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VIDEO: खेतों पर भी चढ़ा नशे का खुमार, देसी दारू पीकर लहलहा रही हैं फसलें

एक तो महंगाई की मार, ऊपर से गन्ने का भुगतान नहीं। इसलिए किसानों ने महंगे कीटनाशक की जगह सस्ती दारू के इस्तेमाल की सोची। चमत्कार देखिये कि दारू का छिड़काव होते ही कीट और खर पतवार झुलस गए और खेतों में खड़ी धान और ज्वार की फसलें लहलहा उठीं। देशी दारू सस्ती भी है और पैदावार भी ज्यादा होती है। इसके छिडकाव से ज्वार की फसल दो बार ली जा रही है और बाजार में फसल बेचकर दोगुना मुुनाफा कमाया जा रहा है।

zafar
Published on: 11 Aug 2016 4:30 PM IST
VIDEO: खेतों पर भी चढ़ा नशे का खुमार, देसी दारू पीकर लहलहा रही हैं फसलें
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शामली: दारू का नशा फसलों के भी सिर चढ़ कर बोलता है, यह बात शोध का विषय हो सकती है। और यह रास्ता दिखाया है, शामली के किसानों ने। शामली में कीट और खरपतवार खत्म करने के लिए किसानों ने देशी दारू का छिड़काव क्या किया, धान की फसलें लहलहाने लगीं।

देशी ठर्रे का कमाल

-एक तो महंगाई की मार, ऊपर से गन्ने का भुगतान नहीं। इसलिए किसानों ने महंगे कीटनाशक की जगह सस्ती दारू के इस्तेमाल की सोची।

-चमत्कार देखिये कि दारू का छिड़काव होते ही कीट और खर पतवार झुलस गए और खेतों में खड़ी धान और ज्वार की फसलें लहलहा उठीं।

-किसानों की मानें तो दारू के प्रयोग से उनका खर्च भी कम हो गया और फसल में बढ़वार भी बेहतर हो गई।

-अब किसान 2 बीघा फसल में 400 रुपए के कीटनाशक के बजाय 40 रूपये की दारू से पैदावार कर रहे हैं।

farm liquor-crop growth

भरोसेमंद भी है दारू

-कीटनाशक का भरोसा भी नहीं कि वह असली ही हो, जबकि दारू के छिड़काव में कोई नुकसान नहीं होता। और 24 घंटे में ही असर दिखने लगता है।

-कुछ किसानों ने पहले पेस्टिसाइड्स की जगह ऑक्सीटॉक्सी का इन्जेक्शन प्रयोग किया। पैदावार बढ़ाने के लिए ज्वार में घीया इस्तेमाल किया। लेकिन साइड इफेक्ट्स बहुत थे और इन पर रोक भी लग गई।

-इससे परेशान किसानों ने युक्ति सोच निकाली और देसी दारू का इस्तेमाल करने लगे।

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अब मिला फसल का मुनाफा

-देशी दारू सस्ती भी है और पैदावार भी ज्यादा होती है। इसके छिडकाव से ज्वार की फसल दो बार ली जा रही है और बाजार में फसल बेचकर दोगुना मुनाफा कमाया जा रहा है।

-अब यह जानना सरकार और संबंधित विभागों का है कि फसलों में देशा दारू के इस्तेमाल से क्या कोई नुकसान है, और है तो क्या?

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