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पुलिस अधिकारियों पर चोरी का माल बेचने का आरोप, कोर्ट के निर्देश पर FIR
नोएडा: उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर आरोपों के खठघरे में है। नोएडा पुलिस के एक पूर्व थाना प्रभारी और मौजूदा डिप्टी एसपी सहित कई पुलिस कर्मियों पर चोरी का माल बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गयी है। ये माल एक मंदिर से चोरी हुआ था। घटना के दो साल बाद कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सेक्टर-39 में इन पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी सिटी दिनेश यादव ने कहा कि जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
3 साल पुराना मामला
-दरअसल, 14 नवम्बर 2०13 को सेक्टर 126 स्थित बाला जी मंदिर से करीब 3 लाख रुपये का सामान चोरी हुआ था।
-मंदिर के ट्रस्टी बीपी शर्मा ने थाना सेक्टर 39 में पुलिस को इसकी शिकायत दर्ज कराई।
-शिकायतकर्ता खुद यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हैं और उन्होंने चोरी का माल एक कबाड़ी की दुकान से पुलिस को बरामद भी करा दिया था।
चार्जशीट से माल गायब
-आरोप है की पुलिस ने पहले तो चोरों को पकड़ने में लापरवाही दिखाई और दबाव के बाद उन्हें पकड़ कर जेल भेजा।
-लेकिन आरोप है कि पुलिस ने बरामद हुआ चोरी का माल बेच दिया।
-पुलिस ने चार्जशीट में भी माल की बरामदगी नहीं दिखाई। मामला सामने आने पर शिकायतकर्ता ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की। मगर उच्चाधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
सीएम तक पहुंची बात
-ट्रस्ट ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की और मुख्यमंत्री दफ्तर से जांच के आदेश भी हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
-करीब 2 साल तक भटकने के बाद गौतमबुद्धनगर जिला न्यायलय में 156 (3) में केस डाला गया।
-सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में थाना सेक्टर-39 के तत्कालीन प्रभारी धर्मेंद चौहान, सब इंस्पेक्टर स्वतंत्र कुमार और हेड कांस्टेबल विजयपाल सिंह के खिलाफ चोरी का माल गायब करने की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए।
-कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों पर केस दर्ज हो गया। इनमें इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र चौहान प्रमोशन के बाद अब डिप्टी एसपी बन गए हैं।