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फीस रिम्बर्समेंट सावधान! कहीं आप का आवेदन रद तो नहीं हो गया

चूंकि शुल्क प्रतिपूर्ति 26 जनवरी से पहले की जानी है इसलिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बीस तारीख तक सुधार का मौका दिया गया है। इसके बाद खारिज हो जाएंगे आवेदन। इसकी सूचना छात्र व उसके शिक्षण संस्थान के लागिन पर डाली जा चुकी हैं। जो इससे असहमत हैं वह अपनी स्थिति जल्द क्लीयर कर लें।

राम केवी
Published on: 16 Jan 2020 7:09 AM GMT
फीस रिम्बर्समेंट सावधान! कहीं आप का आवेदन रद तो नहीं हो गया
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उत्तर प्रदेश सरकार की एक गरीब छात्रों की आर्थिक मदद की योजना के तहत हर साल समाज कल्याण विभाग छात्रों से आवेदन उनके शैक्षिक संस्थान के जरिये मांगता है और उन आवेदनों के आधार पर फीस रिम्बर्समेंट करता है। लेकिन इस साल सामान्य व अनुसूचित जातियों के साढ़े पांच लाख आवेदन संदिग्ध की श्रेणी में आ गए हैं। उनके डाटा में गड़बड़ी मिली है।

अगर आपने भी फीस रिम्बर्समेंट आवेदन किया हुआ है तो अभी घबड़ाने की बात नहीं आपके पास ये आखिरी मौका है आप अपने डाटा को सही करवा सकते हैं लेकिन अगर चूक गए तो आपकी फीस की वापसी नहीं हो पाएगी।

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छात्रवृत्ति और फीस रिम्बर्समेंट आवेदनो की पीएफएमएस साफ्टवेयर से जांच कराई जाती है। सामान्य व अनुसूचित जातियों के अभी तक 28 हजार आवेदन रद हो चुके हैं। इन दोनो वर्गों के साढ़े पांच लाख आवेदकों पर निरस्तीकरण की तलवार लटक गई है। जिसमें सामान्य वर्ग के दो लाख तीस हजार व अनुसूचित जाति के तीन लाख 21 हजार आवेदक शामिल हैं।

क्या हैं गड़बड़ियां

संदिग्ध आवेदनों में अभ्यर्थियों के पिता का नाम, अंक पत्र, आय व जाति मैच नहीं कर रही है। नामांकन संख्या, पिछली कक्षा के रिकार्ड व बैंक खाते की डिटेल में भी गड़बड़ी है।

इतने छात्रों का डाटा सही

अभी तक सामान्य वर्ग के नौ लाख व अनुसूचित जाति के साढ़े चौदह लाख आवेदकों का डाटा सही पाया गया है। यानी लगभग 24 लाख छात्रों को लाभ मिलना तय है।

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चूंकि शुल्क प्रतिपूर्ति 26 जनवरी से पहले की जानी है इसलिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बीस तारीख तक सुधार का मौका दिया गया है। इसके बाद खारिज हो जाएंगे आवेदन। इसकी सूचना छात्र व उसके शिक्षण संस्थान के लागिन पर डाली जा चुकी हैं। जो इससे असहमत हैं वह अपनी स्थिति जल्द क्लीयर कर लें।

राम केवी

राम केवी

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