×

Sonbhadra News: ट्रक संचालकों पर सख्ती, हल्लाबोल के बाद भी अहम मसलों पर नहीं बन पाई सहमति

Sonbhadra News Today: ट्रक संचालकों और खान महकमे के बीच तीखी तनातनी और अवैध परिवहन तथा ओवरलोडिंग पर वाहन संचालकों पर सख्ती हो रही है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 7 Sep 2022 3:06 PM GMT
Even after talks in Sonbhadra, agreement could not be reached on important issues, strict on truck operators
X

सोनभद्र: बात चीत के बाद भी अहम मसलों पर नहीं बन पाई सहमति ट्रक संचालकों पर सख्ती

Sonbhadra News: ट्रक संचालकों (truck operators) और खान महकमे (mine department) के बीच तीखी तनातनी और अवैध परिवहन तथा ओवरलोडिंग (overloading) पर वाहन संचालकों पर सख्ती व लोडिंग प्वाइंटों को दी जा रही कथित छूट को लेकर, बोले गए हल्लाबोल के बाद भी अहम मसलों पर गतिरोध बना हुआ है।

बुधवार की रात देर तक एडीएम सहदेव मिश्रा और ट्रक ओनर्स एशोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता में कुछ मसलों पर सहमति बन गई लेकिन जो खासे अहम मसले थे, उन पर अभी भी अंदरखाने तनाव की स्थिति बनी हुई है। ट्रक संचालकों का आरोप है कि खान अधिकारी अवैध खननकर्ताओं और ओवरलोड लोडिंग करने वालों को छूट देकर, इसे बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। वहीं रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रहे ट्रक संचालकों पर लगातार सख्ती बरती जा रही है।

यह है मसला, इसको लेकर बना हुआ है गतिरोध

ट्रक संचालकों का कहना है कि अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग को लेकर वाहन संचालकों पर तो लगातार कार्रवाई की जा रही है लेकिन जहां से बगैर परमिट बालू-गिट्टी लोड किया जा रहा है, वहां को लेकर चालकों-वाहन संचालकों से शपथपत्र लिए जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। पिछले दिनों डीएम के हस्तक्षेप के बाद भी महज छह क्रशर प्लांटों पर ही कार्रवाई की गई।


वहीं, सुकृत क्षेत्र में प्रति घनमीटर 150 से 180 रूपये में मिलने वाले परमिट, बिल्ली-मारकुंडी और डाला क्षेत्र में 600, 650 रूपये में क्यों बेचा जा रहा है, इस मसले का भी समाधान नहीं निकल सका। अवैध खनन-ओवरलोडिंग के मसले पर अपनाई जा रही दोहरी नीति को लेकर, एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखनउ पहुंचकर सीएम से भी मुलाकात की कोशिश की। वहीं लखनउ में मौजूद सदर विधायक भूपेश चैबे को भी स्थिति से अवगत कराया गया जिस पर उन्होंने जल्द लौटने और प्रशासनिक अधिकारियों से मसले पर वार्ता का भरोसा दिया।

ट्रक संचालकों से क्यों वसूला जा रही लोडिंग प्वाइंट की पेनाल्टी

ट्रक आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलकिशोर सिंह ने फोन पर हुई वार्ता में कुछ मसलों पर सहमति के बनने की बात बताते हुए कहा कि मई में 527 वाहनों का चालान किया गया था। सभी के चालकों या संचालकों से कहां से खनिज लोड किया गया इसका शपथ पत्र भी लिया गया लेकिन जब लोडिंग प्वाइंट पर लगने वाले पेनाल्टी की बारी आई तो उसकी भी वसूली वाहन संचालकों से ही गई।

उन्होंने कार्रवाई के दौरान चालकों से दुव्र्यवहार और नई गाड़ियों का लाॅक तोड़कर वारंटी खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां से बगैर परमिट बालू-गिट्टी या ओवरलोड खनिज लोड किया जा रहा है, उन पर कार्रवाई की जाए तो खुद ब खुद समस्या समाप्त हो जाएगी लेकिन एक तरफ लोडिंग प्वाइंटों को छूट दी जा रही है। वहीं हर माह आने वाली किश्त ओर रोटी-रोटी की समस्या से जूझ रहे वाहन संचालकों पर सख्ती बरती जा रही है।

इन-इन मसलों पर बनी सहमति, तब शांत हुए ट्रक संचालक

वाहन संचालकों के मुताबिक मंगलवार की रात एडीएम से हुई वार्ता के बाद खान अधिकारी की तरफ से अवैध परिवहन या ओवरलोड में चालान काटते समय वाहनों में तोड़फोड़ न करने और तीन नोटिस के बाद भी पेनाल्टी न जमा करने वाले वाहन संचालकों पर ही सख्ती की हामी भरी गई। सुकृत तथा ओबरा-डाला खनन क्षेत्र में परमिट के अलग-अलग रेट के मसले को शासन को अवगत कराकर, जरूरी दिशा-निर्देश लेने का निर्णय लिया गया। शपथ पत्र के बाद भी लोडिंग प्वाइंट संचालक पर नियमानुसार पेनाल्टी, एफआईआर आदि की कार्रवाई के के मसले का कोई खास हल नहीं निकल पाया।


भंडारण परमिट पर लोड हो रहे बालू को लेकर भी उठ रहे सवाल

भंडारण परमिट के नाम पर हो रही बालू उठान को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सबसे ज्यादा बगैर परमिट का खेल बालू भंडारण स्थलों से खेला जा रहा है। इसके मापन का कोई पैमाना या बगैर परमिट बालू लोडिंग की शिकायत सामने आने के बाद भी, बालू भंडारण से जुड़े लोगों पर कोई कार्रवाई सामने नहीं आ सकी है। वाहन संचालकों का कहना था कि सारी जिम्मेदारी, बालू ढुलाई करने वाले वाहन पर ही डाल दी जा रही है।

ट्रक संचालक नैतिक जिम्मेदारी का करें निर्वहन फिर लगाएं आरोपः खान अधिकारी

ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार ने फोन पर हुई वार्ता में आरोपों को गलत बताया। कहा कि लोडिंग प्वाइंट को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है। बालू भंडारण स्थल को लेकर भी कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। वाहन संचालकों का यह नैतिक दायित्व है कि वह ओवरलोड या बगैर परमिट खनिज ढुलाई न करें।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story