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क्लास रूम में पांचवी के छात्र की मौत ,परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया आरोप

यहां एक स्कूल में उस वक्त हंगामा मच गया जब क्लास रूम में एक बच्चा बेहोश हो गया। मंगलवार को पांचवी क्लास के छात्र को चक्कर आने से वह बेहोश हो गया। बच्चे की हालत बिगड़ते देख स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के अभिभावक को सूचना दी। जब बच्चे माँ की स्कूल पहुंची तो उनके साथ बच्चे को हास्पिटल भेजा गया।

Anoop Ojha
Published on: 27 Nov 2018 3:36 PM GMT
क्लास रूम में पांचवी के छात्र की मौत ,परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया आरोप
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कानपुर: यहां एक स्कूल में उस वक्त हंगामा मच गया जब क्लास रूम में एक बच्चा बेहोश हो गया। मंगलवार को पांचवी क्लास के छात्र को चक्कर आने से वह बेहोश हो गया। बच्चे की हालत बिगड़ते देख स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के अभिभावक को सूचना दी। जब बच्चे माँ की स्कूल पहुंची तो उनके साथ बच्चे को हास्पिटल भेजा गया। डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के बाद हंगामा शुरू हो गया। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की जब तबियत बिगड़ी थी तो उसे फ़ौरन अस्पताल ले कर जाना चाहिए था। लेकिन परिजनों के आने का इन्तजार करने में देरी हो गयी जिसकी वजह से बच्चे की मौत हो गयी।

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नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित डब्लू ब्लाक में रहने वाले अमित गुप्ता प्राइवेट नौकरी करते है। परिवार में पत्नी अंशु गुप्ता और बेटे अंसुमित के साथ रहते है। अंसुमित मदर टरेसा हायर सेकेंड्री स्कूल में 5 th क्लास का छात्र है। बच्चे के पिता अमित गुप्ता का एक हफ्ते पहले एक्सीडेंट हो गया था और उनके पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था l उनके पैर का ऑपरेशन हुआ था और वो हास्पिटल में एडमिट है। अंसुमित के एग्जाम चल रहे थे।

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स्कूल की प्रिंसिपल रेनू सिंह के मुताबिक आज इंग्लिश की मौखिक परीक्षा था। क्लास में टीचर ने जब बच्चे को कविता सुनाने के लिए खड़ा किया और जैसे ही उसने पोयम सुनना शुरू किया उसे चक्कर आने लगा। उसे लगातार झटके आ रहे थे और कुछ ही देर बाद वो बेहोश हो गया। क्लास रूम में टीचर ने जैसे ही हमें इस बच्चे की तबियत ख़राब होने की सूचना दी मै और मेरा स्टाफ फ़ौरन बच्चे के पास पहुंच गया। हमने बच्चे के हाथ और पैर पंजे के रगड़ना शुरू कर दिया।

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बच्चे के आइकार्ड से मोबाइल नंबर निकाल कर पैरेंट्स को सूचना दी। l बच्चे के पिता ने फोन उठाया मैंने उन्हें बच्चे की तबियत ख़राब होने की जानकारी दी। बच्चे के पिता ने बताया कि मै हास्पिटल में एडमिट हूँ मेरे पैर का ऑपरेशन हुआ है। मै अंसुमित की माँ को स्कूल भेज रहा हूँ। ,उन्होंने बताया कि कुछ ही देर बाद बच्चे की माँ स्कूल आयी आ गयी। l मैंने स्कूल के वाहन से बच्चे को हास्पिटल भेजा दिया था।

उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा गिरा नहीं है आज एग्जाम था तो लंच भी नहीं हुआ जो बच्चे खेलते कूदते। बच्चे की तबियत पहले से ही ख़राब थी उसे झटके आ रहे थे।

बच्चे के मामा का कहना है कि बच्चे की कभी भी तबियत ख़राब नहीं रही है।वो पूरी तरह से स्वस्थ्य था उसके ऐसा कैसे हो सकता है।इसमें स्कूल की लापरवाही है जब उसकी तबियत ख़राब हुयी थी तो उसे फ़ौरन हास्पिटल लेकर जाना चाहिए था। स्कूल प्रबंधन ने हमें देर से सूचना दी।यदि समय से बच्चे को भर्ती कराया जाता तो उसकी जान बच जाती।

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बच्चे के पिता अमित गुप्ता के मुताबिक मेरे बेटे को कोई बिमारी नहीं थी। l उसके साथ ऐसा क्या हुआ जो उसकी जान चली गयी। इसमें पूरी लापवाही स्कूल प्रबंधन की है उसे सही समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिल सका जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी।

नौबस्ता इन्स्पेक्टर समर बहादुर के मुताबिक के एक बच्चे की स्कूल में तबियत ख़राब हुई थी। जब उसे उपचार के लिए भेजा गया तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का जो भी आरोप है वो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पायेगी। फ़िलहाल घटना की जाँच करायी जाएगी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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