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क्या हैं इस आम बजट से आम जन की उम्मीदें

Mayank Sharma
Published on: 28 Jan 2020 7:38 PM IST
क्या हैं इस आम बजट से आम जन की उम्मीदें
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मुंबई। निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं। कॉर्पोरेट एवं व्यापारिक जगत को खुश करते हुए कुछ महीने पहले ही कॉर्पोरेट टैक्स घटा दिया गया था और अन्य कुछ छूटें भी दी गई थीं। अब बजट 2020 से आम आदमी की भी कुछ उम्मीदें हैं। जहाँ तक आम आदमी की इस आम आदमी बजट से उम्मीद की बात है, तो वो सबसे पहले इनकम टैक्स में सरकार से राहत की उम्मीद कर रहा है।

आम बजट से सबसे बड़ी उम्मीद टैक्स स्लैब में बदलाव की

आम आदमी की इस बजट से सबसे बड़ी उम्मीद है कि वित्त मंत्री व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब दरों में राहत दें। फिलहाल, सालाना 5 लाख रुपये (रिबेट के बाद) की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि, बेसिक छूट सीमा 2.50 लाख रुपये बढ़ाकर 5 लाख रुपये नहीं की गई है। अक्टूबर 2019 में टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 97 लाख से अधिक इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स ने 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच इकनम की और इन टैक्सपेयर्स से 45,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ।

वर्तमान महंगाई और आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वित्त मंत्री टैक्स स्लैब को बढ़ाकर आम आदमी के डिस्पोजेबल इनकम को बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं। टैक्स स्लैब बढ़ाने से सरकार के डायरेक्ट टैक्स राजस्व में कमी आ जाएगी।

होम लोन ब्याज में छूट की भी हैं उम्मीदें

मौजूदा समय में, खुद का घर खऱीदने के लिए होम लोन के ब्याज 2 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2019-20 में सेक्शन 80EEA पेश किया गया। सेक्शन 80EEA के तहत होम लोन के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख का डिडक्शन अलग से मिलेगा। लेकिन इसके लिए लोन 1 अप्रैल 2019 के बाद और 31 मार्च 2020 से पहले लिया गया होना चाहिए। साथ ही इस डिडक्शन का फायदा लेने के लिए आपके होम लोन की रकम 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस तरह सैलरीड क्लास होम लोन के ब्याज पर 1 साल में 3.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

डिडक्शन में इजाफा

फिलहाल, इंडीविजुअल्स को कुछ निवेशों या भुगतान के लिए सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये डिडक्शन उपलब्ध है। यह सीमा पिछली बार वित्त वर्ष 2014-15 में 1 लाख रुपये से बढ़ा दी गई थी और इसलिए इस बार वित्त मंत्री डिडक्शन को बढ़ाकर कम से कम 2.50 लाख रुपये कर सकती है।

इससे पहले, वित्त वर्ष 2010-11 और वित्त वर्ष 2011-12 में सेक्शन 80CCF के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश पर 20,000 रुपये की छूट मिलती थी। हालांकि, बाद में इस छूट को हटा लिया गया. सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में निवेश पर 50,000 रुपये तक डिडक्शन देने पर विचार कर सकती है। इसका दोहरा फायदा होगा. इंडीविजुअल्स को ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगी और सरकार को देश के विकास के लिए आसानी से फंड मुहैया हो जाएगा।

भारत में आम आदमी के लिए बैंक डिपॉजिट निवेश का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। हालांकि, मौजूदा समय में बैंकों के असफल होने से आम आदमी का बैंकों पर भरोसा डगमगाया है। फिलहाल, बैंक बचत खाता और पोस्ट ऑफिस में जमा पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर सिर्फ 10,000 रुपये की छूट है। हालांकि बजट 2018 में वरिष्ठ नागरियों को बैंक जमा, पोस्ट ऑफिस स्कीम और बॉन्ड से मिलने वाले ब्याज की छूट सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई थी। इसी आधार पर, इस बार बजट में सभी टैक्सपेयर्स को ब्याज पर डिडक्शन 50,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। इससे बैंकों में मिडिल क्साल द्वारा बचत को बढ़ावा मिलेगा।

आम बजट से आम आदमी की उम्मीदें

मुंबई से वरिष्ट अधिवक्ता, विजय पाण्डे

देश के मौजूदा हालात को देखते हुए इस बजट से युवा वर्ग को बड़ी उम्मीदें है। अर्थव्यवस्था काफी खराब स्थिति में है, बेरोजगारी चरम पर है। अतः आज का युवा वर्ग एक ऐसे बजट की उम्मीद कर रहा है जिससे ये सभी समस्याएं दूर हो सकें। किसानों की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं उनके लिए भी कुछ ठोस किया जाना आवश्यक है।

लखनऊ से उद्यमी, रवि प्रताप सिंह

मैं यह उम्मीद करता हूं कि सरकार बेरोजगारी की विकराल समस्या से निपटने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ ऐसे नए प्रावधान करेगी ताकि बाजार में उपलब्ध रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए हमारे युवाओं के पास पर्याप्त कौशल तथा दक्षता उपलब्ध हो।

मुद्रा योजना जैसी योजनाओं को और लचीला तथा प्रभावशाली बनाना चाहिए ताकि स्वरोजगार के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को बैंक द्वारा सहायता प्राप्त हो सके। सरकार ऐसे युवाओं को बैंक कर्ज के साथ-साथ प्रशिक्षण तथा बाजार भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में कार्य करे। उम्मीद करूंगा कि इस बजट में आम आदमी के ऊपर किसी नए कर का भार ना पड़े, महंगाई से राहत मिले तथा बार-बार इस तरह मंदी की स्थिति उत्पन्न ना हो इसलिए कुछ दीर्घकालिक प्रावधान किए जाए। शिक्षा के क्षेत्र को ऊंचा उठाया जाए तथा रोजगार परक शिक्षा प्रदान की जाए।

मुंबई से उद्यम प्रभात फाउंडेशन के फाउंडर डायरेक्टर, दर्शन तिवारी

बजट से देश के सभी तबकों के नागरिकों को एक आशा रहती है, व्यक्तिगत तौर पर मुझे इस बजट से आशा है कि सरकार रोजगार के नए अवसर को बढ़ावा देने की योजनायें एवम बिज़नेस कम्युनिटी के लिए बाजार में तेजी लाने वाले रास्तों पर ध्यान आकृष्ट करेगी।

रोजगार की समस्या का निवारण देश के लिए महत्वपूर्ण है, इसका निदान नए उद्योगों के बढ़वा देने से ही संभव हो सकता है।

दिल्ली से क्षितिज सिंह, निदेशक, प्लूटस बिज़नेस एडवाइजरी

बैंकों को अपने क्रेडिट रेटिंग ढांचे में बदलाव लाने की आवश्यकता है और नॉन बैंकिंग फाइनेन्शियल कम्पनीज को भी मौजूदा समय के अनुरूप बदलने की आवश्यकता है। टियर 3 शहरों में रोजगार के अवसर पैदा होने चाहिए जिससे महानगरों पर जनसंख्या का बोझ कम रहे। सभी प्रकार के प्रदूषण को कम करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।



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Mayank Sharma

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