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Siddharthnagar News: समझौता कैंप में भूमि देने पर तैयार नहीं हुए किसान, गांव की सुरक्षा के लिए कैसे भरेंगे बांधों के गैप

Siddharthnagar News: राप्ती नदी के कहर से ग्राम पंचायतों को सुरक्षित रखने के लिए बने बांधों के गैप भरने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन किसान अपनी जमीन न देने पर अड़े हैं।

Intejar Haider
Published on: 24 May 2022 5:34 PM IST
Siddharthnagar News: समझौता कैंप में भूमि देने पर तैयार नहीं हुए किसान, गांव की सुरक्षा के लिए कैसे भरेंगे बांधों के गैप
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Siddharthnagar News: जनपद सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज तहसील क्षेत्र (Dumariaganj Tehsil Area) के राप्ती नदी के कहर से ग्राम पंचायतों को सुरक्षित रखने के लिए बने बांधों के गैप भरने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन किसान अपनी जमीन न देने पर अड़े हैं। ग्राम पंचायत बंजरहवा (gram panchayat barjahwa) में एसडीएम प्रदीप कुमार यादव (SDM Pradeep Kumar Yadav) और सिंचाई निर्माण खंड सिद्धार्थनगर के अधिकारियों की मौजूदगी में समझौता कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें काश्तकारों ने गैप भरने के लिए अपनी भूमि देने से साफ इन्कार कर दिया। अधिकारियों के बार-बार समझाने के बाद किसानों ने इसके लिए समय देने की मांग की जिसके कारण कैंप बेमतलब साबित हुआ, और अधिकारियों को निराश लौटना पड़ा।

दर्जनों ग्राम पंचायतों की सुरक्षा के लिए बने बांध का गैप भरने का काम

राप्ती नदी से दर्जनों ग्राम पंचायतों की सुरक्षा के लिए बीडी बांध बना हुआ है। इस बांध पर तीन बड़ गैप थे जो हर साल उफनाई राप्ती का पानी आबादी की ओर जाने के लिए रास्ता देते हैं। रसूलपुर और वीरपुर रतनपुर के गैप को सिंचाई निर्माण खंड भूमि अधिग्रहण के बाद भरवा चुका है, वहीं बंजरहवां गांव के गैप को भरने के लिए विभाग और किसानों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है।

किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं

विभाग की ओर से आयोजित समझौता शिविर में बताया गया कि जितनी भूमि का अधिग्रहण होगा उसके सापेक्ष किसानों को मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन किसान बात सुनने को तैयार नहीं हुए उनका कहना था कि जो मुआवजा तय किया जा रहा है वह काफी कम है। अधिकारियों के मान मनौव्वल पर लोगों ने सोंच विचार करने के लिए समय मांग लिया।

विकास मिश्रा अवर अभियंता प्रथम सिंचाई निर्माण खंड सिद्धार्थनगर, मास्टर नसीम, ग्राम प्रधान व किसान मौजूद रहे। एसडीएम डुमरियागंज ने कहा कि गैप को हर हाल में भरा जाना है। किसानों से शिविर में वार्ता हुई है, उम्मीद है कि शीघ्र किसान तैयार होंगे जिसके बाद भूमि अधिग्रहण कर गैप का काम पूर्ण कराया जाएगा।



Shashi kant gautam

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