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उर्वरक की तस्करी: यूपी के सोनभद्र से छत्तीसगढ़ जा रही यूरिया सीज, थोक खाद विक्रेता सहित तीन पर FIR

Sonbhadra News: उर्वरक की तस्करी: यूपी के सोनभद्र होते हुए छत्तीसगढ़ के लिए उर्वरक तस्करी (Fertilizer smuggling) का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 July 2022 2:52 PM GMT
उर्वरक की तस्करी: यूपी के सोनभद्र से छत्तीसगढ़ जा रही यूरिया सीज, थोक खाद विक्रेता सहित तीन पर FIR
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Sonbhadra News: यूपी के सोनभद्र होते हुए छत्तीसगढ़ के लिए उर्वरक तस्करी (Fertilizer smuggling) का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस (UP Police) की तरफ से शक के आधार पर दो वाहनों पर लदे 130 बोरी खाद की, की गई बरामदगी और जिला कृषि अधिकारी की छानबीन में तस्करी की पुष्टि के बाद, घोरावल के एक थोक विक्रेता सहित तीन के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम (essential commodities act) और उर्वरक नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत चोपन थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। बरामद खाद की खेप सोनभद्र के घोरावल से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के लिए ले जाई जा रही थी। बरामद उर्वरक के साथ ही, इसकी ढुलाई में प्रयुक्त दो वाहनों को भी सीज कर दिया गया है।

ऐसे पकड़ में आया मामला

गत 26 जुलाई को चोपन थाने में तैनात दारोगा रामकृत राम (Inspector Ramkrit Ram) ने चोपन से गुजर रहे दो बोलेरो पिकप को पकड़ा। एक पर नंबर लिखा हुआ था, एक पर नंबर दर्ज नहीं था। दोनों वाहनों पर कुल 130 बोरी यूरिया लदी हुई थी। वाहनों को खाद सहित थाने लाने के बाद, इसकी जानकारी जिला कृषि अधिकारी डा. हरेकृष्ण मिश्र को दी। उनके निर्देश पर चोपन पहुंची टीम ने मामले की जांच और वाहन चालकों से पूछताछ की तो पता चला कि घोरावल तहसील के थोक विक्रेता विजेंद्र कुमार, लाइसेंसधारी मेसर्स वेदांत सीड्स एंड फर्टिलाइजर कंपनी दीवां रोड से बगैर किसी रसीद के छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत सनावल थाना क्षेत्र के लिए ले जाई जा रही है।







मामला दर्ज कर छानबीन शुरू

इसकी पूरी रिपोर्ट डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandravijay Singh) को दी गई। उनकी तरफ से अनुमति मिलने के बाद विजेंद्र कुमार निवासी तिलौली कला घोरावल तथा प्रमोद कुमार गुप्ता और इंद्रदेव निवासी तारकेश्वरपुर थाना सनावल, जिला बलरामपुर, छत्तीसगढ़ के खिलाफ जिला कृषि अधिकारी की तरफ से तहरीर दी गई। इस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की तीन और सात तथा उर्वरक नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 8, 19सी और उर्वरक संचलन नियंत्रण 1973 की धारा तीन के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।

Shashi kant gautam

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