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शांत हुआ बब्बर शेर मनन: सफारी पार्क का गॉड फादर हार गया जिंदगी की लड़ाई, सदमे में प्रशासन
Etawah Latest News: सफारी पार्क के गॉड फादर शेर मनन अंततः अपनी जिंदगी से हार गया। उसके इलाज में लगी अनुभवी डॉक्टरों की टीम मनन को जीवन नहीं दे सकी और उसकी मौत हो गयी।
Etawah: त्वचा कैन्सर से पीड़ित सफारी पार्क (Safari Park) के गॉड फादर शेर मनन (lion manan)अंततः अपनी जिंदगी से हार गया।उसके इलाज में लगी अनुभवी डॉक्टरों की टीम मनन को जीवन नहीं दे सकी और उसकी मौत हो गयी।
सफारी पार्क के उप निदेशक ने की मौत की पुष्टि
इटावा सफारी पार्क के उप निदेशक ए के सिंह समेत सफारी पार्क(Safari Park) का समस्त स्टाफ व प्रशासन बब्बर शेर मनन की इस तरह से हुई मौत से बेहद आहत है।पार्क के उप निदेशक ने बताया कि बब्बर शेर (god father of Safari Park) वैसे अपनी उम्र पूरी कर चुका था।उनका कहना है कि एक शेर के जीवन की उम्र 14 से 17 वर्ष ही होती है और गॉड फादर मनन 15 वर्ष का था।
उन्होंने बताया कि कानपुर-बरेली और सफारी पार्क(Safari Park) के चिकित्सकों के द्वारा शेर मनन को फ्लूड थेरेपी दी जा रही थी लेकिन चिकित्सकों के काफी प्रयास के बाद भी मनन की बीमारी ठीक नहीं हुई। ऐसे में उसकी बीती शाम मौत हो गई।
सफारी पार्क का गॉड फादर था मनन
पिता वीर और मां मयूरी की संतान मनन का जन्म 18 फरवरी 2008 को सक्करबाग प्राणी उद्यान जूनागढ़ गुजरात में हुआ था। जनपद इटावा में एशियाई बब्बर शेर प्रजनन केंद्र की स्थापना के बाद मनन को जूनागढ़ से ग्यारह अप्रैल 2014 को इटावा लाया गया था, यहां लाए जाने के बाद जेसिका नामक शेरनी से मन का मिलन 21 जून 2016 से 23 जून 2016 तक हुआ और जेसिका शेरनी ने गर्भधारण कर पांच अक्टूबर 2016 को दोनों शावकों को जन्म दिया जो बाद में चलकर सिंबा और सुल्तान के नाम से जाने गए।
बाद के वर्षों में मनन ने जेसिका के माध्यम से 15 जनवरी 2018 को बाहुबली , 26 जून 2019 को भरत, रूपा और सोना और 15 अप्रैल 2020 को बब्बर शेरनी जेनिफर के माध्यम से केसरी तथा 12 दिसंबर 2020 को पुनः जेसिका के माध्यम से नीरजा और गार्गी नामक शावकों के प्रजनन में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।
त्वचा कैंसर की बीमारी साथ लेकर आया था मनन
मनन को जूनागढ़ से लाए जाने के बाद से ही उसकी कमर के दाहिने भाग पर एक गांठ थी, जिसका परीक्षण समय-समय पर भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली के वन्यजीव चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा कराया गया और उनके निर्देशानुसार आवश्यक चिकित्सीय सहायता पहुंचाई जाती रही।
निदेशक सफारी पार्क इटावा(Safari Park Etawah) के अनुरोध पर भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली द्वारा डॉक्टर पार्थ सारथी बनर्जी, डॉक्टर के महेंद्रन तथा डॉक्टर एम. करीकलन की एक टीम गठित कर मनन का परीक्षण करवाया गया। मथुरा पशु चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर जेम्स स्टील, पशु चिकित्सा अधिकारी स्मिथसोनियन जूलॉजिकल पार्क वाशिंगटन, डीसी यूएसए आदि विशेषज्ञों की भी राय ली गई। अपनी राय में विशेषज्ञों ने मनन की गांठ को शल्य क्रिया द्वारा हटाने का सुझाव दिया था।
इसी संदर्भ में बायोप्सी जांच हेतु सैंपल 15 जनवरी 2018 को भेजा गया था, जिसकी परीक्षण रिपोर्ट भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली द्वारा अपनी रिपोर्ट 19 जनवरी को भेजी गई जिसमें मनन को मेलानोमा वारियावल डिग्री ऑफ लोकल डर्मल इनवेशन एंड एट टाइम्स शॉवड स्किन कैंसर नामक बीमारी होना बताया गया।
इस स्थिति में जब तक शल्यक्रिया हेतु सक्षम स्तर से निर्णय लिए जाने की प्रक्रिया पूर्ण हो पाती तब तक कोविड-19 कोरोना वायरस का प्रकोप प्रारंभ हो चुका था और शल्यक्रिया नहीं की जा सकी। इधर कुछ महीने से गांठ वाले भाग में कुछ अधिक वृद्धि देखी जा रही थी और मनन को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी हो रही थी, जिस हेतु लगातार चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराते हुए और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श भी किया जा रहा था।
कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर के द्वारा मौके पर आकर परीक्षण किया गया आवश्यक पैथोलॉजी कल जाटों के साथ-साथ बायोप्सी जांच हेतु नमूना भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान बरेली भेजा गया। मनन के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट महसूस की जा रही थी। उसे उच्च से उच्च स्तर की चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उसके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखे जाने का कार्य किया जाता रहा।
गत 2022 से मनन ने खाना पीना छोड़ दिया था
मई माह 2022 में मनन ने भोजन की कमी कर दी और खाना कम कर दिया था, जिस कारण की-पर द्वारा उसे हैंड फीडिंग कराई जाने लगी। जून के पहले सप्ताह में मनन की बायोप्सी रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें उसे एमेलोनोटिक मिलानोमा नामक बीमारी से ग्रस्त बताया गया जो एक प्रकार का स्किन कैंसर है। स्थिति को देखते हुए सफारी प्रशासन द्वारा दिनांक 7 अगस्त 2022 को निदेशक भारतीय वन्यजीव अनुसंधान संस्थान बरेली को सफारी में विशेषज्ञ टीम भेजने हेतु लिखा गया।
13 जून के बाद बब्बर शेर मनन की हालत बिगड़ती चली गयी
भारतीय वन्यजीव अनुसंधान संस्थान बरेली के विशेषज्ञों द्वारा मनन की अन्य जांच पूर्ण होने तक पैलिएटिव ट्रीटमेंट की सलाह दी गई थी जिसे वर्तमान समय तक उक्त ट्रीटमेंट पर रखा गया। बीते दिवस 13 जून को मनन का शारीरिक तापमान जांच में अधिक पाया गया और वह मुंह से सांस ले रहा था।
जिसके बाद तत्काल रक्त नमूना एकत्र कर जांच हेतु लैब भेजा गया तथा एंटी पाइरैटिक दवाओं के साथ फ्लूड थैरेपी भी दी गई। काफी प्रयासों के बावजूद भी मनन को बचाया नहीं जा सका। घातक बीमारी के चलते बीती शाम मनन का देहांत हो गया। सफारी प्रशासन इस घटना से आहत है।