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सहारनपुर में खौफ का सन्नाटा, जातीय हिंसा के बाद ग्रामीण कर रहे गांव से पलायन

महाराणा प्रताप जयंती की शोभायात्रा को लेकर सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा हुआ है। डर की वजह से ग्रामीण गांव से पलायन कर रहे हैं।

tiwarishalini
Published on: 7 May 2017 2:17 AM IST
सहारनपुर में खौफ का सन्नाटा, जातीय हिंसा के बाद ग्रामीण कर रहे गांव से पलायन
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सहारनपुर: महाराणा प्रताप जयंती की शोभायात्रा को लेकर गांव शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद गांव में तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा हुआ है। डर की वजह से ग्रामीण गांव से पलायन कर रहे हैं। दूसरे दिन गांव में कर्फ्यू जैसा माहौल बना रहा।

गांव में चप्पे चप्पे पर फोर्स तैनात है और गांव की गलियों में ख़ामोशी छाई है। उधर प्रशासन ने शांति व्यवस्था कायम करने के लिए क्षेत्र के शब्बीरपुर सहित करीब ग्यारह गांव शिमलाना, महेशपुर, दल्हेड़ी, बड़गांव, चन्दपुर मजबता, सिसौनी, अंबेहटाचांद, सहजी सावतखेड़ी, टपरी आदि में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

शनिवार (06 मई) की सुबह स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएम एनपी सिंह, एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे शब्बीरपुर पहुंचे और गांव में मौजूद दलित महिलाओं से बातचीत की। उधर एसपी देहात रफीक अहमद शब्बीरपुर गांव में भारी पुलिस बल के साथ कैंप किए हुए हैं।

बवाल में पुलिस ने 110 को नामजद करते हुए 740 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने शब्बीरपुर में हुए बवाल में नामजद एक पक्ष के नौ दूसरे पक्ष के आठ लोगों को जेल भेज दिया है। जिनमें ठाकुर पक्ष के सुरेंद्र, संदीप, अर्जुन, संजय, श्रीओम, सोनू, अन्नू, नेत्रपाल, पप्पू, हरिजन पक्ष के प्रीतम, सोनू, जगबीर, छोटा, सचिन, बालेश, राजेंद्र, सुदेश हैं।

शब्बीरपुर प्रकरण में एसडीएम के मीडिया में आए बयान के बाद आखिरकार एसएसपी ने भी मामले में बड़गांव थानाध्यक्ष एम़पी़ सिंह की लापरवाही को मान लिया। शनिवार की दोपहर कप्तान ने एस़ओ़ एम़पी़ सिंह को मामले में लापरवाह मानते हुए लाईन हाजिर कर दिया। एसएसपी सुभाष चंद दुबे ने कहा कि प्रथम दृष्टया एसओ की लापरवाही उजागर हुई है। जिसके चलते उन्हें लाईन हाजिर कर दिया गया है।

अगली स्लाइड में जानिए क्या है मामला ...

क्या है पूरा मामला ?

बडगांव थाना क्षेत्र के शब्बीरपुर गांव में को दो वर्गों के बीच हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। दोनों तरफ से पथराव के बाद एक वर्ग ने दलितों के घरों में आग लगा दी। यह टकराव महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकालने के दौरान हुआ।

पथराव के बाद खूनी संघर्ष

जानकारी के मुताबिक, गांव में शुक्रवार (05 मई) को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही थी।

जयंती मनाने के लिए दूसरे गांवों से भी क्षत्रिय समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया था।

शब्बीरपुर गांव के क्षत्रिय समाज के कुछ युवकों को डीजे लेकर जाते हुए थानाध्यक्ष बडगांव ने रोक दिया।

इसी बीच गांव की तरफ से किसी ने इन युवकों पर पत्थर फेंक दिया।

एक पत्थर से शुरू हुई हिंसा दलितों और सवर्णों के बीच पहले पथराव और फिर फायरिंग में बदल गई।

फायरिंग में रसूलपुर गांव निवासी 25 वर्षीय सुनीत की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

मामला इतना बढा कि एक वर्ग ने गांव के दलितों के घरों में आग लगा दी।

गुस्साई भीड़ ने पुलिस की एक बाइक और गांव में खडे अन्य वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया और पुलिस जीप में तोड़फोड़ की।

गौरतलब है कि गांव के रविदास मदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर गांव के दलितों व सवर्णों में पहले से ही तनातनी चला आ रही है।

सवर्णों की शिकायत पर प्रशासन ने मूर्ति स्थापना भी नहीं होने दी थी।

ताजा बवाल की आंच पास के गांव महेशपुर तक पहुंच गई। वहां भी दलितों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ हुई।

आगे की स्लाइड्स में देखिए फोटोज ...

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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