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इटावा: सफारी पार्क में खुले में घूमेंगे शेर, पर्यटक बंद गाड़ियों में करेंगे शेरों का दीदार
खुले मैदान में दहाड़ने के लिए हो रहे शेर तैयार, बाड़े से बहार चहलकदमी करते दिखे भरत, रूपा, और सोना, पर्यटकों के लिए इन्तिज़ार की घड़ियां होने को है खत्म, शेरों को पर्यटकों के बीच मे सहज महसूस कराने के लिए दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग।
इटावा: खुले मैदान में दहाड़ने के लिए हो रहे शेर तैयार, बाड़े से बहार चहलकदमी करते दिखे भरत, रूपा, और सोना, पर्यटकों के लिए इन्तिज़ार की घड़ियां होने को है खत्म, शेरों को पर्यटकों के बीच मे सहज महसूस कराने के लिए दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग, गोरखपुर चिड़ियाघर खोलने के बाद ही इटावा लायन सफारी पार्क पर्यटकों के लिए किया जाएगा शुरू सभी तैयारियां हुई पूर्ण।
पूर्व CM अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले लायन सफारी पार्क आये दिन बेहद सुर्खियों में रहती रही है। पूर्व में सफारी पार्क में फैली कैनाइन डिस्टेम्पर की बीमारी से दर्जन भर शेरों की मौत से इटावा लायन सफारी पार्क को काफी बड़ा झटका लगा था। इटावा में लायन सफारी पार्क न खोले जाने तक की चर्चाएं शुरू हो गई थी। लेकिन धीरे धीरे सफारी पार्क प्रसाशन ने कैनाइन डिस्टेम्पर बीमारी पर पकड़ बनाते हुए कड़ी मेहनत और लगन से बीमारी की लड़ाई लड़ी और उस पर जीत हासिल की और सफारी ब्रीडिंग सेंटर में शेरों के कई बच्चों ने जन्म भी लिया। अब पर्यटकों के लिए इसी माह से शेरों को दिखाने के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है।
इटावा सफारी में शेर खुले में चहलकदमी करते दिखेंगे
350 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैली इटावा सफारी में शेर खुले में चहलकदमी करते पर्यटकों को दिखेंगे और पर्यटक बन्द बसों और वहानों में बैठकर शेरों के दीदार करेंगे। सफारी पार्क को पिछले वर्ष खोला गया था जिसमें डियर, बियर, ब्लैक बग, लैपर्ड, जैसे जानवर पर्यटकों को अब तक सफारी पार्क में देखने को मिलते है। लेकिन अब जल्द ही शेरों के दीदार होंगे।
शेरो को दी जा रही ट्रेनिंग
सफारी डायरेक्टर राजीव मिश्रा ने बताया कि शेरो को ट्रेनिंग दी जाने लगी है, जिससे कि पर्यटकों के बीच में शेर अपने आपको कठिनाई महसूस ना करें। भीड़भाड़ और शोर-शराबे के लिए अभ्यस्त किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मार्च महीने में खोलने का पूरी तरह से प्लान बन चुका है, तैयारी पूरी कर ली गई है। शुरू में शेरों को ट्रेनिंग देने में दिक्कत हुई थी कि सुबह छोड़ दिया जाता था शाम को 4, 5 बजे वह वापस नहीं आ पाते थे, रास्ता भूल जाते थे लेकिन अब पूरी तरह से अभ्यस्त हो गए हैं। हम लोग उनके बीच से गाड़ियां भी निकाल कर ड्राई रन के तौर पर ले जाते हैं। शेर पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
रिपोर्ट- उवैश चौधरी