Fatehpur News: दिव्यांग बुजुर्ग का बुआ-फूफा ने हड़पा 20 लाख का जेवर और नकदी, पुलिस से न्याय न मिलने पर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच खाया जहर

Fatehpur News: असोथर थाना कस्बे के रहने वाले दिव्यांग उमाकांत मिश्रा 56 वर्ष आज सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुचा और जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देने के बाद बाहर आकर कलेक्ट्रेट के गेट के पास जहर खा लिया।

Ramchandra Saini
Published on: 14 Oct 2024 9:33 AM GMT
Fatehpur News: दिव्यांग बुजुर्ग का बुआ-फूफा ने हड़पा 20 लाख का जेवर और नकदी, पुलिस से न्याय न मिलने पर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच खाया जहर
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Fatehpur News (Pic-Social Media)

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले के कस्बा असौथर थाना निवासी दिव्यांग उमाकांत मिश्रा 56 वर्ष सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपने के बाद बाहर आकर कलेक्ट्रेट गेट के पास जहर खा लिया। इसकी जानकारी जब जिला प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया और एडीएम वित्त एवं राजस्व अविनाश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग से जानकारी लेने के बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

20 लाख रुपये देने की बात कही

बुजुर्ग को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और डॉक्टर उसका इलाज करने में जुटे हैं। एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि जब मुझे जानकारी हुई तो बुजुर्ग से पूछने पर उसने बताया कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर के गेट के बाहर एक बुजुर्ग ने भारी मात्रा में नींद की गोलियां खा ली थीं। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जांच में बुजुर्ग ने जिन लोगों को 20 लाख रुपये देने की बात कही है, उनसे पैसों के लेन-देन का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं मिला है।

परिवार में कोई नहीं देता उनका साथ

फतेहपुर के असौथर थाना कस्बा/वर्तमान पता कलेक्ट्रेट कचहरी शेड नंबर 1 निवासी उमाकांत मिश्रा ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि 30 वर्ष पूर्व उन्होंने अपने चाचा शिवधनी व चाची शकुंतला को 20 लाख रुपए व जेवरात रखने के लिए दिए थे, क्योंकि परिवार में कोई उनका साथ नहीं देता था और मकान भी गिर गया था। जब मैं अपनी चाची से मिलने अयाह गांव गया और पैसे मांगे तो उन्होंने मुझे गाली दी और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। जब मैं इस मामले में पुलिस अधीक्षक के पास गया तो उनसे कहा गया कि पैसे का क्या करोगे। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो न्याय की आस में जिलाधिकारी के पास आया हूं।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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