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फसल नुकसान की रिपोर्ट में ही अंतर, फिर कैसे मिलेगा मुआवजा?

जिस फसल को किसानों ने अपने खून-पसीने की मेहनत से तैयार किया था, वहां ओला व बारिश की आपदा गिरी। सैकड़ों अन्नदाताओं की कई एकड़ फसलें नष्ट हो गईं।

Aditya Mishra
Published on: 16 March 2020 3:04 PM GMT
फसल नुकसान की रिपोर्ट में ही अंतर, फिर कैसे मिलेगा मुआवजा?
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कन्नौज: जिस फसल को किसानों ने अपने खून-पसीने की मेहनत से तैयार किया था, वहां ओला व बारिश की आपदा गिरी। सैकड़ों अन्नदाताओं की कई एकड़ फसलें नष्ट हो गईं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 72 घंटे में आर्थिक सहायता देने का फरमान जारी किया है, लेकिन जिले में लाभ मिलना मुश्किल दिख रहा है। कारण, नुकसान की रिपोर्ट अलग-अलग बनाई गई है। दोनों ही रिपोर्ट मानक से कम हैं।

बीते पखवाड़े जनपद में हवा व बरसात की वजह से गेहूं आदि की फसल जमीन पर भी गिर गई। ओला से भी नुकसान होने की बात किसानों ने कही। बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग ने लेखपाल आदि से फसल नुकसान होने का जो सर्वे कराया है, उसमें तहसील छिबरामऊ से निल की रिपोर्ट आई है।

मतलब किसानों का नुकसान नहीं हुआ। तहसील सदर क्षेत्र में 10 फीसदी ही नुकसान होने का दावा राजस्व विभाग की ओर से किया जा रहा है। सोमवार को दोपहर बाद रिपोर्ट आई, लेकिन तय नहीं हो सका कि नुकसान का प्रतिशत कितना है। उधर, कृषि विभाग ने करीब 22 फीसदी फसल नुकसान का दावा किया है। विभाग ने तकनीकी सहायकों से अपना अलग सर्वे कराया।

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क्या बोले कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि जनपद में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। जो नुकसान की रिपोर्ट आई है उसमें मानीमऊ, तालग्राम, ठठिया व गुगरापुर आदि क्षेत्र शामिल हैं। बीमा कंपनी के पास भी करीब 300 शिकायतें आई हैं। जिन फसलों का बीमा है, उसमें 50 फीसदी से अधिक पर 25 फीसदी मुआवजा तुरंत मिलेगा।

बाकी क्रॉप कटिंग के बाद दिया जाता है। उन्होंने बताया कि असली नुकसान तो तब ही पता चलता है जब क्रॉप कटिंग होती है। गेहूं के जो पौधे बड़े थे, वह गिर गए हैं। काफी सही हो रहे हैं। बालियां निकलने के बाद जो पौधे टूटते नहीं हैं, उनको नुकसान नहीं होता है। टूटने पर ही दाना पतला निकलता है।

हर ब्लॉक में लगे काउंटर

डीडी कृषि आरएन सिंह ने बताया कि किसानों को फसल नुकसान का बीमा लाभ दिलाने के लिए जिले के सभी ब्लॉकों में काउंटर खोले गए। दो-दो कर्मचारी बिठाकर आवेदन लिए गए। जांच के बाद बीमा कंपनी की ओर से लाभ दिया जाएगा।

गलत हो गई सदर की रिपोर्ट

जानकारों की माने तो तहसील सदर क्षेत्र से फसल नुकसान की जो रिपोर्ट बनी है वह गलत हो गई है। उसे दोबारा तैयार किया जा रहा है। दूसरी रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा कि किसानों को कितना नुकसान हुआ है।

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Aditya Mishra

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