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पेरिस से कम नहीं ये जगह, फिर क्यों जाएंगे फ्रांस, इसी का कर लीजिए इस वीकेंड दीदार

पंजाब  के कपूरथला को पेरिस कहा जाता है। क्योंकि यहां पर उत्कृष्ट वास्तुशिल्प के उदाहरण मौजूद हैं। पंजाब के पेरिस के रूप में प्रसिद्ध इस शहर की वास्तुकला में इंडो-सारसेन और फ्रांसीसी शैली की झलक मिलती है। जैसलमेर के भाटी राजपूत कबीले द्वारा 11वीं शताब्दी में स्थापित इस शहर पर कभी महान अहलूवालिया राजवंश का शासन था।

suman
Published on: 17 Jan 2020 9:48 AM IST
पेरिस से कम नहीं ये जगह, फिर क्यों जाएंगे फ्रांस, इसी का कर लीजिए इस वीकेंड दीदार
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कपूरथला : कपूरथला को 'महलों और बागों का शहर' भी कहा जाता है, यह कपूरथला जिले के प्रशासनिक मुख्‍यालय के रूप में भी कार्य करता है। शहर का नाम राणा कपूर के नाम पर पड़ा, जो जयसलमेर (राजस्‍थान) के राजपूत घराने के वंशज थे और उन्‍होंने ही इस जगह की स्‍थापना की थी। एक समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति के साथ, यह शहर निश्चित तौर पर किसी भी यात्री का ध्यान आकर्षित करता है।पंजाब के कपूरथला को पेरिस कहा जाता है। क्योंकि यहां पर उत्कृष्ट वास्तुशिल्प के उदाहरण मौजूद हैं। पंजाब के पेरिस के रूप में प्रसिद्ध इस शहर की वास्तुकला में इंडो-सारसेन और फ्रांसीसी शैली की झलक मिलती है। जैसलमेर के भाटी राजपूत कबीले द्वारा 11वीं शताब्दी में स्थापित इस शहर पर कभी महान अहलूवालिया राजवंश का शासन था। ये शहर अपनी शानदार प्राचीन इमारतों के साथ इतिहास और संस्कृति के लिए मशहूर है। जानते हैं कि पंजाब के कपूरथला में क्या है जो आकर्षित करेगा।

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सही समय

*कपूरथला आने का सही समय अक्टूबर से मार्च के सर्दी के महीने में कपूरथला शहर की यात्रा के लिए सबसे अनुकूल समय है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

वास्तुकला की झलक

*कपूरथला में वास्तुकला के लिए मशहूर उत्कृष्ट इमारतों की कोई कमी नहीं है और इन्हीं में से एक है एलिसी पैलेस। सन् 1962 में कंवर बिक्रम सिंह द्वारा निर्मित इस महल की इंडो-फ्रेंच वास्तुकला अपने समय की वास्तुकला और समृद्धि का बखान करती है। इस महल को अब एक मोंटगोमरी गुरु नानक स्कूल में बदल दिया गया है।

इंडो-सराकेन वास्तुशिल्प

*कपूरथला के पूर्व महाराजा जगतजीत सिंह इस महल में रहा करते थे। जगतजीत पैलेस का अस्तित्व वर्ष 1908 से है। वर्साइल के भव्य पैलेस के बाद इंडो-सराकेन वास्तुशिल्प से इस महल को बनवाया गया। जगतजीत पैलेस में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए लड़कों को प्रशिक्षित करने के लिए एक सैनिक स्कूल भी है। ये कपूरथला के सबसे शानदार स्थलों में से एक है।

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फोटोग्राफी

*1870 में ब्यास नदी के पार आसपास के इलाकों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के लिए 56 वर्ग मीटर भूमि के क्षेत्र में कांजली वेटलैंड स्थित है। मानव निर्मित वेटलैंड एक शानदार पिकनिक स्पॉट है जहां पर हर तरफ प्राकृतिक सौंदर्य की छटाएं बिखरी हुई हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच यह जगह फोटोग्राफी के लिए बहुत फेमस है।

फूलों से सजा बगीचा

विशिष्ट वास्तुशिल्प प्रदर्शनों के लिए प्रसिद्ध शालीमार गार्डन हमेशा पर्यटकों से भरा रहता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर इस जगह पर आकर आप मन बहुत शांति और सुकून का अहसास होता है। फूलों से सजे इस बगीचे में पर्यटक घंटो आराम से बैठकर समय बिता सकते हैं। कपूरथला के शाही परिवार के लाल बलुआ पत्थर ओबिलिस्क सेनेटफ्स और फूलों से सजा ये बगीचा पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है।



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