Etawah: इटावा में तिरंगा झंडे की बिक्री में कालाबाजारी, समाजसेवियों ने DM से की हस्ताक्षेप की मांग

Etawah: जनपद में तिरंगा झंडे की बिक्री में जमकर कालाबाजारी की जा रही है। इसको लेकर क्षत्रिय स्वाभिमान समिति के अध्यक्ष विवेक भदौरिया उर्फ कुन्नू ने डीएम से हस्ताक्षेप की मांग की है।

Sandeep Mishra
Published on: 11 Aug 2022 10:12 AM GMT (Updated on: 11 Aug 2022 10:53 AM GMT)
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Etawah: भारत की 75 वीं वर्षगांठ पर घर घर तिरंगा लगाने के इस अभियान के बीच तिरंगा झंडे की बिक्री में जमकर कालाबाजारी की जा रही है। क्षत्रिय स्वाभिमान समिति (Kshatriya Swabhiman Samiti) के अध्यक्ष विवेक भदौरिया (President Vivek Bhadauria) उर्फ कुन्नू ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इटावा शहर में तिरंगे झंडे की जारी इस ब्लैकमार्केटिंग को अविलम्ब रोका जाना चाहिये।

एकदम आसमान पर पहुंचे है तिरंगे के दाम

तिरंगे के रेट में एकदम से बढ़ोत्तरी होने के पीछे भाजपा सपा का अभियान है। स्मरण रहे कि भाजपा (BJP) तो घर घर तिरंगा फहराने के अपने अभियान की शुरुआत कर चुकी है। जबकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) आगामी 15 अगस्त से अपने इस अभियान की शुरुआत करेगी। क्षत्रिय स्वाभिमान समिति के अध्यक्ष विकास भदौरिया उर्फ कुन्नू ने बताया कि इस समय इटावा शहर के बाजार में तिरंगे झंडे पर दुकनदार जमकर ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का गोल तिरंगा झंडा, 90 रुपये 100 के रेट के हिसाब से बेच रहे हैं, अब दुकानदारों ने कालाबाजारी के चलते इन झंडों की कीमत बढाकर 400 रुपये में 100 तिरंगे झंडे देना शुरू कर दिया है। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तिरंगे की खरीद फरोख्त में काला बाजारी के नाम पर घर तिरंगा फहराने के सरकार व विभिन्न दलों के इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं।

मेहनत मजदूरी करने वाले अपने घरों पर किसे फहराएंगे तिरंगा

तिरंगे की खरीद फरोख्त में जारी कालाबाजारी के कारण घर घर तिरंगा फहराने के इस अभियान का हिस्सा बनने से अब संकोच कर रहा है, क्योंकि इस जारी कालाबाजारी के खेल में मिडिल व निम्न वर्ग के लोगों को अपने घरों पर तिरंगा फहराना उनके बजट से बाहर हो रहा है। तिरंगा लोगों के दिलों से जुड़ा है। आम आदमी इस तिरंगे से भवनात्मक रूप से जुड़ा है। कुछ लोग तो तिरंगा खरीद कर स्वयं भी लोगों को अपनी घर घर की छत पर लगाने के लिये वितरित करने के मूड में थे, लेकिन अब तिरंगे पर जारी कालाबाजारी के कारण कई समाजसेवियों ने अपने इस अभियान को विराम लगा दिया है।

तिरंगे की कालाबाजारी में बाबा का नाम सबसे ऊपर

क्षत्रिय स्वाभिमान समिति (Kshatriya Swabhiman Samiti) के अध्यक्ष विकास भदौरिया (President Vivek Bhadauria) उर्फ कुन्नू ने बताया कि शहर के लालपुरा मोहल्ले का रहने वाला बाबा नामक दुकनदार तिरंगा झंडे का इस समय थोक में बेचने का काम कर रहा है।उन्होंने बताया कि जब वे एक हफ्ते पूर्व उसकी दुकान प्लास्टिक से बना तिरंगा झंडा खरीदने गए तब वो थोक का दुकनदार 90 रुपये में 100 झंडे बेच रहा था लेकिन अब तिरंगे की डिमांड बढ़ने से उस दुकनदार ने वो ही झंडे 400 रुपये में 100 रुपये में बेचने की कालाबाजारी शुरू कर दी है।बताया यह गया कि बाबा नामक इस थोक दुकनदार की जारी कालाबाजारी के चलते पूरे शहर में तिरंगे की खरीदफरोख्त में खुलकर ब्लैकमार्केटिंग जारी है।

तिरंगे के एक दाम फिक्स होने चाहिये

शहर में जारी तिरंगे झंडे की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन से रोक लगाने की मांग लोगों ने की है। तिरंगे की कालाबाजारी में मशगूल लोगों को जिला प्रशासन यह सख्त हिदायत दे कि तिरंगा वाजिब दामों पर ही दुकनदार बेचें ताकि हर आम इंसान अपने घर पर तिरंगा फहराने से महरूम न रह जाये।

Deepak Kumar

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