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Fatehpur News: गर्मी के साथ आग की घटनाएं बढ़ीं, हाई टेंशन तार गिरने से दो बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक
Fatehpur News: गांव के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को पहले ही जर्जर तारों को बदलने के लिए सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हाई टेंशन तार गिरने से दो बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक (photo: social media )
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील के कल्यानपुर थाना क्षेत्र में अदमापुर नहर पुल के पास हाई टेंशन लाइन का तार टूटकर गिरने से गेहूं की फसल में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने एक बीघा गेहूं की फसल को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाने का प्रयास किया और फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया।
ग्रामीणों और शिक्षकों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
अलीपुर गांव के अदमापुर निवासी किसान रामबरन सिंह परिहार का खेत बटाई पर अजय सोनकर ने लिया था। बुधवार दोपहर संदीपनि पब्लिक स्कूल के शिक्षक अनूप पांडेय, रजत गौतम और सागर सिंह प्रचार के लिए जा रहे थे, तभी उन्होंने खेतों में आग लगती देखी। तुरंत ही उन्होंने फायर ब्रिगेड को सूचना दी और खुद भी आग बुझाने में जुट गए। जैसे ही गांव वालों को खबर मिली, वे भी बाल्टियों में नहर से पानी भरकर आग बुझाने पहुंच गए। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया।
जर्जर तारों की शिकायत के बावजूद नहीं हुई मरम्मत
गांव के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग को पहले ही जर्जर तारों को बदलने के लिए सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही के चलते हाई टेंशन तार टूटकर गिर गया और फसल में आग लग गई।
सिंचाई से बचा अन्य फसल का नुकसान
जहां आग लगी, उसी के पास के खेतों में सुबह ही सिंचाई की गई थी। पानी होने के कारण आग अधिक नहीं फैल पाई, जिससे अन्य खेतों को बचा लिया गया। यदि खेत सूखे होते, तो आग विकराल रूप ले सकती थी और बड़ा नुकसान हो सकता था।
किसानों की मांग—बिजली के जर्जर तारों की हो मरम्मत
गर्मी के मौसम में फसलों को आग से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने किसानों को जागरूक करने के लिए गाइडलाइन जारी की है और टीमें तैनात की गई हैं। इसके बावजूद किसानों को बार-बार ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि खेतों के ऊपर से गुजरने वाले जर्जर बिजली के तारों की तुरंत मरम्मत कराई जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं से फसल को बचाया जा सके।