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यूपी में हर सरकार नाकाम रही बलात्कार को रोकने में
यूपी में इन दिनों उन्नाव में हुई बलात्कार की घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस का कहना है कि कानून व्यवस्था के मामले में यह सरकार पूरी तरह से असफल हो चुकी है। इसलिए इसे बर्खास्त कर देना चाहिए।
लखनऊ,श्रीधर अग्निहोत्री: यूपी में इन दिनों उन्नाव में हुई बलात्कार की घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस का कहना है कि कानून व्यवस्था के मामले में यह सरकार पूरी तरह से असफल हो चुकी है। इसलिए इसे बर्खास्त कर देना चाहिए।
लेकिन सवाल ये उठता है कि योगी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस, बसपा और सपा की पूर्व सरकारों में भी बलात्कार की खूब घटनाएं होती रही हैं और देश के मीडिया में सुर्खियां बनती रहीं।
नब्बे के दशक के पहले यूपी में कांग्रेस की सरकारें ही बनती रहीं। उस दौरान भी कई ऐसी बलात्कार की घटनाएं हुई, जिन्होंने प्रदेश को हिला कर रख दिया। उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा प्रदेश है जहां बलात्कार की घटनाओं पर राज्य सरकारें बर्खास्त तक होती रही हैं। यहीं नहीं कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में मुख्यमंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा है।
यूपी में जब 1979-80 में बनारसीदास के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी तब देवरिया के नारायणपुर बलात्कार कांड को लेकर खूब हो हल्ला हुआ था। इसके बाद यही कांड सरकार के पतन का कारण बना।
उनकी सरकार बर्खास्त कर दी गयी। बनारसी दास सरकार में लखनऊ में शुभ्रा लाहिडी कांड हुआ था जिसमें एमए की एक छात्रा शुभ्रा लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र से अगवा की गयी। उसके 10 दिन बाद उसकी अर्धनग्न लाश माल एवेन्यू से बरामद की गयी।
इसके बाद श्रीपति मिश्र के मुख्यमंत्रित्व काल में भी बस्ती के सिसवां बाजार में गैगरेप की एक बड़ी घटना हुई थी जिसमें कई पुलिस वाले संलिप्त थे। पूरा थाना निलम्बित हुआ।
जबकि विश्वनाथ प्रताप सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में डकैतों के बढ़ते प्रभाव और उसे रोक पाने में नाकामी के कारण वीपी सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं जब प्रदेश में 2007 से 2012 तक मायावती की सरकार रही तो उनके कार्यकाल में विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी से लेकर गुड्डू पंडित और राधेमोहन से लेकर दद्दू प्रसाद तक पर रेप के आरोप लगे। मायावती सरकार में ही 2011 में हुआ निघासन कांड बेहद चर्चा में रहा।
जिसमें थाना परिसर में ही एक 14 साल की लड़की सोनम का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ से लटका पाया गया था। बलात्कार के बाद हत्या का आरोप लगने के बाद थाने में तैनात सभी 11 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया था।
राष्ट्रीय क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों को देखा जाए तो मायावती के शासन सम्भालने के पहले यानी साल 2006 में प्रदेश में 1314 दुष्कर्म के मामले हुए थे, जो उनके शासन सम्भालते ही 2007 में 1648 हो गए। अगले ही साल यानी 2008 में यह आंकड़ा 1871 पर पहुंच गया।
2009 में प्रदेश में 1759 मामले सामने आये जबकि 2010 में 1563 मामले दर्ज किये गए, लेकिन साल 2011 में यह आंकड़ा दो हजार की सीमा पर करते हुए 2042 पर पहुँच गया।
साल 2012 में अखिलेश यादव के कार्यभार संभालने के बाद यह आंकडा 2013 में तीन हजार के आंकड़े को पार करते हुए 3050 हो गया। साल 2014 में यह आंकड़ा पिछले सारा रिकॉर्ड तोड़ते हुए 3467 पर जा पहुंचा। साल 2015 में भी इस आंकड़े में शर्मनाक वृद्धि हुई और दुष्कर्म के मामले पिछले साल के मुकाबले 161 फीसदी अधिक दर्ज किये गए।
अखिलेश यादव की सरकार में राजधानी लखनऊ में ही बलात्कार की घटनाओं की बाढ आ गयी थी। मोहनलालगंज के बलसिंह खेड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में 30 वर्षीय महिला के साथ दरिंदगी की हद पार कर हैवानों ने निर्वस्त्र कर बेरहमी से कत्ल कर दिया था।
राजधानी के नाका थाना क्षेत्र में दरिंदों ने एक अज्ञात 15 वर्षीय किशोरी की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या करके शव रेलवे लाइन पर फेंक दिया। गुडम्बा इलाके में दुष्कर्म के बाद 9 वर्षीय बालिका की हत्या कर दी गई। उसका शव एक गड्ढे में पड़ा मिला।
निगोहा के गौतमखेड़ा गांव के पास एक महिला की रेप के बाद हत्या कर दी गई उसका शव जंगल में पड़ा मिला। पारा क्षेत्र के आश्रयहीन कॉलोनी में एक महिला की हत्या हुई। उसका शव एक मकान में बक्से में मिला था उसके साथ भी रेप की आशंका जताई जा रही थी।
इंदिरानगर के राजीवनगर निवासी बीना सिंह की गला रेतकर निर्मम हत्या हुई, उसके साथ भी रेप की आशंका जताई जा रही थी। मलिहाबाद इलाके में प्रेमी युगल की हत्याकर हत्यारों ने शवों को जंगल में फेंक दिया।
चौक इलाके में बुजुर्ग महिला आशारानी को दुष्कर्म के विरोध में बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। विभूतिखण्ड इलाके में एक अज्ञात महिला का शव पड़ा मिला। महिला की गला दबाकर हत्या की गई थी। पीजीआई स्थित जंगल में एक महिला की गैंगरेप के बाद निर्मम हत्या कर दी कर दी गयी।