पंचायत चुनाव में कोरोना के शिकार शिक्षकों के परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवजे की मांग

महामारी कोरोना संक्रमण से मृत्यु का शिकार हुए पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले शिक्षक और कर्मचारी परिवार एक राहत जरूर महसूस कर रहे हैं।

Shreedhar Agnihotri
Reporter Shreedhar AgnihotriPublished By Vidushi Mishra
Published on: 3 Jun 2021 12:46 PM GMT
पंचायत चुनाव में कोरोना के शिकार शिक्षकों के परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवजे की मांग
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लखनऊ: कोरोना संक्रमण से मृत्यु का शिकार हुए पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले शिक्षक और कर्मचारी परिवार एक राहत जरूर महसूस कर रहे हैं जिसमें कोरोना मैं प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना के बाद मृत्यु होने पर 30 दिन की अवधि बढाने से अधिकतर कार्मिक और शिक्षकों को इस श्रेणी में आ जाने की संभावना बन गई है।

अब लगभग सभी परिवार की श्रेणी में आ जाएंगे। परंतु कर्मचारियों और शिक्षकों की मृत्यु के बाद दी जाने वाली तीस लाख की धनराशि को कम बताते हुए सरकार से इसे कम से कम एक करोड़ दिए जाने की मांग की है।

मृत कार्मिकों को सहायता राशि

शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच के नेता डा. दिनेश शर्मा, अध्यक्ष, सुशील कुमार प्रधान महासचिव, इं. हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, रामराज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ का एक स्वर में कहना है कि सरकार के आदेशों के क्रम में कोरोना महामारी के बावजूद घर से निकल कर चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था और अव्यवस्थाओं के कारण कोरोना हुआ।

अतः सभी कार्मिकों को एक ही तरह की एक करोड़ की अनुग्रह धनराशि ही दी जाये। क्योकि इस सम्बंध में 10 मई को उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा कोरोना से मृत कार्मिकों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने को उचित माना गया है।

ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी,निर्देश को मानवीय आधार पर माना जाना चाहिये। यह सहायता राशि मानदेय आउटसोर्सिंग, अंशकालिन, अर्थसरकारी, संविदाकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, स्थाईअस्थाई तथा स्वायत्तशाषी संस्थाओं के कार्मिकों को भी अनुमन्य होनी चाहिए।

मंच ने याद दिलाया कि मई 2021 को वर्चुअल बैठक जिसमें मुकुल सिंघल, अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग, अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव, गृह एवं गोपन विभाग, मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग, विजय किरन आनंद, महानिदेशक स्कूली शिक्षा, उ0प्र0 आदि अधिकारी मौजूद थे।

कोरोना सैनिक

बैठक में कोरोनाकाल में कार्य करते हुये कार्मिको की वास्तविक धरातली समस्याओं से अवगत कराया गया आप सहमत भी थे, परन्तु 2 मई मतगणना में दिये गये आश्वासन पर जिला स्तर के अधिकारी पालन नही करा सके, जिसमें तमाम कर्मचारी 2 मई के बाद मौत के मुँह में समा रहे है। जबकि एक शासनादेश 8 मई को कराया गया है, उसमें कई प्रैक्टिकल समस्याएं है।

मंच द्वारा पुन अनुरोध किया गया है कि चुनाव में लगे कार्मिकों की मृत्यु होने पर अथवा पॉजिटिव होने पर खर्च किये गये धन का भुगतान सम्बन्धित विभाग द्वारा किया जाये। मृतक कार्मिक को ''कोरोना सैनिक'' घोषित करते हुये सैनिक सम्मान और उनके परिवार को सुविधायें दी जाये।

उनके परिवार के एक सदस्य को माह के अन्दर शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाये। शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्त नियमों को शिथिल किया जाये। चतुर्थ श्रेणी पर उन्ही कार्मिकों को भर्ती किया जाये जो उसकी योग्यता रखते हो।

जो कार्मिक सरकार के निर्देशों पर कोरोना महामारी आपदा की ड्यूटी में लगे है वे स्वयं संक्रमित होगे और घर आकर परिवार भी संक्रमित होगा। अतः अपर जिलाधिकारी स्तर का अधिकारी प्रत्येक जिले में नामित हो जो उनके परिवार को स्वास्थ्य सुविधाये प्राथमिकता से दिला सके।

Vidushi Mishra

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