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अस्पताल में बवालः डॉक्टर और तीमारदारों में हुई जमकर मारपीट, जानें वजह

इलाज में लापरवाही को लेकर डॉक्टर व तीमारदारों के बीच जिला अस्पताल मे मार पीट हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों मे जमकर लात घूसे चले।

Newstrack
Published on: 13 March 2021 1:18 PM GMT
अस्पताल में बवालः डॉक्टर और तीमारदारों में हुई जमकर मारपीट, जानें वजह
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अस्पताल में बवालः डॉक्टर और तीमारदारों में हुई जमकर मारपीट, जानें वजह

लखीमपुर खीरी : इलाज में लापरवाही को लेकर डॉक्टर व तीमारदारों के बीच जिला अस्पताल मे मार पीट हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों मे जमकर लात घूसे चले। जिला अस्पताल मे हुई मारपीट के दौरान पूरे अस्पताल मे अफरा तफरी मची रही। मारपीट होते देख पूरे अस्पताल का स्टाप मौके पर पहुंच गया। जिला अस्पताल में मारपीट की यह कोई पहली घटना नहीं है।

तीमारदारों को पकड़ कर थाने ले आई पुलिस

इससे पहले भी डाक्टरों और तीमारदारों के बीच इस तरह की घटनाएं घट चुकी है। अस्पताल की सुरक्षा के लिए लगाए गए गार्ड घटना के दौरान बेबस नजर आए वहीं कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हालातों पर काबू पाया और चार तीमारदारों को पकड़ कर थाने ले आई, लेकिन इसके बावजूद डाक्टरों का आक्रोश कम नहीं हुआ उन्होंने इर्मेजेसी कक्ष मे ताला जड़ दिया। शनिवार को फरधान थाना क्षेत्र के गांव कैमाखादर निवासी अमरीश अपनी पुत्री राधा वर्मा को पेट दर्द की शिकायत पर जिला अस्पताल लेकर आए थे।

ये मामला

इस दौरान उनका आरोप है कि डाक्टरों ने उसे गलत इन्जेक्शन लगा दिया। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और शिकायत करने पर अस्पताल मे मौजूद डाक्टर धनंजय यादव आक्समिक चिकित्सा अधिकारी, चीफ फार्मासिस्ट डाक्टर अनिल वर्मा और वार्ड ब्याय राजकिशोर समेत अन्य स्टाफ ने उनके साथ मारपीट की शोर सराबा सुन कर परिसर मे मौजूद कई डाक्टर व अन्य स्टाफ मौके पर पहुंच गया। तीमारदारों पर अपनी खुन्नस निकालते हुए पांचों तीमारदारों की जमकर धुनाई कर दी।

मामला यहीं पर नही थमा। धरती के भगवान कहे जाने वाले डाक्टर पुलिस के सामने तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटते रहे। हालांकि पुलिस ने तीमारदारों को बचाने का प्रयास किया मगर बचा नहीं सकी। उधर डाक्टरों ने भी एकजुटता दिखाते हुए न केवल आपतकालीन चिकित्सा कक्ष मे ताला लगा दिया बल्कि जिला अस्पताल मे मरीजों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं को भी बंद करा दिया। डाक्टरों का आरोप है कि इलाज के लिए आई छात्रा को इनजाईटी थी उसका समुचित इलाज किया गया।

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मगर परिजन उसे जल्दी ठीक करने का दबाव बनाने लगे और छात्रा को लेकर इर्मेजेसी से बाहर ले गए वहां से आने के बाद पांचों तीमारदारों ने चिकित्साधिकारी, फार्मासिस्ट समेत वहां पर मौजूद स्टाफ को गालियां देते हुए मारने पीटने लगे और इर्मेजेसी रूम का रिकार्ड भी फाड़ दिया। वहीं चीफ फार्मासिस्ट अनिल वर्मा का आरोप है कि तीमारदारों ने उनकी पिटाई तो की ही साथ ही उनका मोबाइल भी छीन लिया। डाक्टर धंनजय कुमार ने तीमारदार अमरीश संदीप, कृष्ण कुमार, शिवम व अनिल के विरूध कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मारपीट मोबाइल लूटने और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पांचों आरोपियों के विरूध कार्यवाई की मांग की है।

जिला अस्पताल मे मारपीट होना हुई आम बात

जिला अस्पताल आए दिन मारपीट के लिए पूरे जिले मे चर्चित होता जा रहा है। शायद ही कोई ऐसा माह गुजरता हो जिसमे चिकित्सकों से तीमारदारों की तीखी झड़पे न होती हो। वैसे तो जिला अस्पताल मे मारपीट की घटना आम हो गई है। सूत्रों की माने तो ज्यादातर चिकित्सकों ने अपने साथ प्राइवेट लड़के लगा रखे है। जो मरीज के तीमारदारों का शोषण करने से बाज नही आ रहे है। इस मामले मे सीएमएस ने थोड़ी सख्ती दिखाई पर अस्पताल मे रिश्वत खोरी का सिलसिला रोकने मे कामयाब न हो सके। बताया यह भी जाता है कि डाक्टरों द्वारा बाहर की दवा लिखना भी झगड़े का कारण बन जाता है।

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मुन्ना भाई करते हैं मरीजों का इलाज

जिला अस्पताल में दर्जनों स्टाफ नर्स व वार्ड बॉय होने के बावजूद चिकित्सालय में तैनात लड़के इनका किरदार निभाते हुए नजर आते हैं जिससे मरीजों में खासा आक्रोश है इसके बावजूद चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक प्राइवेट लड़कों की संख्या बढ़ाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। यह प्राइवेट लड़के मरीजों के साथ आए तीमारदारों के इलाज के नाम पर खून निचोड़ना शुरू कर देते हैं इनको इंजेक्शन देने के नाम पर ग्लूकोस की बोतल बदलने के नाम पर विको लगाने के नाम पर तीमारदार से कुछ न कुछ रकम चाहिए होती है पैसा न देने पर यह प्राइवेट लड़के मरीजों व तीमारदारों से बदतमीजी करने व मारपीट करने से भी नहीं चूकते हैं।

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इर्मेजेन्सी गेट पर दम तोड़ते नजर आए मरीज, डाक्टरों ने जड़ दिया ताला

आक्रोशित हुए डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने मानवता को ताख पर रख कर इर्मेजेसी मे ताला लगा दिया। इस दौरान कई गंभीर रोगी दर्द से कराहते रहे तो कई मरीजों को प्राइवेट डाक्टर का सहारा लेना पड़ा इतना ही नही आक्रोश इतना था कि वार्डो मे भी भर्ती मरीजों को करीब एक घंटे तक उपचार से वंचित रहना पड़ा।

''कुछ आराजक तत्वों ने हमारे स्टाफ के साथ मारपीट की है। जो सीसीटीवी कैमरे मे कैद है। आराजकतत्वों के विरूध आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी द्वारा पुलिस को तहरीर दे दी गई है। इसके साथ ही इर्मेजेसी सेवाएं बहाल कर दी गई है।'' -आरसी अग्रवाल सीएमएस जिला अस्पताल

''अस्पताल मे मारपीट का मामला सामने आया है। जिस पर पुलिस द्वारा डाक्टरों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। चार तीमारदारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।'' आरके वर्मा सीओ सिटी

रिपोर्ट: शरद अवस्थी

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