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Exclusive: यूपी के बाहर भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे-राजभर
प्रदेश की योगी सरकार में शामिल सहयोगी मंत्री ओमप्रकाश राजभर आगामी लोकसभा के चुनाव में यूपी के बाहर बिहार और महाराष्ट्र में भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे। इसके लिए वह लगातार तैयारी कर रहे हैं। भाजपा के साथ गठबन्धन को लेकर चल रही रस्साकसी के बीच उन्होंने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर तैयारी कर ली है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार में शामिल सहयोगी मंत्री ओमप्रकाश राजभर आगामी लोकसभा के चुनाव में यूपी के बाहर बिहार और महाराष्ट्र में भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे। इसके लिए वह लगातार तैयारी कर रहे हैं। भाजपा के साथ गठबन्धन को लेकर चल रही रस्साकसी के बीच उन्होंने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर तैयारी कर ली है।
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'न्यूजट्रैक' के साथ विशेष बातचीत में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कई विषयों पर खुलकर बात की। राजभर ने कहा कि हम दूसरे राज्यों में जीतने के लिए नही लड रहे बल्कि पार्टी का जनाधार बढाने का काम कर रहे है। अभी तो हम 4 सीटें ही जीतकर आए हैं। भाजपा के पास पहले 2 ही सीटे थी और आज वह केन्द्र की सत्ता में है।
बिहार में हम 16 लोकसभा की सीटों पर चुनाव लडने की तैयारी में है। यह पूछने पर कि भाजपा के साथ बढ़ती तल्खी को देखकर यह नहीं लगता कि आप का कांग्रेस की तरफ झुकाव है ? उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में हमारी कांग्रेस से गठबन्धन को लेकर वार्ता हुई थी। 9 महीने उनके साथ काम किया लेकिन चुनाव आने पर वह अलग हो गए। सलमान खुर्शीद तब प्रदेश अध्यक्षा थें। तब उन्होंने कहा था कि उनका दल कांग्रेस में शामिल हो जाए लेकिन कुछ मामलों में बात बन नही सकी। इसके बाद फिर मन खट्टा हो गया।
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यह पूछने पर कि क्या भाजपा से लोकसभा चुनाव तक गठबन्धन रहेगा कि टूटेगा ? इस पर राजभर ने कहा कि अभी हम भाजपा के सकारात्मक पक्ष का इंतजार कर रहे हें लेकिन ‘‘हम तो डूबेगें ही सनम तुमको भी ले डूबेंगे।’’ राजभर ने कहा कि अब भाजपा की वह स्थिति नहीं है, जो पहले थी। कुछ भी कहे भाजपा वाले पर उनको गठबन्धन का डर सता रहा है। उन्हेे लग रहा है कि कही सपा-बसपा गठबन्धन और कांग्रेस एक हो गये, तब हमारा क्या होगा? राजभर ने कहा कि 38 प्रतिशत आबादी अकेले अति पिछडो की है। अगर इसका विभाजन हो जाए तो 15 प्रतिशत वोट हम इनकों दिलवा देगें। भाजपा को यह बात समझ में ही नहीं आ रही है कि 35 प्रतिशत अपने परम्परागत वोटों से नही वह जीत सकती है।
यह पूछने पर कि 24 फरवरी को क्या फैसला लेने जा रहे है। इस पर उन्होंने कहा कि अभी हम 80 लोकसभा सीटों पर तैयारी कर रहे है। पार्टी का जनाधार बढाने का काम कर रहे हैं। भाजपा से नाराजगी का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकार में हम मंत्री है और अपने कार्यकर्ताओं के काम नहीं कर पा रहे है। तो यह हमारा सम्मान है कि अपमान? पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों के लिए जितने नाम पार्टी की तरफ से भेजे गए उनमे एक भी नाम मेरा नहीं किया गया। जब सब काम मुख्यमत्री को ही करना है तो फिर मुख्यमंत्री ही आयोग को चलाए। मुझे क्यों आयोग का अध्यक्ष बनाया गया ?
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