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Fatehpur News: ठेकेदार ने लाखों के सरकारी तार कबाड़ की दुकान में बेचे, विरोध करने पर जेई को घेरकर मारने की कोशिश

Fatehpur News: जेई और ठेकेदार के बीच तीखी नोकझोंक शुरू होती है। इसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि हाथापाई की घटना घटित होती है।

Ramchandra Saini
Published on: 18 March 2025 5:48 PM IST
Fatehpur News: ठेकेदार ने लाखों के सरकारी तार कबाड़ की दुकान में बेचे, विरोध करने पर जेई को घेरकर मारने की कोशिश
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ठेकेदार ने लाखों के सरकारी तार कबाड़ की दुकान में बेचे,   (photo: social media)

Fatehpur News: फतेहपुर जिले के चाँदपुर थाना क्षेत्र स्थित अमौली ब्लॉक में एक ठेकेदार द्वारा लाखों रुपये के सरकारी तारों को कबाड़ की दुकान में बेचने का मामला अब सुर्खियों में है। इसी मामले से जुड़ा एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है । मिली जानकारी के अनुसार, चाँदपुर विद्युत उपकेंद्र में तैनात रहे जेई जितेंद्र कुमार और ठेकेदार के बीच एक गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ। इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों के बीच मारपीट देखने को मिला।

जेई और ठेकेदार के बीच तीखी नोकझोंक शुरू होती है। इसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि हाथापाई की घटना घटित होती है। हालांकि, जेई किसी तरह अपनी जान बचाकर बाइक पर बैठकर वहां से निकलने में सफल होते हैं। वायरल वीडियो के आधार पर जब जेई जितेंद्र कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने उन्हें दबाव डालकर अनैतिक कार्य करने के लिए मजबूर किया था। विद्युत विभाग द्वारा पुराने तारों को बदलने और नई विद्युत व्यवस्था शुरू करने का काम चल रहा था, लेकिन ठेकेदार ने इन पुराने तारों और पोलों को तीन गाड़ियों में लादकर कबाड़ की दुकान में बेच दिया। जब जेई ने इसका विरोध किया तो ठेकेदार ने अपने साथ दबंगों को लेकर उन्हें धमकाया और जोनिहा चौराहे पर उनका रास्ता रोककर हाथापाई की। इस घटना का वीडियो एक सीसीटीवी में कैद हो गया था। जेई ने बताया कि ठेकेदार ने इस दौरान उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवाया था, लेकिन दबाव डालकर मामला निपटाया गया।

सरकारी उपकरणों को कबाड़ के रूप में बेच दिया

इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ठेकेदार के दबाव में विभागीय अधिकारी क्यों चुप्पी साधे हुए हैं। जब ठेकेदार ने अपनी दबंगई दिखाते हुए सरकारी उपकरणों को कबाड़ के रूप में बेच दिया, तो प्रशासन और शासन के अधिकारियों का क्या डर था कि उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आखिरकार, यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली और ठेकेदार के प्रभाव के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या ठेकेदार की दबंगई और गलत तरीके से कमाई हुई संपत्ति पर प्रशासन की कोई पकड़ नहीं है। जेई जितेंद्र कुमार ने अंत में कहा, "जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा," लेकिन सवाल यह है कि ऐसे दबंग ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कब होगी, जो सरकारी संपत्ति का गलत तरीके से दोहन कर रहे हैं और विभागीय अधिकारियों को अपने इशारे पर काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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