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Etawah News: डॉक्टर फोन पर गर्भवती का करता रहा इलाज, फिर हो गई मौत, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
Etawah News: इन अस्पतालों के पास ना तो किसी तरीके की डिग्री होती है और ना ही मानक के अनुसार चलते हैं।
Etawah News: इटावा से मामला सामने आया है। यहां गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर परिवार के लोगों ने जमकर हंगामा काटना शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देख मौके पर डिप्टी सीएमओ और पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया।
इलाज के दौरान महिला की मौत
इटावा जिले में ऐसे कई अस्पताल हैं जहां पर लगातार लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। इन अस्पतालों के पास ना तो किसी तरीके की डिग्री होती है और ना ही मानक के अनुसार चलते हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करता है, जिसकी वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत पीएसी गेट के सामने बने सर्वोदय हॉस्पिटल का सामने आया है। यहां औरैया जिले के अजीतमल थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बेरिकपरिया इलाके में रहने वाले कीरत सिंह 16 सितंबर को अपनी पत्नी पिंकी को अस्पताल में लेकर पहुंचे थे। यहां पिंकी को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया और लगभग 4 दिन तक उसका इलाज चलता रहा। इलाज के नाम पर अस्पताल की तरफ से परिवार के लोगों से रुपए लिए जाते रहे। लेकिन आज अचानक से महिला की तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल के स्टाफ की तरफ से महिला के परिवार के लोगों को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए बोल दिया गया। परिवार के लोग जिला अस्पताल महिला को लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार के लोग सदमे में आ गए।
फोन पर चल रहा था महिला का इलाज
महिला की मौत के बाद उसके पति कीरत ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी पत्नी 5 महीने की गर्भवती थी, उसे ब्लीडिंग हो रही थी, वह अपनी पत्नी को एलडी सर्वोदय अस्पताल में लेकर पहुंचा था। जहां पर महिला के परिवार के लोगों से 40 से 50 हजार रुपये इलाज के नाम पर ले लिए गए। पति कीरत ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नहीं मौजूद थे और न कोई ऐसा स्टाफ मौजूद था जो महिला की अच्छे से देखने कर सके। महिला का जितना भी इलाज चला वह फोन के माध्यम से चला। स्टाफ डॉक्टर से बातचीत करते हुए महिला का इलाज कर रहे थे।
अस्पताल को किया गया सीज
महिला की मौत के बाद परिवार के लोगों ने अस्पताल के अंदर जमकर हंगामा काटा। हंगामा की जानकारी जब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ श्रीनिवास को हुई तो वह मौके पर पहुंच गए। जहां पर उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता के साथ लिया। परिवार के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया और बताएं कि अस्पताल में किसी भी तरीके के डॉक्टर मौजूद नहीं थे। अस्पताल में कई कमियां पाई गई हैं और अस्पताल को सीज कर दिया गया है।