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Etawah: न्यायालय ने DM-SSP को दी चेतावनी, अवमानना की कार्रवाई के लिए रहें तैयार
Etawah News: इटावा के सिविल जज सीनियर डिवीजन ने यहां के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को पत्र लिखकर सख्ती के साथ आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं ।
Etawah News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल में दबंग माफियाओं (mafia) पर बुल्डोजर चलाने के निर्देशों के बावजूद भी इटावा (Etawah) शहर के लाइन पार इलाके में भू माफियाओं (land mafia) पर हाईकोर्ट (High Court) के निर्देश का भी प्रभाव नहीं है और वे नीचे के अफसरों को अपने पाले में मिलाकर खुलेआम हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करके निर्माण कार्य में जुटे हैं।
इसे प्रकरण पर इटावा के सिविल जज सीनियर डिवीजन ने यहां के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को पत्र लिखकर सख्ती के साथ आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं और साफ कहा है कि यदि आदेशों पर अमल न किया गया तो फिर अवमानना की कार्यवाही का सामना करने के लिये तैयार रहें।
यह है कोर्ट के सख्त होने का कारण
यहां पर यह उल्लेखनीय है कि तथा कथित माफिया प्रशांत राव चैबे द्वारा अपने कई हिस्ट्रीशीटर भूमाफियाओें की मदद से गाटा संख्या 60 के एक भाग को खरीदे जाने के बाद गत 16 अगस्त 1994 को प्लाट की प्रकृति बदल कर पीड़ित उमेश कुमार पुत्र जे.सिंह को प्लाट पर कब्जा कर के भगाने के प्रयास किए जा रहे है।बात यही तक नही है।प्रशांत राव द्वारा भारती जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही उमेश कुमार को परेशान कर के अवैध निर्माण किया जा रहा है।तथा पीड़ित इन सालों के दौरान थाना फ्रैंड्स कालोनी ,लेखपाल तहसीलदार सी.ओ सिटी ,सिटी मेजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी सदर,अपर जिलाधिकारी तथा खुद जिलाधिकारी के अलावा एस.एस.पी तथा अन्य अफसरों के दफ्तरों तथा आवासों के चक्कर लगा चुका है लेकिन उसे दबंग इस दबंग माफिया के आतंक से मुक्ति नही मिल सकी है।
सीएम पोर्टल में की शिकायत से भी नही मिला न्याय
पीड़ित उमेश कुमार ने न्यूज ट्रेक को दस्तावेजी प्रमाण दिखाते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आन लाइन शिकायतें दर्ज कराने और वहां से इटावा प्रशासन के पास तक सख्त कर्रवाही के निर्देश आते आते दम तोड़ देते है क्योंकि इस माफिया की अधिकारियों से गहरी पैठ है।इसीलिये अफसरों की मिली भगत से हाईकोर्ट के आदेशों पर इस दबंग माफिया की हनक भारी पड़ रही है।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद हटी ,तब गया न्यायालय की शरण मे
पीड़ित उमेश कुमार ने बताया कि उसने प्रशासनिक पक्षपात और दबंगों के प्रभाव को देखते हुए इसी साल अप्रैल 22 में प्रयागराज हाईकोर्ट में एक रिट दाखिल कर के अदालत के सामने अराजकता दबंगई का अपने अधिवक्ता के जरिए पूरा ब्यौरा दिया था।जिस पर प्रयागराज हाईकोर्ट के कोर्ट संख्या 6 में न्याय मूर्ति द्वारा सुना गया।तथा 9 मई 22 को आदेश संख्या 1130-22 में साफ तौर पर इटावा प्रशासन को आदेश दिया गया है कि आरोपियों को गाटा संख्या 60 के प्लाट की जमीन की यथास्थिति को कायम रखते हुए किसी तरह का निर्माण कार्य न करने की हिदायत करते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया हैं।पीड़ित ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेश पर अमल कराने के लिए उसने डीएम इटावा और एसएसपी को हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित कापी देकर इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई लेकिन यहाँ का जिला प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश को भी उक्त कथित नेता व दबंग माफिया और नौ अन्य माफियाओं की हनक के सामने नतमस्तक बना हुआ है।जब अपनी इसी शिकायत को लेकर पीड़ित ने सिविल जज सीनियर डिवीजन नूतन द्विवेदी की कोर्ट में शिकायत किये जाने तथा बाकायदा बीडियोग्राफी करके निर्माण कार्य होने का सबूत पेश किया उसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन ने भूमाफियाओं के खिलाफ जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बेहद तल्ख भाषा में निर्देश जारी करके हाई कोर्ट के आदेश पर सख्ती से अमल कराने का आदेश अपने अधीनस्थों को देने और ऐसा न करने पर कोर्ट की अवमानना का सामना करने के लिये तैयार रहने को कहा है।
एसएसपी ने बताया
इस मामले में जब एसएसपी जयप्रकाश सिंह से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि उन्होंने इस मामले में प्रभारी निरीक्षक फ्रेण्डस कालोनी को हाईकोर्ट के आदेश पर सख्ती के साथ अमल कराने का आदेश दिया है और कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके निर्माण कार्य की जांच सीओ सिटी को करके रिपोर्ट देने के लिये कहा है ताकि पुलिस के उन लोगों को कानून के दायरे में लाया जा सके जो कि इस आदेश पर अमल के लिये जबावदेय बनाये गये थे। अलवत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद यहां पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।