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UP का हर व्यक्ति 20 हजार रुपए से ज्यादा का होगा कर्जदार
विनोद कपूर
लखनऊ: यूपी के प्रति व्यक्ति आय में मौजूदा साल में 3,497 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, तो ये भी सच्चाई है कि राज्य के हर व्यक्ति पर आगामी वित्तीय साल तक 20 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज भी होगा।
पहली बात बढ़ी आमदनी की। वर्ष 2016-17 में प्रति व्यक्ति सालाना आय 50,203 रुपए थी जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 53,700 रुपए अनुमानित की गई है। प्रति व्यक्ति आय में यह बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में 7 फीसदी है। यह आंकड़े राज्य नियोजन संस्थान ने वर्ष 2017-18 के राज्य आय के अग्रिम अनुमान स्थिर (2011-12) और प्रचलित भावों पर तैयार कर जारी किए हैं।
अब तक किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बजट
यूपी सरकार ने शुक्रवार (16 फरवरी) को 4 लाख 28 हजार करोड़ का बजट पेश किया, जो अब तक किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बजट है। लेकिन यूपी पर अगले साल तक ब्याज जोड़कर 4 लाख 43 हजार 362 करोड़ का कर्ज भी हो जाएगा। राज्य की कुल आबादी से भाग करने के बाद रकम 20.152 आती है। यूपी पर कर्ज उसके इस साल के बजट से भी ज्यादा है।
यहां बच्चा कर्ज के साथ ही जन्म लेता है
मतलब यूपी में हर व्यक्ति पर 20,152 रुपए का कर्ज है। इस राज्य में बच्चा कर्ज के साथ ही जन्म लेता है। यूपी में अभी प्रति व्यक्ति कर्ज 18,476 रुपए है जबकि राज्य पर कर्ज 4 लाख 6 हजार 474 करोड़ रुपए है। राज्य की जनसंख्या 22 करोड़ को पार कर गई है। अगले साल प्रति व्यक्ति कर्ज की रकम बढ़कर 20,152 रुपए हो जाएगी। आंकड़े बताते हैं कि यूपी पर साल दर साल कर्ज बढ़ता गया। उसी क्रम में यहां जन्म लेने वाला हर बच्चा कर्जदार होता चला गया। वित्तीय साल 2015-16 में राज्य पर 323935.66 करोड़ का कर्ज था, तो हर व्यक्ति 14,724 रुपए का कर्जदार था। राज्य का कुल कर्ज अब राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का लगभग 30 प्रतिशत हो गया है।
आधारभूत ढांचे पर ज्यादा ध्यान से बढ़ा कर्ज
राज्य में बीजेपी जब पिछले साल मार्च में सत्ता में आई, तो आधारभूत ढांचे पर ज्यादा ध्यान दिया, जिससे प्रति व्यक्ति कर्ज 1,676 रुपए बढ़ गया। साल 2016.17 में राज्य पर कर्ज 373417.33 करोड़ था और प्रति व्यक्ति कर्ज 16,973 रुपए।
योगी सरकार ने लाया था श्वेतपत्र
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी सरकार के 6 महीने पूरे होने पर पिछले सितम्बर में राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेतपत्र जारी किया था। तब उन्होंने खराब हालत के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार को जिम्मेवार ठहराया था। सीएम योगी ने कहा था, कि 31 मार्च 2007 से 31 मार्च 2017 तक यूपी पर कर्ज ढाई गुना बढ़ गया जो सपा, बसपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हुआ। इन दस सालों में कर्ज 1,34,915 करोड़ से बढ़कर 3,73,417 करोड़ हो गया। इन दस सालों में प्रति व्यक्ति कर्ज भी 7,795 रुपए से बढ़कर 16,973 रुपए हो गया। श्वेतपत्र 24 पेज का था जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को खराब वित्तीय हालत का मुख्य जिम्मेवार बताया गया था। राज्य में 65 सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयां भारी घाटे में चल रही है। सार्वजनिक क्षेत्रों का घाटा जो 2011-12 में 29 हजार 380 करोड़ था जो अब बढ़कर 91 हजार 401 करोड़ रुपए हो गया है।