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दो बेटियों ने निभाई पिता के अंतिम संस्कार की रस्म, अर्थी को दिया कंधा और चिता को मुखाग्नि

Funeral : वाराणसी में रिश्तेदारों व पड़ोसियों के सामने न आने पर बेटियों ने पिता को कंधा दिया और अंतिम सस्कार भी किया।

Ashutosh Singh
Reporter Ashutosh SinghPublished By Shraddha
Published on: 24 May 2021 12:34 PM IST
बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया
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 बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया

Funeral : कोविड संक्रमण (Covid infection) ने लोगों के मन में ऐसा डर बिठाया है कि रिश्तों की डोर टूटती नजर आ रही है। हालात यह हो गये हैं कि सामान्य मौत होने पर भी लोग अंतिम संस्कार (Funeral) में जाने से बच रहे हैं। ऐसी कई तस्वीरें देश के हर तरफ से आ रही हैं। वाराणसी में रिश्तेदारों व पड़ोसियों के सामने न आने पर बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया और अंतिम सस्कार भी किया।

सोनभद्र जिले के दुद्धी के रहने वाले उमाशंकर तिवारी(65) दुर्घटना में घायल होने के बाद आठ महीने से बिस्तर पर थे। शनिवार को कोरोना संक्रमण से उनकी तबीयत बिगड़ी तो परिवार वाले बीएचयू लेकर पहुंचे, लेकिन भर्ती नहीं करा सके। इसकी जानकारी जब काशी प्रांत सह कार्यवाह डॉ. राकेश तिवारी को मिली तो उन्होंने ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। रविवार की सुबह इलाज के दौरान उमाशंकर का निधन हो गया।

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने की मदद

मौत के बाद सिर्फ दो बेटी रत्ना और रचना उर्फ सपना तथा पत्नी सरोजा देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। इस दौरान मृतक की बेटियों ने जब रिश्तेदारों को सूचना दी तो कोई भी मदद को नहीं आया। ऐसी स्थिति में मृतक के दामाद ओम प्रकाश मिश्र की सूचना पर डॉ. राकेश तिवारी ने आरएसएस कार्यकर्ता सौरभ सिंह व मिथिलेश तिवारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। दोनों कार्यकर्ताओं ने ट्रामा सेंटर से एम्बुलेंस द्वारा अंत्येष्टि स्थल तक शव को पहुंचाया और बेटियों ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं।

पिछले आठ माह से बेड पर थे उमाशंकर

बेटी रत्ना और सपना ने पिता के शव को कंधा दिया। सामने घाट मदरवां स्थित श्मशान स्थल पर छोटी बेटी सपना ने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में परिवार की मदद के बाद उन्हें उनके घर तक भी भिजवाया गया।

बता दें, कोरोना संक्रमण के कारण परिस्थिति ऐसी हो गई है कि अपने भी साथ छोडऩे लगे हैं। इस समय किसी भी कारण से मृत्यु होने पर अपने भी नहीं पहुंच रहे हैं। वैसी स्थिति में लोग मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों से संपर्क कर रहे हैं। स्वयंसेवक अपनी परवाह किए बिना संकट की इस घड़ी में लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। इसके लिए दो नंबर जारी किए गए हैं।



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