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VIDEO: खोखले हैं सरकार के दावे, अब भी नही मिली राहत, क़र्ज़ में डूबे एक और किसान ने की आत्महत्या
फ़िरोज़ाबाद: किसान की सुरक्षा और संतुष्टि के सरकार चाहे कितने भी दावे करे, मगर इसकी ज़मीनी हकीकत क्या है ये हम सब जानते है। एक तरफ केंद्र सरकार बजट पेश करने के बाद कह रही है कि सब ठीक है लेकिन दूसरी तरफ किसान भुखमरी और कर्जे के बोझ से आज भी आत्महत्या कर रहा है। गुरुवार को फ़िरोज़ाबाद के कुशवाह नगर में 42 वर्षीय किसान ने भी कर्ज़े से मुक्त होने का यही रास्ता अपनाया और खुद को मौत के हवाले कर दिया।
-फ़िरोज़ाबाद के थाना एका के कुशवाह नगर में 42 वर्षीय किसान बालमुकुंद ने आर्थिक तंगी से दुखी होकर आत्माहत्या कर ली।
-बालमुकुंद का मिर्ची का खेत था। पैसों की कमी से खेत की देखबाल सही से ना हो पाने के चलते सारी मिर्ची सड़ गई थी।
-नोटबंदी के बाद बालमुकन्द को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
-वो खेत में डालने वाली कीटनासक दवा भी नहीं ले पाया और खेत खराब हो गया।
-फिर भी बालमुकुंद ने हार नहीं मानी और कर्ज़ा लेकर दूसरा खेत लिया और सरसों की खेती की।
-सारा कर्ज और खेती का नुकसान करीब 5 लाख का बेठा और इस लाखो रूपये के कर्ज ने बालमुकन्द को इतना मजबूर कर दिया की उसने पेड़ से लटकर फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
42 साल के बालमुकन्द के तीन छोटे छोटे बच्चे है। जिनमे से एक बच्ची 4 साल की है और दूसरी बच्ची 2 साल की और एक 8 महीने को छोटा बेटा है। बालमुकन्द की मौत के बाद उसकी पत्नी अनीता का रो रो कर बुरा हाल है। एक किसान की मौत से किसानो में काफी शोक है।