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Etawah News: पति के खिलाफ पर्चा किया था दाखिल, अब इस वजह से वापस लिया नामांकन

राम शंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने 24 अप्रैल को कलेक्ट्रेट में पहुंचकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था । लेकिन आज उन्होंने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है।

Ashraf Ansari
Published on: 29 April 2024 2:36 PM GMT
Bharatiya Janata Party MP Ramshankar Katherias wife withdrew her nomination papers
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने अपना नामांकन पत्र लिया वापस: Photo- Newstrack

Etawah News: यूपी के इटावा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने हाल ही में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था लेकिन आज कलेक्ट्रेट में पहुंचकर उन्होंने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद रामशंकर कठेरिया को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। जिनके समर्थन में बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज नेता जनसभाओं को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पति के खिलाफ मैदान में उतरी थी मृदुला कठेरिया

इटावा जिले में अपने पति को टक्कर देने के लिए मृदुला कठेरिया ने 24 अप्रैल को कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि चुनाव कोई भी लग सकता है वह उसका मौलिक अधिकार है। लेकिन आज उन्होंने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है।

2019 में भी अपने पति के खिलाफ किया था नामांकन

राम शंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने 24 अप्रैल को कलेक्ट्रेट में पहुंचकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था तो सियासी हलचल तेज हो गई थी। चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मृदुला कठेरिया ने पहली बार अपने पति के खिलाफ जाकर नामांकन पत्र दाखिल किया था।

नामांकन पत्र वापस ले लिया

इससे पहले 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने पति के खिलाफ कलेक्ट्रेट में पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया था और बाद में वापस ले लिया था। ऐसा ही आज देखने को मिला जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर अपने पति के खिलाफ दाखिल किए गए नामांकन पत्र को वापस ले लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने अपनी मर्जी से नामांकन पत्र दाखिल किया था और मैं अपनी मर्जी से आज पर्चा वापस लेने की तिथि पर पहुंची हूं और मैं अपनी मर्जी से पर्चा वापस लिया है। "हम आज भी स्वतंत्र हैं मैं जो चाहूंगी वह करूंगी यह मेरा मौलिक अधिकार है।"

Shashi kant gautam

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