Weather Crisis : बिजली तो दूर भीषण गर्मी में नहीं मिल पा रहा पानी, यूपी के इस जिले में बुरी स्थिति!

Weather Crisis: भीषण गर्मी में पानी की मांग बढ़ी है तो जलापूर्ति के संसाधनों के संचालन में लो वोल्टेज बाधा डाल रहा है। खास तौर से जसमई फीडर से जुड़े नलकूप पर लो वोल्टेज की दिक्कतें खड़ी हो रही है।

Snigdha Singh
Published on: 28 May 2024 10:55 AM GMT (Updated on: 28 May 2024 10:58 AM GMT)
Electricity and water are not available in the scorching heat in Farrukhabad district of Uttar Pradesh
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उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में भीषण गर्मी में नहीं मिल पा रहा बिजली और पानी: Photo- Newstrack

Weather Crises : सदर नगर पालिका में जल कल अभियंता का पद चार माह से खाली है इसलिए जलापूर्ति की व्यवस्थाएं बाधित हो रही है। शहर में सौर पैनल से संचालित वाटर कूलर से लेकर नलकूप का संचालन बिगड़ रहा है इसलिए लोगों को भीषण गर्मी में पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। शहर में 237 मोहल्ले हैं और इन मोहल्लों में लगभग चार लाख की आबादी निवास करती है। शहर वासियों को पानी की आपूर्ति नगर पालिका करती है। शहर में जलापूर्ति के लिए पालिका के 64 नलकूप हैं। इसके अलावा 19 सौर पैनल से संचालित वाटर कूलर लगे हैं।

जनवरी माह से पालिका में जलकल अभियंता का ट्रांसफर वाराणसी हो जाने के बाद से अभी तक सदर नगर पालिका में जल कल अभियंता की नवीन तैनाती नहीं हो सकी है। जिसके चलते पेयजल आपूर्ति के को संसाधन है उनका पूरी तरह से संचालन नहीं हो पा रहा है। हालांकि जलनिगम के अभियंता को नगर पालिका के जलकल अभियंता की अतिरक्ति जिम्मेदारी दी गई है लेकिन जल निगम के अधिकारी दोहरी जिम्मेदारियों के कारण पूरा समय नहीं दे पा रहे है। इससे जो पेयजल संसाधनों में कमियां आती है उनको ठीक कराने को लेकर अधिक समय लग रहा है। ईओ ने शहर की जलापूर्ति दुरुस्त रहे इसके लिए कर निर्धारण अधिकारी को भी जलकल विभाग को देखने की जिम्मेदारी सौंपी है और संसाधनों पर जोन प्रभारी भी नजर रखे हैं लेकिन इसके बाद भी पेयजल के संसाधनों का ठीक से संचालन नहीं हो पा रहा है।

जलकल विभाग से जुड़े कर्मचारी बताते हैं कि पालिका के जलकल अभियंता का काम रहता है कि वह मौके पर पहुंचकर तत्काल निर्णय ले लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है इसलिए अभी तक भीषण गर्मी होने के बाद भी जो बंद पड़े वाटर कूलर का संचालन नहीं हो पा रहा है। नलकूप भी कई बाधित है इसको ठीक कराने के लिए कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है इसलिए शहर में जलापूर्ति बाधित होती रहती है। ईओ ने बताया जलकल अभियंता की मांग की गई है। इसके लिए पत्र लिखा गया है।

शहर को 1.5 करोड़ लीटर पानी कम मिलता

आबादी के हिसाब से शहर वासियों को हर रोज 55 एमएलडी पानी की आपूर्ति होनी चाहिए लेकिन जो नलकूप संचालित हो रहे हैं उनसे मात्र 40 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पा रही है। देखा जाए तो शहर के लोगों को अभी 1.5 करोड़ लीटर पानी कम मिल रहा है। वह तो शुक्र है कि शहर के कई घरों में निजी संसाधन है नही लोग शहर की एक बड़ी आबादी प्यासी रहने को मजबूर हो जाए। पालिका ने शहर ने 64 नलकूप लगाए है। लेकिन इन सभी नलकूप का संचालन नही हो पाता है। बताया जा रहा है पालिका के जो नलकूप लगे है इनमे कई बंद पड़े है या फिर खराब गई उनको ठीक कराने को लेकर कोई पहल नहीं हो पा रही है।

लो वोल्टेज भी दिक्कतें खड़ी कर रहे

भीषण गर्मी में पानी की मांग बढ़ी है तो जलापूर्ति के संसाधनों के संचालन में लो वोल्टेज बाधा डाल रहा है। खास तौर से जसमई फीडर से जुड़े नलकूप पर लो वोल्टेज की दिक्कतें खड़ी हो रही है। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हो पा रहा है। इन नलकूप पर अभी पालिका वोल्टेज बढ़ाने वाले तंत्रों को भी नही लगा पाई है।

क्या है स्थिति

* 64 शहर में नलकूप।

* 17 ओवरहैड टैंक।

* 40 एमएलडी पानी की आपूर्ति।

* 55 एमएलडी पानी की जरूरत।

Shashi kant gautam

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