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अब बेमौसम सब्जी का होगा उत्पादन, लगाए गए 5000 पौधे

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि खाद्यान उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ ही अब संतुलित पोषण की आवश्यकता को महत्व दिया जाने लगा है।

Newstrack
Published on: 3 July 2020 1:48 PM GMT
अब बेमौसम सब्जी का होगा उत्पादन, लगाए गए 5000 पौधे
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इटावा: उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बेमौसम सब्जी उत्पादन कार्यक्रम का शुभारंभ फीता काटकर किया गया। इससे महिलाएं कम जमीन में वैज्ञानिक विधि से सब्जी उत्पादन करके जीविकोपार्जन करेंगी।

मुख्य विकास अधिकारी ने किया शुभारंभ

डॉ.राजा गणपति आर. मुख्य विकास अधिकारी द्वारा शुक्रवार को इसका शुभारंभ विकासखंड बसरेहर में किया गया। इस मौके पर उन्होंने महिलाओं को हर संभव वित्तीय सहायता की बात कही। खाद्यान उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ ही अब संतुलित पोषण की आवश्यकता को महत्व दिया जाने लगा है। उन्नत उत्पादन तकनीकों द्वारा बढ़ाने की अपार संभावनाएँ हैं। अन्य फसलों की तुलना में बेमौसम सब्जियों की खेती से प्रति इकाई क्षेत्रफल अधिक आमदनी प्राप्त होती है।

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बृज मोहन अम्बेड उपायुक्त स्वरोजगार ने बताया कि इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। दूसरी ओर स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद समाज और परिवार को मिल सकेगा। भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में जहाँ शाकाहार को महत्व दिया जाता है। सब्जियों का महत्व और भी बढ़ जाता है। कुल जनसँख्या के आधार पर संतुलित पोषण की दृष्टि से सब्जियों का उत्पादन देश में काफी कम है।

बेमौसम खेती महिला किसानों के लिए काफी लाभदायक

जिला मिशन प्रबन्धक (आजीविका) दीपेंद्र सिंह तोमर सहित मौके पर नावली सब्जी उत्पादक समूह की महिलाएं मौजूद रहीं। इसमें पांच सदस्य हैं। आज फूल गोभी, पत्तागोभी, करेला और शिमला मिर्च सहित कुल 5000 पौधे की नर्सरी लगाया गया। उन्होंने बताया कि सब्जी उत्पादन में लगे किसानों को लाभ तो बहुत मिलता है किन्तु भण्डारण की समस्या सहित फसलों में लगने वाले रोग व कीटों के बाबत पर्याप्त जानकारी न होने की वजह से किसान अपने लाभ को गवां देता है।

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ऐसे में बेमौसम खेती महिला किसानों के लिए अन्य फसलों से तीन गुणा लाभदायक है। नन्दकिशोर सह जिला मिशन प्रबन्धक ने बताया कि अर्थपरक खेती में शुमार बैगन, पत्ता गोभी, भिण्डी, आलू, टमाटर, लौकी, प्याज, लहसुन आदि सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की फसलों को कीटों से बचा दिया जाये तो उनकी स्थिति काफी बेहतर हो सकती है। साथ ही लाभ का प्रतिशत भी बढ़ सकता है। इस मौके पर सहायक विकास अधिकारी अवधेश यादव, बीएमएम मनीष कुमार सिंह, मोना देवी सहित उत्पादक समूह की महिलाएं मौजूद रही।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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