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शिक्षा विभाग बताये? जब ऐसे पढ़ेगा तो कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया...
मामला सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा हुआ है। दरअसल कांशीराम कॉलोनी के गरीब बच्चे सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से आज भी कोसों दूर है।
इटावा: प्रदेश सरकार सूबे में बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन हालात में कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिले रहे हैं। स्थिति जस की तस बनी हुई है।ऐसा हम नहीं बल्कि नौनिहालों के अभिभावक ये बात कह रहे है।
मामला सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा हुआ है। दरअसल कांशीराम कॉलोनी के गरीब बच्चे सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से आज भी कोसों दूर है।
7×7 के दो छोटे कमरों में 112 बच्चे करते हैं पढ़ाई
यहां के बच्चे 7×7 के दो छोटे कमरों में पिछले 9 सालों से शिक्षा ग्रहण करने पर मजबूर है। आपको जानकार हैरत होगी कि जहां सांस लेना भी मुश्किल हो वहां दो छोटे कमरों में वर्तमान में 112 बच्चे पढ़ाई कर रहे है।
अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि वहीं बगल में एक तरफ मिड डे मील बनाने के लिए सिलेंडर रखा है। वहीं पर एक तरफ रसोइया खाना बनाता है और दूसरी तरफ पर शिक्षक बच्चों को पढाते हुए देखे जा सकते हैं।
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भारी शोर-शराबे के बीच बच्चों को पढ़ाते हैं शिक्षक
इतना ही नहीं यहां अधिकाँश समय बाहर से फ़िल्मी गाने की धुन सुनाई पड़ती रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी सारी अव्यवस्थाओं के बीच एक शिक्षक भला कैसे नौनिहालों का भविष्य संवार सकता है।
सवाल बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी है लेकिन उससे भी बड़ा सवाल ये है कि 2011 से लेकर अभी तक शिक्षा विभाग की नजर आखिर इस स्कूल पर क्यों नहीं पड़ी? या कही ऐसा तो नहीं कि जान बुझकर शिक्षा विभाग अनजान बना हुआ है। वजह चाहें जो भी लेकिन सरकार को आगे आकर इस पर ध्यान देना चाहिए।
इस मामले पर जब अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया से सवाल पूछा गया तो वे गोल मोल जवाब देते हुए नजर आये।
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