही थी। इसके बाद जब कोई फायदा नही हुआ तो परिजनो एवं रिश्तेदारों ने राकेश को आगरा उपचार कराने ले गये। जहाँ वह लगभग दस दिन तक भर्ती रहा था। वहाँ भी कोई फायदा नही मिला तो चिकित्सको ने उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया। जहाँ लगभग तीन - चार दिन भर्ती रहने के बाद गुरुवार की रात्रि में राकेश ने दम तोड़ दिया।

दस हजार की पगार में इलाज कराये या भरण पोषण

ग्रामीणों का कहना कि प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षक की भांति महज दस हजार रुपये की पगार पर कार्य करने वाले शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। दस हजार रुपये में शिक्षामित्र परिवार का भरण पोषण करें अथवा अपना या परिवार का इलाज कराये। फिर भी केन्द्र और प्रदेश सरकारें शिक्षामित्रों से शिक्षक के बराबर कार्य लेने के बाबजूद न तो शिक्षकों के समान वेतन दिया जा रहा है और न ही इलाज आदि की कोई सुविधा।

साढ़े तीन महीने में एक ही विद्यालय के दूसरे शिक्षामित्र की मौत

तहसील क्षेत्र के गांव सलेमपुर गादुरी के स्थित कम्पोजिट विद्यालय के दो शिक्षामित्र बीते साढ़े तीन माह में दो आर्थिक तंगी की भेंट चढ़ गए हैं। शिक्षामित्र राकेश कुशवाह की मृत्यु से पूर्व इसी विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षामित्र डॉली सिंह की गत अक्टूबर के महीने में डेंगू की चपेट में आ जाने से मौत हो गयी थी। महिला शिक्षामित्र को भी आर्थिक तंगी के चलते समुचित उपचार नही मिल सका था। शिक्षामित्र की मृत्यु के बाद भी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के आश्रितों की भी कोई आर्थिक सहायता नही की जाती है।

25 दिन में बाबा के बाद पिता का भी उठ गया साया

क्षेत्र के गांव सलेमपुर गादुरी निवासी शिक्षामित्र राकेश कुशवाह की गुरुवार को हुई मृत्यु के बाद परिवार पूरी तरह टूट चुका चुका है। गत 13 जनवरी को मृतक राकेश के पिता नेत्रपाल सिंह की मौत हो गयी थी। समायोजन निरस्त होने के बाद से अवसाद में चल रहा राकेश पिता की मृत्यु के बाद और अधिक अवसाद में चला गया। और इसी बीच पीलिया रोग की गिरफ्त में आ जाने से राकेश भी चल बसा। परिजनों के अनुसार आर्थिक संकट से जूझ रहे राकेश का उपचार कर्ज लेकर कराया गया था। इसके बाद भी वह नही बच सका। राकेश के तीन छोटे भाइयों के साथ साथ पांच बच्चे भी हैं। जिनके ऊपर से अब बाबा के बाद पिता का भी साया उठ चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा लचर

स्थानीय सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल वर्तमान में केन्द्र सरकार में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। मगर स्थानीय विधानसभा क्षेत्र उनका सियासी क्षेत्र होने के बाबजूद समूचे जलेसर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएँ पूरी तरह से नगण्य है। कस्वा नूहखेड़ा के 15 किमी की परिधि में कोई भी सामुदायिक स्स्वास्थ केन्द्र भी नही है। दशकों से मांग के बाबजूद किसी भी जनप्रतिनिधि ने सीएचसी खुलबाने की जहमत नही उठायी है।



\
Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story