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कोरोना का कहर फसलों तक: संकट में किसान, नहीं मिल रहे सब्जी के सही दाम

सब्जी की खेती करने में मेहनत के साथ साथ लागत मूल्य भी ज्यादा आता है लेकिन अब जब उनकी सब्जी की फसल तैयार है और मंडी में बेंचने जाते है तो उसका लागत भी नही निकल पा रही है।

Shivani Awasthi
Published on: 12 May 2020 10:32 AM IST
कोरोना का कहर फसलों तक: संकट में किसान, नहीं मिल रहे सब्जी के सही दाम
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औरैया। पूरे देश में इस समय लॉकडाउन चल रहा है। जिसके कारण लोग घरों पर रहने को मजबूर है। घर से बाहर निकलने की अनुमति न होने से बाजार पर असर पड़ रहा। अन्नदाता कहा जाने वाला किसान अपनी फसलों की उचित कीमत न मिलने के कारण मायूस होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद के सब्जी किसान इस दौरान आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो उन्हें अपना सब्जी का व्यापार बंद करना पड़ेगा। क्योंकि इस समय उन्हें बोई गई फसल की कीमत ही निकलती हुई नजर नहीं आ रही है।

संकट में सब्जी किसान

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के सब्जी किसानों की इस लॉक डाउन में मुश्किलें बढ़ गयी है। सब्जी की खेती करने वाले किसान अपनी लागत का मूल्य भी नही निकल पाने के कारण परेशान नजर आ रहे है।

कम दामों में बिक रही सब्जी

शहर के आसपास के किसान बढ़ी मात्रा में सब्जी की खेती करते है लेकिन औरैया मंडी में बाहर के व्यापारी न आने के कारण उनकी फसली सब्जी औने पौने दाम में बिक रही है। जिसके किसान परेशान है।

दरअसल औरैया शहर के पास से जुड़े किसान बैंगन, लौकी, भिंडी आदि की सब्जी बड़ी मात्रा में उगाते है। सब्जी की खेती करने में मेहनत के साथ साथ लागत मूल्य भी ज्यादा आता है लेकिन अब जब उनकी सब्जी की फसल तैयार है और मंडी में बेंचने जाते है तो उसका लागत भी नही निकल पा रही है।

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किसानों को लाॅकडाउन के कारण नहीं मिला फसलों पर मुनाफा

औरैया के एक किसान में अपने 2 एकड़ जमीन पर बैंगन की खेती की। जिसकी कुल लागत लगभग 75 हजार रुपया के करीब आयी। किसान को उम्मीद थी कि वह अपनी फसल ने लागत के अलावा कुछ मुनाफा भी कमा लेगा।लेकिन अब जब सब्जी भरपूर मात्रा में निकलने लगी तो उसकी फसल बेहद कम दाम पर बिक रही है।

बाहर से आने वाले व्यापारी पहले उस सब्जी को खरीदने आते थे तब सब्जी का मूल्य अच्छा मिल जाता था। जो सब्जी की बोरी पिछले सालों 500 रुपये से अधिक जाती थी अब उसकी कीमत 100-150 बोरी ही मिल पा रही है। जिससे उनका लागत मूल्य भी नही मिल पा रहा जिससे सब्जी किसान परेशान है।

प्रवेश चतुर्वेदी

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Shivani Awasthi

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